मेरी आपबीती

मेरी आपबीती Lives in Washi, Maharashtra, India

चाय ❤ ©आरू

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मन को प्रेम-रोग लगाए बैठे है , सुहाने सपने भी सजाए बैठे है। ©आराधना ( अनुशीर्षक में पढ़े )

#shabdshringaar #nojotohindi #nojotoapp  मन को प्रेम-रोग लगाए बैठे है ,
सुहाने सपने भी सजाए बैठे है। 
©आराधना 
( अनुशीर्षक में पढ़े )

मन को प्रेम-रोग लगाए बैठे है , सुहाने सपने भी सजाए बैठे है। शाम होने को है तुम्हारे इंतेज़ार में , किवाड़ पर पलकें बिछाए बैठे है। प्रियतम प्रेम में तेरे सुध-बुध खो के , हम अपनी जान भी गवाएँ बैठे है।

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आख़री कुछ लम्हें बिताने दे तेरी क़ुर्बत में , के अब लोग दफ़न कर देंगे मुझे तुर्बत में। नही मंजूर क़िस्मत को ये साथ तेरा-मेरा , अब हमे भी ये दिन काटने होंगे फ़ुर्क़त में। इक गुलदस्ता ले आना कभी मेरी क़ब्र पर , के दिलभर निहारता रहू मैं तुम्हे फ़ुर्सत में। मैने इश्क़ के गलियारों में सौ ख़्वाब है बुने , तुझसे ही सीखा मैंने इश्क़ तेरी सोहबत में। जा रहा था हमेशा के लिए छोड़ कर मुझे , मुड़ कर पीछे भी ना देख पाया ज़हमत में। मिलना और बिछड़ना तो तय ही था हमारा , के बस तेरा साथ नही लिखा मेरी क़िस्मत में। किसी मोड़ पर मिलेंगे जरूर अब हम-दोनों , के अब 'आरू' गुजारेगी ज़ीस्त इसी हसरत में। ©आराधना

#shabdshringaar #nojotohindi #aabhawrites #nojotoapp  आख़री कुछ लम्हें बिताने दे तेरी क़ुर्बत में ,
के अब लोग दफ़न कर देंगे मुझे तुर्बत में।

नही मंजूर क़िस्मत को ये साथ तेरा-मेरा ,
अब हमे भी ये दिन काटने होंगे फ़ुर्क़त में।

इक गुलदस्ता ले आना कभी मेरी क़ब्र पर ,
के दिलभर निहारता रहू मैं तुम्हे फ़ुर्सत में।

मैने इश्क़ के गलियारों में सौ ख़्वाब है बुने ,
तुझसे ही सीखा मैंने इश्क़ तेरी सोहबत में।

जा रहा था हमेशा के लिए छोड़ कर  मुझे ,
मुड़ कर पीछे भी ना देख पाया ज़हमत में।

मिलना और बिछड़ना तो तय ही था हमारा , 
के बस तेरा साथ नही लिखा मेरी क़िस्मत में।

किसी मोड़ पर मिलेंगे जरूर अब हम-दोनों ,
के अब 'आरू' गुजारेगी ज़ीस्त इसी हसरत में।
©आराधना

तुम्हारे संग बिताए ख़ास लम्हें , तुमसे जुड़ी वो खूबसूरत यादें , उतनी ही मासूम ,खूबसूरत है , जितनी दुब पर गिरी ओस या , फूलों पर मंडराती तितली उसके रंग , जिनको छूते ही हाथो में आ जाते है । ©आराधना

#shabdshringaar #nojotohindi #nojotoapp  तुम्हारे संग बिताए ख़ास लम्हें ,
तुमसे जुड़ी वो खूबसूरत यादें ,
उतनी ही मासूम ,खूबसूरत है ,
जितनी दुब पर गिरी ओस या , 
फूलों पर मंडराती तितली उसके रंग ,
जिनको छूते ही हाथो में आ जाते है ।
©आराधना

काक लेकर आये मधु संदेशा करे काँव काँव, सुनके तेरा संदेशा जमी पर नही पड़े मेरे पाँव। राहों पर मैने पलकें औऱ बहारों ने फूल बिछाए, पड़ते ही जमी पर क़दम तेरे महक उठा ये गाँव। इश्क़ में तेरे पियतम बन कर के मैं जोगनिया, नाच नाच के मैने तोड़े घुंगरू ना थके मेरे पाँव। कभी मिलन तो कभी विरह है हमारे दरमियाँ, होंगे साक्षी मिलन के चाँद औ' बादल की छाँव। डाँड़ उड़ते , भवँर घूमते , नाचे नीर में पाँव मेरे, लहराए ,हिचकौले खाए मनसागर में तेरी ये नावँ। ©आराधना

#shabdshringaar #nojotohindi #nojotoapp  काक लेकर आये मधु संदेशा करे काँव काँव,
सुनके तेरा संदेशा जमी पर नही पड़े मेरे पाँव।

राहों पर मैने पलकें औऱ बहारों ने फूल बिछाए,
पड़ते ही जमी पर क़दम तेरे महक उठा ये गाँव।

इश्क़ में तेरे पियतम बन कर के मैं जोगनिया,
नाच नाच के मैने तोड़े घुंगरू ना थके मेरे पाँव।

कभी मिलन तो कभी विरह है हमारे दरमियाँ,
होंगे साक्षी मिलन के चाँद औ' बादल की छाँव।

डाँड़ उड़ते , भवँर घूमते , नाचे नीर में पाँव मेरे,
लहराए ,हिचकौले खाए मनसागर में तेरी ये नावँ।
©आराधना

उसकी सूरत मेरे दिल से उतरती रही , मुझसे किये वादों से वो मुकरती रही। लगा के मुझे ये श्रृंगार रस है मेरे लिए , पर रक़ीब के लिए सजती-सँवरती रही छोड़ा उसने मुझे किसी और कि ख़ातिर , काँच की तरह टूट के रोज़ बिखरती रही। अक्सर जहाँ मिला करते थे हम दोनों , अब उन सभी गलियोंसे वो गुज़रती रही। जहाँ से उसे दिखे मुझ गरीब का ख़ाना , गली के चौराहें पर घंटो वो ठहरती रही। ©आराधना

#shabdshringaar #nojotohindi #nojotoapp  उसकी सूरत मेरे दिल से उतरती रही ,
मुझसे किये वादों से वो मुकरती रही।

लगा के मुझे ये श्रृंगार रस है मेरे लिए  ,
पर रक़ीब के लिए सजती-सँवरती रही

छोड़ा उसने मुझे किसी और कि ख़ातिर ,
काँच की तरह टूट के रोज़ बिखरती रही। 

अक्सर जहाँ मिला करते थे हम दोनों ,
अब उन सभी गलियोंसे वो गुज़रती रही।

जहाँ से उसे दिखे मुझ गरीब का ख़ाना ,
गली के चौराहें पर घंटो वो ठहरती रही।
©आराधना

दुःख का साया भी हट जाएगा , अपनो में सुख भी बट जाएगा। यूँ ना हिम्मत मत हार ये नेक बंदे , ये मुश्किल वक़्त भी कट जाएगा। जितना ज़रूरी है उतना ही तू माँग , माँगे ज्यादा तो झोला फट जाएगा। ©आराधना

#shabdshringaar  दुःख का साया भी हट जाएगा ,
अपनो में सुख भी बट जाएगा।

यूँ ना हिम्मत मत हार ये नेक बंदे ,
ये मुश्किल वक़्त भी कट जाएगा।

जितना ज़रूरी है उतना ही तू माँग ,
माँगे ज्यादा तो झोला फट जाएगा।
©आराधना
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