तेरे कंगन तेरे कंगन की खनक आज तक सोने ना देती,
तेरे ना होने पर भी होने का एहसास देती,
किसी और के बजे जब कंगन,
तेरा रूप उसी में ढूँढती,
तेरे ना मिलने पर,
रोने पर मजबूर करती
हर दिल कोई धुन गुनगुनाता है, कोई स्वर मे गाता है, कोई राग मे गाता है,
कोई दिल जुड़ने पर गाता है, कोई टूटने पर गाता है,
कोई मीठा गाता है, कोई बेसुरा गाता है,
बस हमारा ही दिल उस की धुन गाता है।
स्वच्छ भारत जनाब देश को सिर्फ प्लास्टिक के कचरे से मुक्त कर स्वच्छ नहीं करना,
बलकी देश को आतंकवाद, भ्रष्टाचार, ग़द्दार, नक्सलवाद, देश की तरक्की मे रुकावट बनने वाले लोगो के कचरे से भी मुक्त कर स्वच्छ करना है।
तो बढ़ाओ एक कदम स्वच्छता की और.......
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