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भाग्य कोई कहता भाग्य बड़ा है कोई कहता कर्म बुद्धि विवेक हर कोई लगाए समझ न पाए मर्म गीता कहती कर्म करो तो लिख सकते हो भाग्य वर्ना द्वार खुला मन्दिर का अपना लो वैराग्य भाग्य भरोसे जो बैठा है लक्ष्य नहीं वो पाता समय निकल जाता है स्वर्णिम तो पीछे पछताता कहे भाग्य कि मेरे आगे वश न चले किसी का बेखुद जिससे रूठ मै जाती रहता नहीं कहीं का ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#कविता #भाग्य  भाग्य

कोई कहता भाग्य बड़ा है
कोई कहता कर्म
बुद्धि विवेक हर कोई लगाए
समझ न पाए मर्म

गीता कहती कर्म करो तो
लिख सकते हो भाग्य
वर्ना द्वार खुला मन्दिर का
अपना लो वैराग्य

भाग्य भरोसे जो बैठा है
लक्ष्य नहीं वो पाता
समय निकल जाता है स्वर्णिम
तो पीछे पछताता

कहे भाग्य कि मेरे आगे
वश न चले किसी का
बेखुद जिससे रूठ मै जाती
रहता नहीं कहीं का

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

White वाटले होते मला की वाटिका आहे जिंदगी सारी इथे शोकांतिका आहे शेतमालाची फुकट बोली तुम्ही लावा कास्तकाराला कुठे उपजीविका आहे वाटते वाचून घ्यावे मी तुला आता केवढी सुंदर तुझी अनुक्रमणिका आहे भिमरायाचा उजळ माथा बघितल्यावर वाटतो हा सूर्यही आता फिका आहे बारशाचे एवढे कौतुक नको ना रे जन्म माझा तेरवीची पत्रिका आहे ©Satish Deshmukh

#मराठीकविता  White वाटले होते मला की वाटिका आहे
जिंदगी सारी इथे शोकांतिका आहे

शेतमालाची फुकट बोली तुम्ही लावा
कास्तकाराला कुठे उपजीविका आहे

वाटते वाचून घ्यावे मी तुला आता
केवढी सुंदर तुझी अनुक्रमणिका आहे

भिमरायाचा उजळ माथा बघितल्यावर
वाटतो हा सूर्यही आता फिका आहे

बारशाचे एवढे कौतुक नको ना रे
जन्म माझा तेरवीची पत्रिका आहे

©Satish Deshmukh

गजल

15 Love

कोई किसी में रह गया तो कोई किसी में बह गया, सब तकदीर का खेल था......., कोई किसी को मिल गया तो कोई किसी को बिन मांगे मिल गया, तो कोई दुआओं में मांगता रह गया...!! ©Heer

 कोई किसी में रह गया तो कोई किसी में बह गया,
सब तकदीर का खेल था.......,
कोई किसी को मिल गया तो कोई किसी को बिन मांगे 
मिल गया,
तो कोई दुआओं में मांगता रह गया...!!

©Heer

सब तकदीर का खेल था...!!

18 Love

White भाग्य रेखाओं में तुम कहीं भी न थे प्राण के पार लेकिन तुम्हें देखते "साथ" के युद्ध में मन पराजित हुआ याद की अब कोई राजधानी नहीं प्रेम तो जन्म से ही प्रेणय हीन है बात लेकिन कभी हमनें मानी नहीं हर नए युग तुम्हारी प्रतीक्षा रहेगी हर घड़ी हम समय से अधिक बीतते भाग्य रेखाओं में तुम कहीं भी न थे प्राण के पार लेकिन तुम्हें देखते..! ©Romil Shrivastava

 White भाग्य रेखाओं में तुम कहीं भी न थे
प्राण के पार लेकिन तुम्हें देखते
"साथ" के युद्ध में मन पराजित हुआ
याद की अब कोई राजधानी नहीं
प्रेम तो जन्म से ही प्रेणय हीन है
बात लेकिन कभी हमनें मानी नहीं
हर नए युग तुम्हारी प्रतीक्षा रहेगी
हर घड़ी हम समय से अधिक बीतते
भाग्य रेखाओं में तुम कहीं भी न थे 
प्राण के पार लेकिन तुम्हें देखते..!

©Romil Shrivastava

भाग्य रेखा

10 Love

#गजल #Kavyitri #kavita #word  White 

आँखों में ख़्वाहिशों के सितारे लिए!
क्या-क्या सोचा था मैंने हमारे लिए!

ए सितमगर! नहीं छोड़ी तुमने कसर,
रो रही हूँ क्यों फ़िर भी तुम्हारे लिए? 

तुमको सारे ज़माने ने जो ग़म दिए,
उनके बदले मुझ ही से क्यों सारे लिए?

न ही कन्धे, न मय, न धुआँ, न दवा,
सह गई सब, बिना कुछ सहारे लिए!

तुमने तोड़ा भरोसे को क्यों इस कदर?
फैसले दिल ने कुछ, डर के मारे लिए!
 
"भावना" की तो पहचान आसान है,
हँस रही आँखों में अश्क़ खारे लिए!

~ भावना आरोही
-
#kavyitri 
#kavita                                                 ✍️
#word

©Nilam Agarwalla

#गजल

99 View

White जय माता दी 🌺🌺🌺 जीवन में किसी की हद से ज्यादा आस व विश्वास भी.... दुःख का कारण बन जाया करता है, कोई किसी का नहीं होता.... सब समय का खेल है ©M R Mehata(रानिसीगं )

#sad_shayari #लव  White जय माता दी 
🌺🌺🌺

जीवन में किसी की हद से ज्यादा 

आस व विश्वास भी.... 

दुःख का कारण बन जाया करता

है, कोई किसी का नहीं होता.... 

सब समय का खेल है

©M R Mehata(रानिसीगं )

#sad_shayari .....समय का खेल है

13 Love

भाग्य कोई कहता भाग्य बड़ा है कोई कहता कर्म बुद्धि विवेक हर कोई लगाए समझ न पाए मर्म गीता कहती कर्म करो तो लिख सकते हो भाग्य वर्ना द्वार खुला मन्दिर का अपना लो वैराग्य भाग्य भरोसे जो बैठा है लक्ष्य नहीं वो पाता समय निकल जाता है स्वर्णिम तो पीछे पछताता कहे भाग्य कि मेरे आगे वश न चले किसी का बेखुद जिससे रूठ मै जाती रहता नहीं कहीं का ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#कविता #भाग्य  भाग्य

कोई कहता भाग्य बड़ा है
कोई कहता कर्म
बुद्धि विवेक हर कोई लगाए
समझ न पाए मर्म

गीता कहती कर्म करो तो
लिख सकते हो भाग्य
वर्ना द्वार खुला मन्दिर का
अपना लो वैराग्य

भाग्य भरोसे जो बैठा है
लक्ष्य नहीं वो पाता
समय निकल जाता है स्वर्णिम
तो पीछे पछताता

कहे भाग्य कि मेरे आगे
वश न चले किसी का
बेखुद जिससे रूठ मै जाती
रहता नहीं कहीं का

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

White वाटले होते मला की वाटिका आहे जिंदगी सारी इथे शोकांतिका आहे शेतमालाची फुकट बोली तुम्ही लावा कास्तकाराला कुठे उपजीविका आहे वाटते वाचून घ्यावे मी तुला आता केवढी सुंदर तुझी अनुक्रमणिका आहे भिमरायाचा उजळ माथा बघितल्यावर वाटतो हा सूर्यही आता फिका आहे बारशाचे एवढे कौतुक नको ना रे जन्म माझा तेरवीची पत्रिका आहे ©Satish Deshmukh

#मराठीकविता  White वाटले होते मला की वाटिका आहे
जिंदगी सारी इथे शोकांतिका आहे

शेतमालाची फुकट बोली तुम्ही लावा
कास्तकाराला कुठे उपजीविका आहे

वाटते वाचून घ्यावे मी तुला आता
केवढी सुंदर तुझी अनुक्रमणिका आहे

भिमरायाचा उजळ माथा बघितल्यावर
वाटतो हा सूर्यही आता फिका आहे

बारशाचे एवढे कौतुक नको ना रे
जन्म माझा तेरवीची पत्रिका आहे

©Satish Deshmukh

गजल

15 Love

कोई किसी में रह गया तो कोई किसी में बह गया, सब तकदीर का खेल था......., कोई किसी को मिल गया तो कोई किसी को बिन मांगे मिल गया, तो कोई दुआओं में मांगता रह गया...!! ©Heer

 कोई किसी में रह गया तो कोई किसी में बह गया,
सब तकदीर का खेल था.......,
कोई किसी को मिल गया तो कोई किसी को बिन मांगे 
मिल गया,
तो कोई दुआओं में मांगता रह गया...!!

©Heer

सब तकदीर का खेल था...!!

18 Love

White भाग्य रेखाओं में तुम कहीं भी न थे प्राण के पार लेकिन तुम्हें देखते "साथ" के युद्ध में मन पराजित हुआ याद की अब कोई राजधानी नहीं प्रेम तो जन्म से ही प्रेणय हीन है बात लेकिन कभी हमनें मानी नहीं हर नए युग तुम्हारी प्रतीक्षा रहेगी हर घड़ी हम समय से अधिक बीतते भाग्य रेखाओं में तुम कहीं भी न थे प्राण के पार लेकिन तुम्हें देखते..! ©Romil Shrivastava

 White भाग्य रेखाओं में तुम कहीं भी न थे
प्राण के पार लेकिन तुम्हें देखते
"साथ" के युद्ध में मन पराजित हुआ
याद की अब कोई राजधानी नहीं
प्रेम तो जन्म से ही प्रेणय हीन है
बात लेकिन कभी हमनें मानी नहीं
हर नए युग तुम्हारी प्रतीक्षा रहेगी
हर घड़ी हम समय से अधिक बीतते
भाग्य रेखाओं में तुम कहीं भी न थे 
प्राण के पार लेकिन तुम्हें देखते..!

©Romil Shrivastava

भाग्य रेखा

10 Love

#गजल #Kavyitri #kavita #word  White 

आँखों में ख़्वाहिशों के सितारे लिए!
क्या-क्या सोचा था मैंने हमारे लिए!

ए सितमगर! नहीं छोड़ी तुमने कसर,
रो रही हूँ क्यों फ़िर भी तुम्हारे लिए? 

तुमको सारे ज़माने ने जो ग़म दिए,
उनके बदले मुझ ही से क्यों सारे लिए?

न ही कन्धे, न मय, न धुआँ, न दवा,
सह गई सब, बिना कुछ सहारे लिए!

तुमने तोड़ा भरोसे को क्यों इस कदर?
फैसले दिल ने कुछ, डर के मारे लिए!
 
"भावना" की तो पहचान आसान है,
हँस रही आँखों में अश्क़ खारे लिए!

~ भावना आरोही
-
#kavyitri 
#kavita                                                 ✍️
#word

©Nilam Agarwalla

#गजल

99 View

White जय माता दी 🌺🌺🌺 जीवन में किसी की हद से ज्यादा आस व विश्वास भी.... दुःख का कारण बन जाया करता है, कोई किसी का नहीं होता.... सब समय का खेल है ©M R Mehata(रानिसीगं )

#sad_shayari #लव  White जय माता दी 
🌺🌺🌺

जीवन में किसी की हद से ज्यादा 

आस व विश्वास भी.... 

दुःख का कारण बन जाया करता

है, कोई किसी का नहीं होता.... 

सब समय का खेल है

©M R Mehata(रानिसीगं )

#sad_shayari .....समय का खेल है

13 Love

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