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New हरसिंगार के परहेज Status, Photo, Video

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White परहेज कर लीजिए नहीं तो जिंदगी श्राप है शुद्ध खानपान हमेशा से डाक्टरों का बाप है ©Ram Prakash

#मोटिवेशनल #love_shayari  White परहेज कर लीजिए नहीं तो जिंदगी
श्राप
है
शुद्ध खानपान हमेशा से डाक्टरों का
बाप
है

©Ram Prakash

#love_shayari परहेज

11 Love

White परहेज के बिना जीवन एक श्राप है शुद्ध खान पान डाक्टरों का बाप है ©Ram Prakash

#मोटिवेशनल #love_shayari  White परहेज  के  बिना  जीवन  एक
श्राप
है
शुद्ध खान पान डाक्टरों का
बाप
है

©Ram Prakash

#love_shayari परहेज

13 Love

#मोटिवेशनल

मियाँ का घर भी भगवान चला रहे हैं.. तो घर वापसी से परहेज क्यों.....?? सब सुख लहें तुम्हारी शरणा l तुम रक्षक काहू को डरना ll

135 View

White #हरसिंगार  शरद रात की आगोश में  फिर हरसिंगार मुस्कुराया है  झिलमिल करती इनकी कलियां  सुगंध कितना फैलाया है  ओस की बूंदों में लिपटी  जैसे कोई अल्हड़ बाला अंगारे सी इसकी डंठल  जैसे प्रीत की ज्वाला  बिखर जाती धरा पर ऐसे  जैसे बिखरी हो ज्योति  राह तकते प्रियतम की आंसुओ की मोती  अंजूरी में भर कर किसी के  देवालय के प्रांगण तक जाएगी  गूंथ माला में कलियों के संग देवी के गले में खिलखिलाएगी  भाग्य बड़ा है इसका भी  पावन‌ ऋतु में आती है  चढ़ कर मां के चरणों में  भाग्य पर इतराती है  महज फूल नहीं ये हरश्रृंगार  औषधि की है भंडार  तभी तो सभी करते इतना प्यार ©Savita Suman

#हरसिंगार  #हरसिंगार #कविता #love_shayari  White #हरसिंगार 

शरद रात की आगोश में 

फिर हरसिंगार मुस्कुराया है 

झिलमिल करती इनकी कलियां 

सुगंध कितना फैलाया है 

ओस की बूंदों में लिपटी 

जैसे कोई अल्हड़ बाला

अंगारे सी इसकी डंठल 

जैसे प्रीत की ज्वाला 

बिखर जाती धरा पर ऐसे 

जैसे बिखरी हो ज्योति 

राह तकते प्रियतम की

आंसुओ की मोती 

अंजूरी में भर कर किसी के 

देवालय के प्रांगण तक जाएगी 

गूंथ माला में कलियों के संग

देवी के गले में खिलखिलाएगी 

भाग्य बड़ा है इसका भी 

पावन‌ ऋतु में आती है 

चढ़ कर मां के चरणों में 

भाग्य पर इतराती है 

महज फूल नहीं ये हरश्रृंगार 

औषधि की है भंडार 

तभी तो सभी करते इतना प्यार

©Savita Suman

White #हरसिंगार शरद रात की आगोश में फिर हरसिंगार मुस्कुराया है झिलमिल करती इनकी कलियां सुगंध कितना फैलाया है ओस की बूंदों में लिपटी जैसे कोई अल्हड़ बाला अंगारे सी इसकी डंठल जैसे प्रीत की ज्वाला बिखर जाती धरा पर ऐसे जैसे बिखरी हो ज्योति राह तकते प्रियतम की आंसुओ की मोती अंजूरी में भर कर किसी के देवालय के प्रांगण तक जाएगी गूंथ माला में कलियों के संग देवी के गले में खिलखिलाएगी भाग्य बड़ा है इसका भी पावन‌ ऋतु में आती है चढ़ कर मां के चरणों में भाग्य पर इतराती है महज फूल नहीं ये हरश्रृंगार औषधि की है भंडार तभी तो सभी करते इतना प्यार ©Savita Suman

#हरसिंगार #कविता #love_shayari  White #हरसिंगार 
शरद रात की आगोश में 
फिर हरसिंगार मुस्कुराया है 
झिलमिल करती इनकी कलियां 
सुगंध कितना फैलाया है 
ओस की बूंदों में लिपटी 
जैसे कोई अल्हड़ बाला
अंगारे सी इसकी डंठल 
जैसे प्रीत की ज्वाला 
बिखर जाती धरा पर ऐसे 
जैसे बिखरी हो ज्योति 
राह तकते प्रियतम की
आंसुओ की मोती 
अंजूरी में भर कर किसी के 
देवालय के प्रांगण तक जाएगी 
गूंथ माला में कलियों के संग
देवी के गले में खिलखिलाएगी 
भाग्य बड़ा है इसका भी 
पावन‌ ऋतु में आती है 
चढ़ कर मां के चरणों में 
भाग्य पर इतराती है 
महज फूल नहीं ये हरश्रृंगार 
औषधि की है भंडार 
तभी तो सभी करते इतना प्यार

©Savita Suman

सुनो हरसिंगार है एक सवाल वैसी क्यों हो तुम जैसे और सब नही जैसे हैं ये सब तुम वैसी क्यों नहीं और भी तो फूल है खेलते है खिलते है डालियों पर टिकते है जब तक तोड़ें नही जाते डाली छोड़ते नही पर तुम तो हो बिलकुल अलग खिल तो जाती हो पर क्यों तुम रुक नही पाती खुद ही डाली छोड़ जाती हो क्या है ऐसा की सब मोह में पड़े और तुम मोह से परे हरसिंगार क्यों हो तुम ऐसी ?? ©मिहिर

#कविता  सुनो हरसिंगार
है एक सवाल

वैसी क्यों हो तुम 
जैसे और सब नही
जैसे हैं ये सब
तुम वैसी क्यों नहीं 

और भी तो फूल है
खेलते है खिलते है
डालियों पर टिकते है
जब तक तोड़ें नही जाते 
डाली छोड़ते नही

पर तुम तो हो बिलकुल अलग 
खिल तो जाती हो
पर क्यों तुम रुक नही पाती
खुद ही डाली छोड़ जाती हो

क्या है ऐसा की
सब मोह में पड़े 
और तुम मोह से परे 

हरसिंगार क्यों हो तुम ऐसी ??

©मिहिर

हरसिंगार

15 Love

White परहेज कर लीजिए नहीं तो जिंदगी श्राप है शुद्ध खानपान हमेशा से डाक्टरों का बाप है ©Ram Prakash

#मोटिवेशनल #love_shayari  White परहेज कर लीजिए नहीं तो जिंदगी
श्राप
है
शुद्ध खानपान हमेशा से डाक्टरों का
बाप
है

©Ram Prakash

#love_shayari परहेज

11 Love

White परहेज के बिना जीवन एक श्राप है शुद्ध खान पान डाक्टरों का बाप है ©Ram Prakash

#मोटिवेशनल #love_shayari  White परहेज  के  बिना  जीवन  एक
श्राप
है
शुद्ध खान पान डाक्टरों का
बाप
है

©Ram Prakash

#love_shayari परहेज

13 Love

#मोटिवेशनल

मियाँ का घर भी भगवान चला रहे हैं.. तो घर वापसी से परहेज क्यों.....?? सब सुख लहें तुम्हारी शरणा l तुम रक्षक काहू को डरना ll

135 View

White #हरसिंगार  शरद रात की आगोश में  फिर हरसिंगार मुस्कुराया है  झिलमिल करती इनकी कलियां  सुगंध कितना फैलाया है  ओस की बूंदों में लिपटी  जैसे कोई अल्हड़ बाला अंगारे सी इसकी डंठल  जैसे प्रीत की ज्वाला  बिखर जाती धरा पर ऐसे  जैसे बिखरी हो ज्योति  राह तकते प्रियतम की आंसुओ की मोती  अंजूरी में भर कर किसी के  देवालय के प्रांगण तक जाएगी  गूंथ माला में कलियों के संग देवी के गले में खिलखिलाएगी  भाग्य बड़ा है इसका भी  पावन‌ ऋतु में आती है  चढ़ कर मां के चरणों में  भाग्य पर इतराती है  महज फूल नहीं ये हरश्रृंगार  औषधि की है भंडार  तभी तो सभी करते इतना प्यार ©Savita Suman

#हरसिंगार  #हरसिंगार #कविता #love_shayari  White #हरसिंगार 

शरद रात की आगोश में 

फिर हरसिंगार मुस्कुराया है 

झिलमिल करती इनकी कलियां 

सुगंध कितना फैलाया है 

ओस की बूंदों में लिपटी 

जैसे कोई अल्हड़ बाला

अंगारे सी इसकी डंठल 

जैसे प्रीत की ज्वाला 

बिखर जाती धरा पर ऐसे 

जैसे बिखरी हो ज्योति 

राह तकते प्रियतम की

आंसुओ की मोती 

अंजूरी में भर कर किसी के 

देवालय के प्रांगण तक जाएगी 

गूंथ माला में कलियों के संग

देवी के गले में खिलखिलाएगी 

भाग्य बड़ा है इसका भी 

पावन‌ ऋतु में आती है 

चढ़ कर मां के चरणों में 

भाग्य पर इतराती है 

महज फूल नहीं ये हरश्रृंगार 

औषधि की है भंडार 

तभी तो सभी करते इतना प्यार

©Savita Suman

White #हरसिंगार शरद रात की आगोश में फिर हरसिंगार मुस्कुराया है झिलमिल करती इनकी कलियां सुगंध कितना फैलाया है ओस की बूंदों में लिपटी जैसे कोई अल्हड़ बाला अंगारे सी इसकी डंठल जैसे प्रीत की ज्वाला बिखर जाती धरा पर ऐसे जैसे बिखरी हो ज्योति राह तकते प्रियतम की आंसुओ की मोती अंजूरी में भर कर किसी के देवालय के प्रांगण तक जाएगी गूंथ माला में कलियों के संग देवी के गले में खिलखिलाएगी भाग्य बड़ा है इसका भी पावन‌ ऋतु में आती है चढ़ कर मां के चरणों में भाग्य पर इतराती है महज फूल नहीं ये हरश्रृंगार औषधि की है भंडार तभी तो सभी करते इतना प्यार ©Savita Suman

#हरसिंगार #कविता #love_shayari  White #हरसिंगार 
शरद रात की आगोश में 
फिर हरसिंगार मुस्कुराया है 
झिलमिल करती इनकी कलियां 
सुगंध कितना फैलाया है 
ओस की बूंदों में लिपटी 
जैसे कोई अल्हड़ बाला
अंगारे सी इसकी डंठल 
जैसे प्रीत की ज्वाला 
बिखर जाती धरा पर ऐसे 
जैसे बिखरी हो ज्योति 
राह तकते प्रियतम की
आंसुओ की मोती 
अंजूरी में भर कर किसी के 
देवालय के प्रांगण तक जाएगी 
गूंथ माला में कलियों के संग
देवी के गले में खिलखिलाएगी 
भाग्य बड़ा है इसका भी 
पावन‌ ऋतु में आती है 
चढ़ कर मां के चरणों में 
भाग्य पर इतराती है 
महज फूल नहीं ये हरश्रृंगार 
औषधि की है भंडार 
तभी तो सभी करते इतना प्यार

©Savita Suman

सुनो हरसिंगार है एक सवाल वैसी क्यों हो तुम जैसे और सब नही जैसे हैं ये सब तुम वैसी क्यों नहीं और भी तो फूल है खेलते है खिलते है डालियों पर टिकते है जब तक तोड़ें नही जाते डाली छोड़ते नही पर तुम तो हो बिलकुल अलग खिल तो जाती हो पर क्यों तुम रुक नही पाती खुद ही डाली छोड़ जाती हो क्या है ऐसा की सब मोह में पड़े और तुम मोह से परे हरसिंगार क्यों हो तुम ऐसी ?? ©मिहिर

#कविता  सुनो हरसिंगार
है एक सवाल

वैसी क्यों हो तुम 
जैसे और सब नही
जैसे हैं ये सब
तुम वैसी क्यों नहीं 

और भी तो फूल है
खेलते है खिलते है
डालियों पर टिकते है
जब तक तोड़ें नही जाते 
डाली छोड़ते नही

पर तुम तो हो बिलकुल अलग 
खिल तो जाती हो
पर क्यों तुम रुक नही पाती
खुद ही डाली छोड़ जाती हो

क्या है ऐसा की
सब मोह में पड़े 
और तुम मोह से परे 

हरसिंगार क्यों हो तुम ऐसी ??

©मिहिर

हरसिंगार

15 Love

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