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White मेरे कुछ शेर संदर्भ में पढ़े। (Please read the caption) ©Jayesh gulati

#शायरी #GoodMorning  White मेरे कुछ शेर संदर्भ में पढ़े।
(Please read the caption)

©Jayesh gulati

जब तुम्हारी जरूरत थी, तुम थे नहीं । अब तुम हो, मगर तुम्हारी जरूरत नहीं ।। .................... ना वो सवाल करती है, ना कोई जवाब देती है ।

16 Love

जो मेरे पास आना नहीं चाहता, मैं भी उसको बुलाना नहीं चाहता, उसके चेहरे की रौनक खत्म हो गई, अब दीवानों की तादात कम हो गई, दर्द उसने जो अपना सुनाया तो फिर, एक तस्वीर की आँख नम हो गई।। एक तबायफ से सब प्यार करते हैं पर, कोई दुल्हन बनाना नहीं चाहता।। ©Ashvani Kumar

#lalishq  जो मेरे पास आना नहीं चाहता,
मैं भी उसको बुलाना नहीं चाहता,
उसके चेहरे की रौनक खत्म हो गई,
अब दीवानों की तादात कम हो गई,
दर्द उसने जो अपना सुनाया तो फिर,
एक तस्वीर की आँख नम हो गई।।
एक तबायफ से सब प्यार करते हैं पर,
कोई दुल्हन बनाना नहीं चाहता।।

©Ashvani Kumar

#lalishq एक तबायफ को दुल्हन बनाना नहीं चाहता

17 Love

#विचार  White सूर्य की लालिमा जब चारों ओर फैलती हैं तो धरती एक लाल जोड़े वाली दुल्हन के समान लगती है।

©Satish Kumar Meena

दुल्हन

108 View

🌸 गजानंद जी चले 🌸 गजानन जी चले अपने धाम चलो सखी झूमे नाचे करें उन्हें प्रणाम। झांकी सजाओ बनाओ मोदक पकवान मूषक पर होके सवार चले गजानन जी आया बुलावा मां पार्वती का गजानन जी चले अपने धाम ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर143 #गणेशचतुर्थी #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर #भक्तों #गजानंद  🌸 गजानंद जी चले 🌸


गजानन जी चले अपने धाम 
चलो सखी झूमे नाचे करें उन्हें प्रणाम।

झांकी सजाओ बनाओ मोदक पकवान
मूषक पर होके सवार चले गजानन जी
आया बुलावा मां पार्वती का
गजानन जी चले अपने धाम

©बेजुबान शायर shivkumar

भक्ति सागर भक्ति भजन भक्ति संगीत @Sethi Ji Santosh Narwar Aligarh (9058141336) @poonam atrey @puja udeshi @Aman Singh #गणेशचतुर्थी #Ganes

13 Love

#AnjaliSinghal #ViralVideo #EXPLORE

"दिल पर लिखा है मैंने जबसे तेरा नाम, भंवरों ने भेजा है फूलों को पैगाम; नजारों ने बिखेरी है रंगों की ये शाम, सितारे भी मदहोश हैं पीकर के ये ज

144 View

White ग़ज़ल :- धरा को फिर नई दुल्हन बनाने मेघ आये हैं । दफ़्न जो बीज थे अंदर  उगाने मेघ आये हैं ।। खुशी से झूमता हलधर मुरादें हो गई पूरी । फसल को आज मेरी जो हँसाने मेघ आये हैं ।। किसानों के हमीं साथी बने संसार में देखो । यही तो बात है जो अब जताने मेघ आये हैं ।। कहीं सूखा कहीं गीला प्रकृति के प्रेम पर निर्भर । बनाओ मत हमें बैरी बताने मेघ आये हैं ।। तपन से सूर्य की देखो धरा जब भी हुई प्यासी । सुना है प्यास को उसकी बुझाने मेघ आये हैं ।। भले इंसान थे कल तक मगर शैतान हैं अब तो । उन्हें इंसान अब फिर से बनाने मेघ आये हैं ।। वरुण जी भी हुए क्रोधित तुम्हारी आज हरकत से । सँभल जाओ प्रखर अब तुम सिखाने मेघ आये हैं ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल :-
धरा को फिर नई दुल्हन बनाने मेघ आये हैं ।
दफ़्न जो बीज थे अंदर  उगाने मेघ आये हैं ।।

खुशी से झूमता हलधर मुरादें हो गई पूरी ।
फसल को आज मेरी जो हँसाने मेघ आये हैं ।।

किसानों के हमीं साथी बने संसार में देखो ।
यही तो बात है जो अब जताने मेघ आये हैं ।।

कहीं सूखा कहीं गीला प्रकृति के प्रेम पर निर्भर ।
बनाओ मत हमें बैरी बताने मेघ आये हैं ।।

तपन से सूर्य की देखो धरा जब भी हुई प्यासी ।
सुना है प्यास को उसकी बुझाने मेघ आये हैं ।।

भले इंसान थे कल तक मगर शैतान हैं अब तो ।
उन्हें इंसान अब फिर से बनाने मेघ आये हैं ।।

वरुण जी भी हुए क्रोधित तुम्हारी आज हरकत से ।
सँभल जाओ प्रखर अब तुम सिखाने मेघ आये हैं ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- धरा को फिर नई दुल्हन बनाने मेघ आये हैं । दफ़्न जो बीज थे अंदर  उगाने मेघ आये हैं ।। खुशी से झूमता हलधर मुरादें हो गई पूरी । फसल को आज

12 Love

White मेरे कुछ शेर संदर्भ में पढ़े। (Please read the caption) ©Jayesh gulati

#शायरी #GoodMorning  White मेरे कुछ शेर संदर्भ में पढ़े।
(Please read the caption)

©Jayesh gulati

जब तुम्हारी जरूरत थी, तुम थे नहीं । अब तुम हो, मगर तुम्हारी जरूरत नहीं ।। .................... ना वो सवाल करती है, ना कोई जवाब देती है ।

16 Love

जो मेरे पास आना नहीं चाहता, मैं भी उसको बुलाना नहीं चाहता, उसके चेहरे की रौनक खत्म हो गई, अब दीवानों की तादात कम हो गई, दर्द उसने जो अपना सुनाया तो फिर, एक तस्वीर की आँख नम हो गई।। एक तबायफ से सब प्यार करते हैं पर, कोई दुल्हन बनाना नहीं चाहता।। ©Ashvani Kumar

#lalishq  जो मेरे पास आना नहीं चाहता,
मैं भी उसको बुलाना नहीं चाहता,
उसके चेहरे की रौनक खत्म हो गई,
अब दीवानों की तादात कम हो गई,
दर्द उसने जो अपना सुनाया तो फिर,
एक तस्वीर की आँख नम हो गई।।
एक तबायफ से सब प्यार करते हैं पर,
कोई दुल्हन बनाना नहीं चाहता।।

©Ashvani Kumar

#lalishq एक तबायफ को दुल्हन बनाना नहीं चाहता

17 Love

#विचार  White सूर्य की लालिमा जब चारों ओर फैलती हैं तो धरती एक लाल जोड़े वाली दुल्हन के समान लगती है।

©Satish Kumar Meena

दुल्हन

108 View

🌸 गजानंद जी चले 🌸 गजानन जी चले अपने धाम चलो सखी झूमे नाचे करें उन्हें प्रणाम। झांकी सजाओ बनाओ मोदक पकवान मूषक पर होके सवार चले गजानन जी आया बुलावा मां पार्वती का गजानन जी चले अपने धाम ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर143 #गणेशचतुर्थी #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर #भक्तों #गजानंद  🌸 गजानंद जी चले 🌸


गजानन जी चले अपने धाम 
चलो सखी झूमे नाचे करें उन्हें प्रणाम।

झांकी सजाओ बनाओ मोदक पकवान
मूषक पर होके सवार चले गजानन जी
आया बुलावा मां पार्वती का
गजानन जी चले अपने धाम

©बेजुबान शायर shivkumar

भक्ति सागर भक्ति भजन भक्ति संगीत @Sethi Ji Santosh Narwar Aligarh (9058141336) @poonam atrey @puja udeshi @Aman Singh #गणेशचतुर्थी #Ganes

13 Love

#AnjaliSinghal #ViralVideo #EXPLORE

"दिल पर लिखा है मैंने जबसे तेरा नाम, भंवरों ने भेजा है फूलों को पैगाम; नजारों ने बिखेरी है रंगों की ये शाम, सितारे भी मदहोश हैं पीकर के ये ज

144 View

White ग़ज़ल :- धरा को फिर नई दुल्हन बनाने मेघ आये हैं । दफ़्न जो बीज थे अंदर  उगाने मेघ आये हैं ।। खुशी से झूमता हलधर मुरादें हो गई पूरी । फसल को आज मेरी जो हँसाने मेघ आये हैं ।। किसानों के हमीं साथी बने संसार में देखो । यही तो बात है जो अब जताने मेघ आये हैं ।। कहीं सूखा कहीं गीला प्रकृति के प्रेम पर निर्भर । बनाओ मत हमें बैरी बताने मेघ आये हैं ।। तपन से सूर्य की देखो धरा जब भी हुई प्यासी । सुना है प्यास को उसकी बुझाने मेघ आये हैं ।। भले इंसान थे कल तक मगर शैतान हैं अब तो । उन्हें इंसान अब फिर से बनाने मेघ आये हैं ।। वरुण जी भी हुए क्रोधित तुम्हारी आज हरकत से । सँभल जाओ प्रखर अब तुम सिखाने मेघ आये हैं ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल :-
धरा को फिर नई दुल्हन बनाने मेघ आये हैं ।
दफ़्न जो बीज थे अंदर  उगाने मेघ आये हैं ।।

खुशी से झूमता हलधर मुरादें हो गई पूरी ।
फसल को आज मेरी जो हँसाने मेघ आये हैं ।।

किसानों के हमीं साथी बने संसार में देखो ।
यही तो बात है जो अब जताने मेघ आये हैं ।।

कहीं सूखा कहीं गीला प्रकृति के प्रेम पर निर्भर ।
बनाओ मत हमें बैरी बताने मेघ आये हैं ।।

तपन से सूर्य की देखो धरा जब भी हुई प्यासी ।
सुना है प्यास को उसकी बुझाने मेघ आये हैं ।।

भले इंसान थे कल तक मगर शैतान हैं अब तो ।
उन्हें इंसान अब फिर से बनाने मेघ आये हैं ।।

वरुण जी भी हुए क्रोधित तुम्हारी आज हरकत से ।
सँभल जाओ प्रखर अब तुम सिखाने मेघ आये हैं ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- धरा को फिर नई दुल्हन बनाने मेघ आये हैं । दफ़्न जो बीज थे अंदर  उगाने मेघ आये हैं ।। खुशी से झूमता हलधर मुरादें हो गई पूरी । फसल को आज

12 Love

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