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New पुण्याजवळील एक आधुनिक सिटी Status, Photo, Video

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एक-एक कर चले गए, बारी बारी छले गए, दो पाटन के बीचों-बीच, जितने थे सब दले गये, गर्म तेल से भरी कराही, गिरे तो समझो तले गये, शोक और दुःख से यारों, फ़ुरसत लेकर भले गये, वक्त रेत सा फिसल गया, हाथ अंत में मले गये, अपनी आंखों के आगे, टूटा भ्रम दिलजले गये, संभल नहीं पाया 'गुंजन', दल-दल में मनचले गये, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #एक  एक-एक  कर  चले गए,
बारी  बारी    छले   गए,

दो पाटन के बीचों-बीच,
जितने थे  सब दले गये,

गर्म तेल से भरी कराही,
गिरे तो समझो तले गये,

शोक और दुःख से यारों,
फ़ुरसत  लेकर भले गये,

वक्त रेत सा फिसल गया,
हाथ  अंत  में  मले   गये,

अपनी  आंखों  के  आगे,
टूटा  भ्रम  दिलजले  गये,

संभल नहीं पाया 'गुंजन',
दल-दल में  मनचले गये,
-शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra

#एक-एक कर चले गए#

11 Love

White मैं तुम्हें उस अंत तक अपनी स्मृतियों में अक्षुण्ण रखना चाहूँगा एक आस के साथ एक नए आयाम में एक नूतन आरम्भ के साथ ©हिमांशु Kulshreshtha

 White मैं तुम्हें
उस अंत तक
अपनी स्मृतियों में
अक्षुण्ण रखना चाहूँगा
एक आस के साथ
एक नए आयाम में
एक नूतन आरम्भ के साथ

©हिमांशु Kulshreshtha

एक आस...

18 Love

शुगर की देसी दवाई 15 दिनों में शुगर नॉर्मल हरियाणा सिटी कैथल ☎️9729058024

99 View

#कविता  White एक रिश्ता दोस्ती का।
जो होता है बेफिक्री सा।।
जहाँ जिद्द नही होती है रिश्तो मे।
होता है सिर्फ प्यार और विश्वास।।
 जहा ढोल नहीं बजते मुलाकातों मे।
होती है खनक और एक मीठी सी आश।।
वो रिश्ता खुद ब खुद चमकता है।
फिर चाहे वो धरती हो या आकाश।।
वो रिश्ता फूलों सा महकता है।
होता है प्यार भरा एक मिठा सा एहसास।।
वो रिश्ता बन जाता है खुद ब खुद खास।
और भर जाता है जीवन में एक मिठास।।
जो जरूरत पड़ने पर हर पल होता है साथ।
फ़िसलते हुए कदमो को थाम लेते है उसके हाथ।।
वो जो रुलाता नही है ।
जो होता है स्वार्थ से परे।।
वो रिश्ता जो सताता नहीं है।
ना होता है,किसी के आसरे।।

©chahat

एक रिश्ता

135 View

#कविता

काव्य महारथी गीता कुमारी गुस्ताख़ बोकारो स्टील सिटी झारखंड कविता कोश हिंदी कविता कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी देशभक्ति कविताएँ

135 View

नई-नई आंखें हो तो हर मंजर अच्छा लगता है कुछ दिन शहर में भूमे लेकिन अब घर अच्छा लगता है मिलने-जुलने वालों में तो सब ही अपने जैसे हैं जिस से अब तक मिले नहीं वो अक्सर ही अच्छा लगता है हम ने भी सो कर देखा है नए पुराने शहरों में जैसा भी है पर अपने घर का बिस्तर अच्छा लगता है ©dixit_love_

#जीमादारी #सिटी #घर #sadak  नई-नई आंखें हो तो हर मंजर अच्छा लगता है
कुछ दिन शहर में भूमे लेकिन अब घर अच्छा लगता है



मिलने-जुलने वालों में तो सब ही अपने जैसे हैं
जिस से अब तक मिले नहीं वो अक्सर ही अच्छा लगता है



हम ने भी सो कर देखा है नए पुराने शहरों में
जैसा भी है पर अपने घर का बिस्तर अच्छा लगता है

©dixit_love_

एक-एक कर चले गए, बारी बारी छले गए, दो पाटन के बीचों-बीच, जितने थे सब दले गये, गर्म तेल से भरी कराही, गिरे तो समझो तले गये, शोक और दुःख से यारों, फ़ुरसत लेकर भले गये, वक्त रेत सा फिसल गया, हाथ अंत में मले गये, अपनी आंखों के आगे, टूटा भ्रम दिलजले गये, संभल नहीं पाया 'गुंजन', दल-दल में मनचले गये, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #एक  एक-एक  कर  चले गए,
बारी  बारी    छले   गए,

दो पाटन के बीचों-बीच,
जितने थे  सब दले गये,

गर्म तेल से भरी कराही,
गिरे तो समझो तले गये,

शोक और दुःख से यारों,
फ़ुरसत  लेकर भले गये,

वक्त रेत सा फिसल गया,
हाथ  अंत  में  मले   गये,

अपनी  आंखों  के  आगे,
टूटा  भ्रम  दिलजले  गये,

संभल नहीं पाया 'गुंजन',
दल-दल में  मनचले गये,
-शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra

#एक-एक कर चले गए#

11 Love

White मैं तुम्हें उस अंत तक अपनी स्मृतियों में अक्षुण्ण रखना चाहूँगा एक आस के साथ एक नए आयाम में एक नूतन आरम्भ के साथ ©हिमांशु Kulshreshtha

 White मैं तुम्हें
उस अंत तक
अपनी स्मृतियों में
अक्षुण्ण रखना चाहूँगा
एक आस के साथ
एक नए आयाम में
एक नूतन आरम्भ के साथ

©हिमांशु Kulshreshtha

एक आस...

18 Love

शुगर की देसी दवाई 15 दिनों में शुगर नॉर्मल हरियाणा सिटी कैथल ☎️9729058024

99 View

#कविता  White एक रिश्ता दोस्ती का।
जो होता है बेफिक्री सा।।
जहाँ जिद्द नही होती है रिश्तो मे।
होता है सिर्फ प्यार और विश्वास।।
 जहा ढोल नहीं बजते मुलाकातों मे।
होती है खनक और एक मीठी सी आश।।
वो रिश्ता खुद ब खुद चमकता है।
फिर चाहे वो धरती हो या आकाश।।
वो रिश्ता फूलों सा महकता है।
होता है प्यार भरा एक मिठा सा एहसास।।
वो रिश्ता बन जाता है खुद ब खुद खास।
और भर जाता है जीवन में एक मिठास।।
जो जरूरत पड़ने पर हर पल होता है साथ।
फ़िसलते हुए कदमो को थाम लेते है उसके हाथ।।
वो जो रुलाता नही है ।
जो होता है स्वार्थ से परे।।
वो रिश्ता जो सताता नहीं है।
ना होता है,किसी के आसरे।।

©chahat

एक रिश्ता

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#कविता

काव्य महारथी गीता कुमारी गुस्ताख़ बोकारो स्टील सिटी झारखंड कविता कोश हिंदी कविता कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी देशभक्ति कविताएँ

135 View

नई-नई आंखें हो तो हर मंजर अच्छा लगता है कुछ दिन शहर में भूमे लेकिन अब घर अच्छा लगता है मिलने-जुलने वालों में तो सब ही अपने जैसे हैं जिस से अब तक मिले नहीं वो अक्सर ही अच्छा लगता है हम ने भी सो कर देखा है नए पुराने शहरों में जैसा भी है पर अपने घर का बिस्तर अच्छा लगता है ©dixit_love_

#जीमादारी #सिटी #घर #sadak  नई-नई आंखें हो तो हर मंजर अच्छा लगता है
कुछ दिन शहर में भूमे लेकिन अब घर अच्छा लगता है



मिलने-जुलने वालों में तो सब ही अपने जैसे हैं
जिस से अब तक मिले नहीं वो अक्सर ही अच्छा लगता है



हम ने भी सो कर देखा है नए पुराने शहरों में
जैसा भी है पर अपने घर का बिस्तर अच्छा लगता है

©dixit_love_
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