tags

New सखी मंद झाल्या तारका Status, Photo, Video

Find the latest Status about सखी मंद झाल्या तारका from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about सखी मंद झाल्या तारका.

  • Latest
  • Popular
  • Video

🌸 गजानंद जी चले 🌸 गजानन जी चले अपने धाम चलो सखी झूमे नाचे करें उन्हें प्रणाम। झांकी सजाओ बनाओ मोदक पकवान मूषक पर होके सवार चले गजानन जी आया बुलावा मां पार्वती का गजानन जी चले अपने धाम ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर143 #गणेशचतुर्थी #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर #भक्तों #गजानंद  🌸 गजानंद जी चले 🌸


गजानन जी चले अपने धाम 
चलो सखी झूमे नाचे करें उन्हें प्रणाम।

झांकी सजाओ बनाओ मोदक पकवान
मूषक पर होके सवार चले गजानन जी
आया बुलावा मां पार्वती का
गजानन जी चले अपने धाम

©बेजुबान शायर shivkumar

भक्ति सागर भक्ति भजन भक्ति संगीत @Sethi Ji Santosh Narwar Aligarh (9058141336) @poonam atrey @puja udeshi @Aman Singh #गणेशचतुर्थी #Ganes

13 Love

विधा   कुण्डलिया :- सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ । हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।। रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते । व्याधि न आती एक , कष्ट सारे हर लेते ।। भवसागर की राह , दिखाते कहकर बच्चा । कर लेते तुम काश , प्रेम इस जग से सच्चा ।। राधा-राधा नाम का , कर ले बन्दे जाप । मिट जाये तेरे सभी , जीवन के संताप ।। जीवन के संताप , हरे सब राधा माई । यह है दृढ़ विश्वास , न झोली खाली आई ।। सही लगन से नाम , जाप जिसने है साधा । उसके ही दुख दूर  , करे माँ मेरी राधा ।। राधा रानी खेलती , थाम कृष्ण का हाथ । सखी सहेली जीव सब , खेलें उनके साथ ।। खेलें उनके साथ ,  निकट यमुना के तट पर । आया जो आनंद ,  सुनायें सखियां कहकर ।। उन दोनो के बीच , न आये कोई बाधा । सखी कृष्ण के साथ , खेलती देखो राधा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  विधा   कुण्डलिया :-
सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ ।
हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।।
रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते ।
व्याधि न आती एक , कष्ट सारे हर लेते ।।
भवसागर की राह , दिखाते कहकर बच्चा ।
कर लेते तुम काश , प्रेम इस जग से सच्चा ।।

राधा-राधा नाम का , कर ले बन्दे जाप ।
मिट जाये तेरे सभी , जीवन के संताप ।।
जीवन के संताप , हरे सब राधा माई ।
यह है दृढ़ विश्वास , न झोली खाली आई ।।
सही लगन से नाम , जाप जिसने है साधा ।
उसके ही दुख दूर  , करे माँ मेरी राधा ।।

राधा रानी खेलती , थाम कृष्ण का हाथ ।
सखी सहेली जीव सब , खेलें उनके साथ ।।
खेलें उनके साथ ,  निकट यमुना के तट पर ।
आया जो आनंद ,  सुनायें सखियां कहकर ।।
उन दोनो के बीच , न आये कोई बाधा ।
सखी कृष्ण के साथ , खेलती देखो राधा ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विधा   कुण्डलिया :- सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ । हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।। रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते । व्याध

13 Love

सावन  :-  कुण्डलिया सावन आते ही सखी , मैं तो करुँ शृंगार । इसमें दिखता है सदा , मुझे सजन का प्यार ।। मुझे सजन का प्यार , दिलाये खुशियाँ सारी । भूल गई हूँ आज , प्यार में दुनियादारी ।। उनके जैसा प्रेम , सुना है होता पावन । झूमें मन का मोर , सजन को पाकर सावन ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  सावन  :-  कुण्डलिया

सावन आते ही सखी , मैं तो करुँ शृंगार ।
इसमें दिखता है सदा , मुझे सजन का प्यार ।।

मुझे सजन का प्यार , दिलाये खुशियाँ सारी ।
भूल गई हूँ आज , प्यार में दुनियादारी ।।

उनके जैसा प्रेम , सुना है होता पावन ।
झूमें मन का मोर , सजन को पाकर सावन ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

सावन  :-  कुण्डलिया सावन आते ही सखी , मैं तो करुँ शृंगार । इसमें दिखता है सदा , मुझे सजन का प्यार ।। मुझे सजन का प्यार , दिलाये खुशियाँ

11 Love

दोहा :- भाई मेरा बन भरत , रहता हरपल साथ । देख चरण वह पादुका , लिए खड़ा है हाथ ।। नहीं लखन की बात को , पूछो हमसे आज । मेरी सेवा के सिवा , और न जाने काज ।। मुझको अतिशय प्रिय लगे , महावीर हनुमान । मैं उनके ही नाम का  , करता नित गुणगान ।। घर-घर में रहते लखन , पहचानें अब आप । रहकर हरपल संग में , हर लेता संताप ।। प्राणों से प्यारी सखी , जनक दुलारी आज । मेरे सारे दुख हरें , करें हृदय पर राज ।। देखा परमेश्वर यहीं , मातु-पिता के रूप । नतमस्तक निशिदिन रहूँ , मान उन्हें अब भूप ।। बात मान गुरुदेव की , चलूँ सही मैं राह । पूर्ण तभी होंगी सभी , मन में उपजी चाह ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
भाई मेरा बन भरत , रहता हरपल साथ ।
देख चरण वह पादुका , लिए खड़ा है हाथ ।।

नहीं लखन की बात को , पूछो हमसे आज ।
मेरी सेवा के सिवा , और न जाने काज ।।

मुझको अतिशय प्रिय लगे , महावीर हनुमान ।
मैं उनके ही नाम का  , करता नित गुणगान ।।

घर-घर में रहते लखन , पहचानें अब आप ।
रहकर हरपल संग में , हर लेता संताप ।।

प्राणों से प्यारी सखी , जनक दुलारी आज ।
मेरे सारे दुख हरें , करें हृदय पर राज ।।

देखा परमेश्वर यहीं , मातु-पिता के रूप ।
नतमस्तक निशिदिन रहूँ , मान उन्हें अब भूप ।।

बात मान गुरुदेव की , चलूँ सही मैं राह ।
पूर्ण तभी होंगी सभी , मन में उपजी चाह ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- भाई मेरा बन भरत , रहता हरपल साथ । देख चरण वह पादुका , लिए खड़ा है हाथ ।। नहीं लखन की बात को , पूछो हमसे आज । मेरी सेवा के सिवा , और

10 Love

#शायरी

अकबरी रोवे असगर रोवे रव वाली सखी ना हुसैन बिना मेंबर रोवे मस्जिद रोवे रोवे पूरा मदीना हुसैन बिनाtamjid alam

108 View

White "कुछ दबी हुई ख़्वाहिशें है, कुछ मंद मुस्कुराहटें है, कुछ खोए हुए सपने है, कुछ अनसुनी आहटें है...!! "कुछ दर्द भरे लम्हे है, कुछ सुकून भरे लम्हात हैं, कुछ थमें हुए तूफ़ाँ हैं, कुछ मद्धम सी बरसाते है.!! "कुछ अनकहे अल्फ़ाज़ हैं,कुछ नासमझ इशारे हैं, कुछ ऐसे मंझधार हैं,जिनके मिलते नहीं किनारे हैं..!! "कुछ उलझनें है राहों में, कुछ कोशिशें बेहिसाब है..!! इसी का नाम ज़िन्दगी है.य़े ही मोहब्बत के एहसास है..!! ©BROKENBOY

#milan_night  White "कुछ दबी हुई ख़्वाहिशें है, कुछ मंद मुस्कुराहटें है,
कुछ खोए हुए सपने है, कुछ अनसुनी आहटें है...!!
"कुछ दर्द भरे लम्हे है, कुछ सुकून भरे लम्हात हैं,
कुछ थमें हुए तूफ़ाँ हैं, कुछ मद्धम सी बरसाते है.!!
"कुछ अनकहे अल्फ़ाज़ हैं,कुछ नासमझ इशारे हैं,
कुछ ऐसे मंझधार हैं,जिनके मिलते नहीं किनारे हैं..!!
"कुछ उलझनें है राहों में, कुछ कोशिशें बेहिसाब है..!!
इसी का नाम ज़िन्दगी है.य़े ही मोहब्बत के एहसास है..!!

©BROKENBOY

#milan_night "कुछ दबी हुई ख़्वाहिशें है, कुछ मंद मुस्कुराहटें है, कुछ खोए हुए सपने है, कुछ अनसुनी आहटें है...!! "कुछ दर्द भरे लम्हे है, कुछ

14 Love

🌸 गजानंद जी चले 🌸 गजानन जी चले अपने धाम चलो सखी झूमे नाचे करें उन्हें प्रणाम। झांकी सजाओ बनाओ मोदक पकवान मूषक पर होके सवार चले गजानन जी आया बुलावा मां पार्वती का गजानन जी चले अपने धाम ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर143 #गणेशचतुर्थी #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर #भक्तों #गजानंद  🌸 गजानंद जी चले 🌸


गजानन जी चले अपने धाम 
चलो सखी झूमे नाचे करें उन्हें प्रणाम।

झांकी सजाओ बनाओ मोदक पकवान
मूषक पर होके सवार चले गजानन जी
आया बुलावा मां पार्वती का
गजानन जी चले अपने धाम

©बेजुबान शायर shivkumar

भक्ति सागर भक्ति भजन भक्ति संगीत @Sethi Ji Santosh Narwar Aligarh (9058141336) @poonam atrey @puja udeshi @Aman Singh #गणेशचतुर्थी #Ganes

13 Love

विधा   कुण्डलिया :- सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ । हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।। रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते । व्याधि न आती एक , कष्ट सारे हर लेते ।। भवसागर की राह , दिखाते कहकर बच्चा । कर लेते तुम काश , प्रेम इस जग से सच्चा ।। राधा-राधा नाम का , कर ले बन्दे जाप । मिट जाये तेरे सभी , जीवन के संताप ।। जीवन के संताप , हरे सब राधा माई । यह है दृढ़ विश्वास , न झोली खाली आई ।। सही लगन से नाम , जाप जिसने है साधा । उसके ही दुख दूर  , करे माँ मेरी राधा ।। राधा रानी खेलती , थाम कृष्ण का हाथ । सखी सहेली जीव सब , खेलें उनके साथ ।। खेलें उनके साथ ,  निकट यमुना के तट पर । आया जो आनंद ,  सुनायें सखियां कहकर ।। उन दोनो के बीच , न आये कोई बाधा । सखी कृष्ण के साथ , खेलती देखो राधा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  विधा   कुण्डलिया :-
सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ ।
हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।।
रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते ।
व्याधि न आती एक , कष्ट सारे हर लेते ।।
भवसागर की राह , दिखाते कहकर बच्चा ।
कर लेते तुम काश , प्रेम इस जग से सच्चा ।।

राधा-राधा नाम का , कर ले बन्दे जाप ।
मिट जाये तेरे सभी , जीवन के संताप ।।
जीवन के संताप , हरे सब राधा माई ।
यह है दृढ़ विश्वास , न झोली खाली आई ।।
सही लगन से नाम , जाप जिसने है साधा ।
उसके ही दुख दूर  , करे माँ मेरी राधा ।।

राधा रानी खेलती , थाम कृष्ण का हाथ ।
सखी सहेली जीव सब , खेलें उनके साथ ।।
खेलें उनके साथ ,  निकट यमुना के तट पर ।
आया जो आनंद ,  सुनायें सखियां कहकर ।।
उन दोनो के बीच , न आये कोई बाधा ।
सखी कृष्ण के साथ , खेलती देखो राधा ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विधा   कुण्डलिया :- सच्चा करते प्रेम तो , गिरधर होते साथ । हाथ न देते हाथ में , रहते तो रघुनाथ ।। रहते तो रघुनाथ , हृदय शीतल कर देते । व्याध

13 Love

सावन  :-  कुण्डलिया सावन आते ही सखी , मैं तो करुँ शृंगार । इसमें दिखता है सदा , मुझे सजन का प्यार ।। मुझे सजन का प्यार , दिलाये खुशियाँ सारी । भूल गई हूँ आज , प्यार में दुनियादारी ।। उनके जैसा प्रेम , सुना है होता पावन । झूमें मन का मोर , सजन को पाकर सावन ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  सावन  :-  कुण्डलिया

सावन आते ही सखी , मैं तो करुँ शृंगार ।
इसमें दिखता है सदा , मुझे सजन का प्यार ।।

मुझे सजन का प्यार , दिलाये खुशियाँ सारी ।
भूल गई हूँ आज , प्यार में दुनियादारी ।।

उनके जैसा प्रेम , सुना है होता पावन ।
झूमें मन का मोर , सजन को पाकर सावन ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

सावन  :-  कुण्डलिया सावन आते ही सखी , मैं तो करुँ शृंगार । इसमें दिखता है सदा , मुझे सजन का प्यार ।। मुझे सजन का प्यार , दिलाये खुशियाँ

11 Love

दोहा :- भाई मेरा बन भरत , रहता हरपल साथ । देख चरण वह पादुका , लिए खड़ा है हाथ ।। नहीं लखन की बात को , पूछो हमसे आज । मेरी सेवा के सिवा , और न जाने काज ।। मुझको अतिशय प्रिय लगे , महावीर हनुमान । मैं उनके ही नाम का  , करता नित गुणगान ।। घर-घर में रहते लखन , पहचानें अब आप । रहकर हरपल संग में , हर लेता संताप ।। प्राणों से प्यारी सखी , जनक दुलारी आज । मेरे सारे दुख हरें , करें हृदय पर राज ।। देखा परमेश्वर यहीं , मातु-पिता के रूप । नतमस्तक निशिदिन रहूँ , मान उन्हें अब भूप ।। बात मान गुरुदेव की , चलूँ सही मैं राह । पूर्ण तभी होंगी सभी , मन में उपजी चाह ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
भाई मेरा बन भरत , रहता हरपल साथ ।
देख चरण वह पादुका , लिए खड़ा है हाथ ।।

नहीं लखन की बात को , पूछो हमसे आज ।
मेरी सेवा के सिवा , और न जाने काज ।।

मुझको अतिशय प्रिय लगे , महावीर हनुमान ।
मैं उनके ही नाम का  , करता नित गुणगान ।।

घर-घर में रहते लखन , पहचानें अब आप ।
रहकर हरपल संग में , हर लेता संताप ।।

प्राणों से प्यारी सखी , जनक दुलारी आज ।
मेरे सारे दुख हरें , करें हृदय पर राज ।।

देखा परमेश्वर यहीं , मातु-पिता के रूप ।
नतमस्तक निशिदिन रहूँ , मान उन्हें अब भूप ।।

बात मान गुरुदेव की , चलूँ सही मैं राह ।
पूर्ण तभी होंगी सभी , मन में उपजी चाह ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- भाई मेरा बन भरत , रहता हरपल साथ । देख चरण वह पादुका , लिए खड़ा है हाथ ।। नहीं लखन की बात को , पूछो हमसे आज । मेरी सेवा के सिवा , और

10 Love

#शायरी

अकबरी रोवे असगर रोवे रव वाली सखी ना हुसैन बिना मेंबर रोवे मस्जिद रोवे रोवे पूरा मदीना हुसैन बिनाtamjid alam

108 View

White "कुछ दबी हुई ख़्वाहिशें है, कुछ मंद मुस्कुराहटें है, कुछ खोए हुए सपने है, कुछ अनसुनी आहटें है...!! "कुछ दर्द भरे लम्हे है, कुछ सुकून भरे लम्हात हैं, कुछ थमें हुए तूफ़ाँ हैं, कुछ मद्धम सी बरसाते है.!! "कुछ अनकहे अल्फ़ाज़ हैं,कुछ नासमझ इशारे हैं, कुछ ऐसे मंझधार हैं,जिनके मिलते नहीं किनारे हैं..!! "कुछ उलझनें है राहों में, कुछ कोशिशें बेहिसाब है..!! इसी का नाम ज़िन्दगी है.य़े ही मोहब्बत के एहसास है..!! ©BROKENBOY

#milan_night  White "कुछ दबी हुई ख़्वाहिशें है, कुछ मंद मुस्कुराहटें है,
कुछ खोए हुए सपने है, कुछ अनसुनी आहटें है...!!
"कुछ दर्द भरे लम्हे है, कुछ सुकून भरे लम्हात हैं,
कुछ थमें हुए तूफ़ाँ हैं, कुछ मद्धम सी बरसाते है.!!
"कुछ अनकहे अल्फ़ाज़ हैं,कुछ नासमझ इशारे हैं,
कुछ ऐसे मंझधार हैं,जिनके मिलते नहीं किनारे हैं..!!
"कुछ उलझनें है राहों में, कुछ कोशिशें बेहिसाब है..!!
इसी का नाम ज़िन्दगी है.य़े ही मोहब्बत के एहसास है..!!

©BROKENBOY

#milan_night "कुछ दबी हुई ख़्वाहिशें है, कुछ मंद मुस्कुराहटें है, कुछ खोए हुए सपने है, कुछ अनसुनी आहटें है...!! "कुछ दर्द भरे लम्हे है, कुछ

14 Love

Trending Topic