tags

New तलक शम्मा जली Status, Photo, Video

Find the latest Status about तलक शम्मा जली from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about तलक शम्मा जली.

  • Latest
  • Popular
  • Video

शब्द निश्छल से मेरे बेबाक बेहिसाब एहसास मेरे की जेहन पर सदमों के बोझ लिए ...मरने तलक जीना है ... जिंदगी के कुछ अन सुलझे जस्बात मेरे शब्द निश्छल से मेरे बेबाक बेहिसाब एहसास ........ ©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *

 शब्द निश्छल से मेरे बेबाक बेहिसाब 
एहसास मेरे की 
जेहन पर सदमों के बोझ लिए ...मरने तलक जीना है ...
जिंदगी के कुछ अन सुलझे जस्बात मेरे 
शब्द निश्छल से मेरे बेबाक बेहिसाब 
एहसास ........

©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *

शब्द निश्छल से मेरे बेबाक बेहिसाब एहसास मेरे की जेहन पर सदमों के बोझ लिए ... मरने तलक जीना है ... जिंदगी के कुछ अन सुलझे जस्बात मेरे शब्

15 Love

कब तलक मेला चलेगा, फिर अकेलापन खलेगा, दिवस का अवसान होगा, सूर्य अस्ताचल ढ़लेगा, ख़त्म होंगे बाग से फल, वृक्ष भी कबतक फलेगा, बढ़ेगा उत्ताप जिस दिन, बर्फ पर्वत पर गलेगा, मोह में जिसके पड़े तुम, वही आकर फिर छलेगा, फूँक कर तुम छाछ पीना, तप्त हो यदि मुँह जलेगा, लाख करलो कोशिशें तुम, लिखा विधि का ना टलेगा, चूकना अवसर न 'गुंजन', हाथ फिर कबतक मलेगा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #कब  कब तलक मेला चलेगा, 
फिर अकेलापन खलेगा,

दिवस का अवसान होगा, 
सूर्य   अस्ताचल   ढ़लेगा,

ख़त्म होंगे  बाग से फल, 
वृक्ष भी कबतक फलेगा,

बढ़ेगा उत्ताप जिस दिन, 
बर्फ  पर्वत  पर  गलेगा,

मोह में जिसके पड़े तुम, 
वही आकर फिर छलेगा,

फूँक कर तुम छाछ पीना, 
तप्त हो यदि  मुँह जलेगा,

लाख करलो कोशिशें तुम, 
लिखा विधि का ना टलेगा,

चूकना  अवसर न 'गुंजन',
हाथ फिर कबतक मलेगा,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#कब तलक मेला चलेगा#

13 Love

मुक्तक :- करूँ दोस्ती आपसे , आये जब  विश्वास । व्यर्थ लगाऊँ क्यूँ भला , आज आपसे आस । देख रहा हूँ नित जगत , करते सब ही घात- अभी तलक तुझमें नहीं , दिखा मुझे कुछ खास ।। हाथ मिले तो दिल मिले , कर तू ऐसा खास । आये जो विश्वास तो , मैं भी करू प्रयास । लेकर प्रभु की मैं शपथ , कहता तुमसे आज- हृदय जीत मेरा कभी , बन जाऊँ मैं दास ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मुक्तक :-
करूँ दोस्ती आपसे , आये जब  विश्वास ।
व्यर्थ लगाऊँ क्यूँ भला , आज आपसे आस ।
देख रहा हूँ नित जगत , करते सब ही घात-
अभी तलक तुझमें नहीं , दिखा मुझे कुछ खास ।।







हाथ मिले तो दिल मिले , कर तू ऐसा खास ।
आये जो विश्वास तो , मैं भी करू प्रयास ।
लेकर प्रभु की मैं शपथ , कहता तुमसे आज-
हृदय जीत मेरा कभी , बन जाऊँ मैं दास ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- करूँ दोस्ती आपसे , आये जब  विश्वास । व्यर्थ लगाऊँ क्यूँ भला , आज आपसे आस । देख रहा हूँ नित जगत , करते सब ही घात- अभी तलक तुझमें नह

8 Love

#shamawritesBebaak #writersofindia #poetsofindia #Live #Like

#Nojoto तेरे बग़ैर भी जी जीके मर रही हूं मैं,बिछडके तुझ से,मैं खुद में ही मर रही हूं मैं/१ वो एक हूक जो उठती हैं मेरे सीने मैं,वो कौन शख्स

531 View

#moon_day  White जानती हो पूनम का चांद भी 
उतना नही चमकता है 
जितना चमक उठता है 
मेरा चेहरा तुम्हें देख भर लेनें से
हवाओं की शीतलता,बारिश की बूंदे 
भी उतना शीतल नही कर पाती 
जितना शीतल हो जाता है मन 
तुम्हें यादों में छू लेने से
मीठी मुस्कान जब सजती है 
सुर्ख अधरों पर तुम्हारे 
प्रेमांकुर प्रस्फुटित हो उठते हैं 
तुम्हें बस अंक में भर लेने से 
सहज सरल रूप तेरा 
कर दे सम्मोहित किसी को भी 
हम तो फिरे है आज तलक 
सिर्फ़ तेरा ही हो लेने को

©Ankur tiwari

#moon_day जानती हो पूनम का चांद भी उतना नही चमकता है जितना चमक उठता है मेरा चेहरा तुम्हें देख भर लेनें से हवाओं की शीतलता,बारिश की बूंदे

90 View

#विचार  White जब तलक माँ की दुआ'ओं के नगीने न जड़ें 

फिर समझ ले के तेरा ताज है बे-कार अभी 

मंज़िल-ए-हक़ पे पहुँचना है तो फिर सब्र भी कर 

बीच में आएँगे कुछ मरहले दुश्वार अभी

©Raj Sabri

जब तलक मां की दुआ'ओं के नगीने ना जडें

171 View

शब्द निश्छल से मेरे बेबाक बेहिसाब एहसास मेरे की जेहन पर सदमों के बोझ लिए ...मरने तलक जीना है ... जिंदगी के कुछ अन सुलझे जस्बात मेरे शब्द निश्छल से मेरे बेबाक बेहिसाब एहसास ........ ©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *

 शब्द निश्छल से मेरे बेबाक बेहिसाब 
एहसास मेरे की 
जेहन पर सदमों के बोझ लिए ...मरने तलक जीना है ...
जिंदगी के कुछ अन सुलझे जस्बात मेरे 
शब्द निश्छल से मेरे बेबाक बेहिसाब 
एहसास ........

©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *

शब्द निश्छल से मेरे बेबाक बेहिसाब एहसास मेरे की जेहन पर सदमों के बोझ लिए ... मरने तलक जीना है ... जिंदगी के कुछ अन सुलझे जस्बात मेरे शब्

15 Love

कब तलक मेला चलेगा, फिर अकेलापन खलेगा, दिवस का अवसान होगा, सूर्य अस्ताचल ढ़लेगा, ख़त्म होंगे बाग से फल, वृक्ष भी कबतक फलेगा, बढ़ेगा उत्ताप जिस दिन, बर्फ पर्वत पर गलेगा, मोह में जिसके पड़े तुम, वही आकर फिर छलेगा, फूँक कर तुम छाछ पीना, तप्त हो यदि मुँह जलेगा, लाख करलो कोशिशें तुम, लिखा विधि का ना टलेगा, चूकना अवसर न 'गुंजन', हाथ फिर कबतक मलेगा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #कब  कब तलक मेला चलेगा, 
फिर अकेलापन खलेगा,

दिवस का अवसान होगा, 
सूर्य   अस्ताचल   ढ़लेगा,

ख़त्म होंगे  बाग से फल, 
वृक्ष भी कबतक फलेगा,

बढ़ेगा उत्ताप जिस दिन, 
बर्फ  पर्वत  पर  गलेगा,

मोह में जिसके पड़े तुम, 
वही आकर फिर छलेगा,

फूँक कर तुम छाछ पीना, 
तप्त हो यदि  मुँह जलेगा,

लाख करलो कोशिशें तुम, 
लिखा विधि का ना टलेगा,

चूकना  अवसर न 'गुंजन',
हाथ फिर कबतक मलेगा,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#कब तलक मेला चलेगा#

13 Love

मुक्तक :- करूँ दोस्ती आपसे , आये जब  विश्वास । व्यर्थ लगाऊँ क्यूँ भला , आज आपसे आस । देख रहा हूँ नित जगत , करते सब ही घात- अभी तलक तुझमें नहीं , दिखा मुझे कुछ खास ।। हाथ मिले तो दिल मिले , कर तू ऐसा खास । आये जो विश्वास तो , मैं भी करू प्रयास । लेकर प्रभु की मैं शपथ , कहता तुमसे आज- हृदय जीत मेरा कभी , बन जाऊँ मैं दास ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मुक्तक :-
करूँ दोस्ती आपसे , आये जब  विश्वास ।
व्यर्थ लगाऊँ क्यूँ भला , आज आपसे आस ।
देख रहा हूँ नित जगत , करते सब ही घात-
अभी तलक तुझमें नहीं , दिखा मुझे कुछ खास ।।







हाथ मिले तो दिल मिले , कर तू ऐसा खास ।
आये जो विश्वास तो , मैं भी करू प्रयास ।
लेकर प्रभु की मैं शपथ , कहता तुमसे आज-
हृदय जीत मेरा कभी , बन जाऊँ मैं दास ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- करूँ दोस्ती आपसे , आये जब  विश्वास । व्यर्थ लगाऊँ क्यूँ भला , आज आपसे आस । देख रहा हूँ नित जगत , करते सब ही घात- अभी तलक तुझमें नह

8 Love

#shamawritesBebaak #writersofindia #poetsofindia #Live #Like

#Nojoto तेरे बग़ैर भी जी जीके मर रही हूं मैं,बिछडके तुझ से,मैं खुद में ही मर रही हूं मैं/१ वो एक हूक जो उठती हैं मेरे सीने मैं,वो कौन शख्स

531 View

#moon_day  White जानती हो पूनम का चांद भी 
उतना नही चमकता है 
जितना चमक उठता है 
मेरा चेहरा तुम्हें देख भर लेनें से
हवाओं की शीतलता,बारिश की बूंदे 
भी उतना शीतल नही कर पाती 
जितना शीतल हो जाता है मन 
तुम्हें यादों में छू लेने से
मीठी मुस्कान जब सजती है 
सुर्ख अधरों पर तुम्हारे 
प्रेमांकुर प्रस्फुटित हो उठते हैं 
तुम्हें बस अंक में भर लेने से 
सहज सरल रूप तेरा 
कर दे सम्मोहित किसी को भी 
हम तो फिरे है आज तलक 
सिर्फ़ तेरा ही हो लेने को

©Ankur tiwari

#moon_day जानती हो पूनम का चांद भी उतना नही चमकता है जितना चमक उठता है मेरा चेहरा तुम्हें देख भर लेनें से हवाओं की शीतलता,बारिश की बूंदे

90 View

#विचार  White जब तलक माँ की दुआ'ओं के नगीने न जड़ें 

फिर समझ ले के तेरा ताज है बे-कार अभी 

मंज़िल-ए-हक़ पे पहुँचना है तो फिर सब्र भी कर 

बीच में आएँगे कुछ मरहले दुश्वार अभी

©Raj Sabri

जब तलक मां की दुआ'ओं के नगीने ना जडें

171 View

Trending Topic