tags

New बजाऊंगा मैं तुझे बुलाऊंगा Status, Photo, Video

Find the latest Status about बजाऊंगा मैं तुझे बुलाऊंगा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about बजाऊंगा मैं तुझे बुलाऊंगा.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#शायरी

भूल जाता हूँ मैं मंजिल का पता, जब घर से तुझे याद करके निकलता हूँ शायरी लव

99 View

इन सर्द रास्तों पर कहीं ठहरा हुआ हूँ मैं एक खौफनाक अंधेरा है पूरी शिद्दत से गिरफ्त में लिए मुझे रिमझिम बरसती बूंदे जिस्म से फिसलते हुए बहा ले जा रही है मेरे भीतर का कतरा कतरा दुख हथेलियों में समेट रहा हूँ बारिशें पर ये टिकती नहीं सर्द हवाएँ अंदर तक कुरेद रही है मुझे मैं बस ख़ामोश हूँ… इतना खामोश अपने अंदर के शोर को साफ साफ सुन पा रहा हूँ मैं … मैं तय कर लेना चाहता हूँ ये सफर मिटाना चाहता हूँ जिंदगी की पगडंडियों से गुजरती तुम्हारी यादें भूलना चाहता हूॅं तुम्हारी खनकती हँसी खुद को… यक़ीन दिलाना चाहता हूॅं तुम नहीं हो अब …. तुम नहीं हो ….नहीं हो तुम इन भीगी हुई हथेलियों के बीच गुनगुनी छुअन बन कर सुनसान सड़क पर रफ्तार से गुजरते शोर के दरमियाँ मेरे साथ नहीं हो तुम मेरी अँगुलियों से फिसलती बूंद सी तुम. ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  इन सर्द रास्तों पर
कहीं ठहरा हुआ हूँ मैं
एक खौफनाक अंधेरा है
पूरी शिद्दत से गिरफ्त में लिए मुझे
रिमझिम बरसती बूंदे जिस्म से फिसलते हुए
बहा ले जा रही है
मेरे भीतर का कतरा कतरा दुख
हथेलियों में समेट रहा हूँ
बारिशें पर ये टिकती नहीं
सर्द हवाएँ अंदर तक
कुरेद रही है मुझे
मैं बस ख़ामोश हूँ… इतना खामोश
अपने अंदर के शोर को
साफ साफ सुन पा रहा हूँ मैं …
मैं तय कर लेना चाहता हूँ ये सफर
मिटाना चाहता हूँ
जिंदगी की पगडंडियों से
गुजरती तुम्हारी यादें
भूलना चाहता हूॅं
तुम्हारी खनकती हँसी
खुद को…
यक़ीन दिलाना चाहता हूॅं
तुम नहीं हो अब ….
तुम नहीं हो ….नहीं हो तुम
इन भीगी हुई हथेलियों के बीच
गुनगुनी छुअन बन कर
सुनसान सड़क पर
रफ्तार से गुजरते शोर के दरमियाँ
मेरे साथ नहीं हो तुम
मेरी अँगुलियों से फिसलती बूंद सी तुम.

©हिमांशु Kulshreshtha

मैं...

3 Love

White मै ही रहा मन से दग्ध और देह से शापित दर्द उगता है दिल में तेरी यादों के जालों से घिरा रहता हूँ मैं अकुलाता उमड़ते ज्वार सा ©हिमांशु Kulshreshtha

 White मै ही रहा मन से दग्ध
और देह से शापित
दर्द उगता है दिल में
तेरी यादों के जालों से
घिरा रहता हूँ मैं
अकुलाता उमड़ते ज्वार सा

©हिमांशु Kulshreshtha

मैं....

17 Love

White इच्छायें शून्य होती जा रही हैं बस ये जिम्मेदारियां ही है जो जीने के लिए मजबूर करती जा रही हैं ... ©Shalini Pandey

#शायरी  White इच्छायें शून्य होती जा रही हैं 
बस ये जिम्मेदारियां ही है जो जीने के लिए 
मजबूर करती जा रही हैं ...

©Shalini Pandey

मैं

13 Love

तू किरदार है तमाशबीन नहीं, बात सच है तुम्हें यकीन नहीं, ढूँढता फिर रहा सदा कमियाँ, यकींनन तुम हुए जहीन नहीं, समझ है अपना पराये का भी, दर्द में हूँ मगर ग़मगीन नहीं, मेरा रखवाला है ऊपरवाला, अकेला हूँ मगर यतीम नहीं, मेरे जज़्बात से नहीं खेलो, आदमी हूँ कोई मशीन नहीं, बनाई ऐसी है कुदरत जिसने, कोई शय ख़ुदा से हसीन नहीं, सुकूँ से ज़िस्म सो रहा 'गुंजन', कब्र जैसी कोई जमीन नहीं, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #बात  तू किरदार है तमाशबीन नहीं, 
बात सच है तुम्हें यकीन नहीं,

ढूँढता फिर रहा सदा कमियाँ,
यकींनन तुम हुए जहीन नहीं,

समझ है अपना पराये का भी, 
दर्द में हूँ  मगर  ग़मगीन नहीं,

मेरा रखवाला है  ऊपरवाला, 
अकेला हूँ  मगर यतीम नहीं,

मेरे  जज़्बात से  नहीं  खेलो, 
आदमी हूँ  कोई मशीन नहीं,

बनाई ऐसी है कुदरत जिसने, 
कोई शय ख़ुदा से हसीन नहीं,

सुकूँ से ज़िस्म सो रहा 'गुंजन', 
कब्र जैसी कोई  जमीन  नहीं,
  --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
         प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#बात सच है तुझे यकीन नहीं#

8 Love

तुझे पहलीबार मैं मिलता हूँ... हर दफ़ा ❣️

1,188 View

#शायरी

भूल जाता हूँ मैं मंजिल का पता, जब घर से तुझे याद करके निकलता हूँ शायरी लव

99 View

इन सर्द रास्तों पर कहीं ठहरा हुआ हूँ मैं एक खौफनाक अंधेरा है पूरी शिद्दत से गिरफ्त में लिए मुझे रिमझिम बरसती बूंदे जिस्म से फिसलते हुए बहा ले जा रही है मेरे भीतर का कतरा कतरा दुख हथेलियों में समेट रहा हूँ बारिशें पर ये टिकती नहीं सर्द हवाएँ अंदर तक कुरेद रही है मुझे मैं बस ख़ामोश हूँ… इतना खामोश अपने अंदर के शोर को साफ साफ सुन पा रहा हूँ मैं … मैं तय कर लेना चाहता हूँ ये सफर मिटाना चाहता हूँ जिंदगी की पगडंडियों से गुजरती तुम्हारी यादें भूलना चाहता हूॅं तुम्हारी खनकती हँसी खुद को… यक़ीन दिलाना चाहता हूॅं तुम नहीं हो अब …. तुम नहीं हो ….नहीं हो तुम इन भीगी हुई हथेलियों के बीच गुनगुनी छुअन बन कर सुनसान सड़क पर रफ्तार से गुजरते शोर के दरमियाँ मेरे साथ नहीं हो तुम मेरी अँगुलियों से फिसलती बूंद सी तुम. ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  इन सर्द रास्तों पर
कहीं ठहरा हुआ हूँ मैं
एक खौफनाक अंधेरा है
पूरी शिद्दत से गिरफ्त में लिए मुझे
रिमझिम बरसती बूंदे जिस्म से फिसलते हुए
बहा ले जा रही है
मेरे भीतर का कतरा कतरा दुख
हथेलियों में समेट रहा हूँ
बारिशें पर ये टिकती नहीं
सर्द हवाएँ अंदर तक
कुरेद रही है मुझे
मैं बस ख़ामोश हूँ… इतना खामोश
अपने अंदर के शोर को
साफ साफ सुन पा रहा हूँ मैं …
मैं तय कर लेना चाहता हूँ ये सफर
मिटाना चाहता हूँ
जिंदगी की पगडंडियों से
गुजरती तुम्हारी यादें
भूलना चाहता हूॅं
तुम्हारी खनकती हँसी
खुद को…
यक़ीन दिलाना चाहता हूॅं
तुम नहीं हो अब ….
तुम नहीं हो ….नहीं हो तुम
इन भीगी हुई हथेलियों के बीच
गुनगुनी छुअन बन कर
सुनसान सड़क पर
रफ्तार से गुजरते शोर के दरमियाँ
मेरे साथ नहीं हो तुम
मेरी अँगुलियों से फिसलती बूंद सी तुम.

©हिमांशु Kulshreshtha

मैं...

3 Love

White मै ही रहा मन से दग्ध और देह से शापित दर्द उगता है दिल में तेरी यादों के जालों से घिरा रहता हूँ मैं अकुलाता उमड़ते ज्वार सा ©हिमांशु Kulshreshtha

 White मै ही रहा मन से दग्ध
और देह से शापित
दर्द उगता है दिल में
तेरी यादों के जालों से
घिरा रहता हूँ मैं
अकुलाता उमड़ते ज्वार सा

©हिमांशु Kulshreshtha

मैं....

17 Love

White इच्छायें शून्य होती जा रही हैं बस ये जिम्मेदारियां ही है जो जीने के लिए मजबूर करती जा रही हैं ... ©Shalini Pandey

#शायरी  White इच्छायें शून्य होती जा रही हैं 
बस ये जिम्मेदारियां ही है जो जीने के लिए 
मजबूर करती जा रही हैं ...

©Shalini Pandey

मैं

13 Love

तू किरदार है तमाशबीन नहीं, बात सच है तुम्हें यकीन नहीं, ढूँढता फिर रहा सदा कमियाँ, यकींनन तुम हुए जहीन नहीं, समझ है अपना पराये का भी, दर्द में हूँ मगर ग़मगीन नहीं, मेरा रखवाला है ऊपरवाला, अकेला हूँ मगर यतीम नहीं, मेरे जज़्बात से नहीं खेलो, आदमी हूँ कोई मशीन नहीं, बनाई ऐसी है कुदरत जिसने, कोई शय ख़ुदा से हसीन नहीं, सुकूँ से ज़िस्म सो रहा 'गुंजन', कब्र जैसी कोई जमीन नहीं, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #बात  तू किरदार है तमाशबीन नहीं, 
बात सच है तुम्हें यकीन नहीं,

ढूँढता फिर रहा सदा कमियाँ,
यकींनन तुम हुए जहीन नहीं,

समझ है अपना पराये का भी, 
दर्द में हूँ  मगर  ग़मगीन नहीं,

मेरा रखवाला है  ऊपरवाला, 
अकेला हूँ  मगर यतीम नहीं,

मेरे  जज़्बात से  नहीं  खेलो, 
आदमी हूँ  कोई मशीन नहीं,

बनाई ऐसी है कुदरत जिसने, 
कोई शय ख़ुदा से हसीन नहीं,

सुकूँ से ज़िस्म सो रहा 'गुंजन', 
कब्र जैसी कोई  जमीन  नहीं,
  --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
         प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#बात सच है तुझे यकीन नहीं#

8 Love

तुझे पहलीबार मैं मिलता हूँ... हर दफ़ा ❣️

1,188 View

Trending Topic