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#RadheGovinda

#RadheGovinda @Sethi Ji Anil Ray @Anudeep कवि आलोक मिश्र "दीपक" @Satyajeet Roy

216 View

#शायरी #love_shayari  White हमारी मोहब्बत भी एक पहेली
 हो गई

मैं अकेला हो गया वो अकेली 
हो गई।

जो कई मन्नतों से मिली थी मुझे

अब जाने कहां वो सहेली 
खो गई।।

©Ashvani Awasthi

#love_shayari अश्वनी अवस्थी

108 View

#शायरी #hunarbaaz

#hunarbaaz कवि अश्वनी अवस्थी

126 View

अमावस हो रात फिर दीपक जलाने का, समय हो प्रतिकूल कान्हा को बुलाने का, मन लगा गोपाल में तन हो गया गोकुल, बस यही तरक़ीब है दुनिया भुलाने का, मिला खेवनहार दरिया पार कर लूँगा, ज़िस्म में ताकत नहीं गोता लगाने का, पुराने ज़ख़्मों को बे-मतलब कुरेदो मत, जो नहीं अपना उसे फ़िर भूल जाने का, जन्म से आखिर तक संघर्ष का आलम, बांसुरी की तान पर झूला झुलाने का, ज्ञान के पानी से बुझती प्यास जन्मों की, हृदय है प्यासा उसे पानी पिलाने का, बात जिसकी समझ में है आ गई 'गुंजन', मिल गया अवसर उसे भवपार जाने का, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #दीपक  अमावस हो रात फिर दीपक जलाने का,
समय हो प्रतिकूल कान्हा को बुलाने का, 

मन लगा गोपाल में तन हो गया गोकुल, 
बस यही तरक़ीब है  दुनिया  भुलाने का,

मिला खेवनहार  दरिया पार  कर  लूँगा, 
ज़िस्म में ताकत नहीं  गोता  लगाने का,

पुराने ज़ख़्मों को बे-मतलब कुरेदो मत, 
जो नहीं अपना उसे फ़िर भूल जाने का,

जन्म से आखिर तक संघर्ष का आलम, 
बांसुरी की  तान पर  झूला  झुलाने का,

ज्ञान के पानी से बुझती प्यास जन्मों की, 
हृदय  है  प्यासा  उसे  पानी  पिलाने  का,

बात जिसकी समझ में है आ गई 'गुंजन',
मिल गया अवसर उसे भवपार जाने का,
    ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
             प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#दीपक जलाने का#

16 Love

#कविता  White  ज्ञान के सागर में डूबू और ज्ञान का सागर हो जाऊं,
मैं ऐसी विद्या ज्योति बनू जो अंधे को भी दरसाऊं।
जब राष्ट्र प्रेम की बारी आए बिना रुके घबराऊं न,
इस धरा की कण कण में मिलकर भारतमय मैं हो जाऊं।।

©Ashvani Awasthi

कवि अश्वनी अवस्थी

135 View

#घोंसला #घरौंदा #Motivational #पंछी  पंछी तेरा कहाँ ठिकाना?
पेड़ कट रहे, कहाँ तुझे 
हैं जाना, इंसान ने तेरा 
घोंसला उजाड़ा, पेड़ काट 
अपना घर बनाया तुझे भूल गया
अपनी कामयाबी उसने देखी किसी 
के दुख क़ो ना जाना, आह हैं मेरी तू 
भी बेआसरा होगा जब कुदरत के 
कहर ने मातम दिखाना, सब खत्म हो 
जाना......

©PФФJД ЦDΞSHI

#पंछी #घरौंदा #घोंसला @sushil @Ashtvinayak कवि आलोक मिश्र "दीपक" @shalini doharey @Swati

270 View

#RadheGovinda

#RadheGovinda @Sethi Ji Anil Ray @Anudeep कवि आलोक मिश्र "दीपक" @Satyajeet Roy

216 View

#शायरी #love_shayari  White हमारी मोहब्बत भी एक पहेली
 हो गई

मैं अकेला हो गया वो अकेली 
हो गई।

जो कई मन्नतों से मिली थी मुझे

अब जाने कहां वो सहेली 
खो गई।।

©Ashvani Awasthi

#love_shayari अश्वनी अवस्थी

108 View

#शायरी #hunarbaaz

#hunarbaaz कवि अश्वनी अवस्थी

126 View

अमावस हो रात फिर दीपक जलाने का, समय हो प्रतिकूल कान्हा को बुलाने का, मन लगा गोपाल में तन हो गया गोकुल, बस यही तरक़ीब है दुनिया भुलाने का, मिला खेवनहार दरिया पार कर लूँगा, ज़िस्म में ताकत नहीं गोता लगाने का, पुराने ज़ख़्मों को बे-मतलब कुरेदो मत, जो नहीं अपना उसे फ़िर भूल जाने का, जन्म से आखिर तक संघर्ष का आलम, बांसुरी की तान पर झूला झुलाने का, ज्ञान के पानी से बुझती प्यास जन्मों की, हृदय है प्यासा उसे पानी पिलाने का, बात जिसकी समझ में है आ गई 'गुंजन', मिल गया अवसर उसे भवपार जाने का, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #दीपक  अमावस हो रात फिर दीपक जलाने का,
समय हो प्रतिकूल कान्हा को बुलाने का, 

मन लगा गोपाल में तन हो गया गोकुल, 
बस यही तरक़ीब है  दुनिया  भुलाने का,

मिला खेवनहार  दरिया पार  कर  लूँगा, 
ज़िस्म में ताकत नहीं  गोता  लगाने का,

पुराने ज़ख़्मों को बे-मतलब कुरेदो मत, 
जो नहीं अपना उसे फ़िर भूल जाने का,

जन्म से आखिर तक संघर्ष का आलम, 
बांसुरी की  तान पर  झूला  झुलाने का,

ज्ञान के पानी से बुझती प्यास जन्मों की, 
हृदय  है  प्यासा  उसे  पानी  पिलाने  का,

बात जिसकी समझ में है आ गई 'गुंजन',
मिल गया अवसर उसे भवपार जाने का,
    ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
             प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#दीपक जलाने का#

16 Love

#कविता  White  ज्ञान के सागर में डूबू और ज्ञान का सागर हो जाऊं,
मैं ऐसी विद्या ज्योति बनू जो अंधे को भी दरसाऊं।
जब राष्ट्र प्रेम की बारी आए बिना रुके घबराऊं न,
इस धरा की कण कण में मिलकर भारतमय मैं हो जाऊं।।

©Ashvani Awasthi

कवि अश्वनी अवस्थी

135 View

#घोंसला #घरौंदा #Motivational #पंछी  पंछी तेरा कहाँ ठिकाना?
पेड़ कट रहे, कहाँ तुझे 
हैं जाना, इंसान ने तेरा 
घोंसला उजाड़ा, पेड़ काट 
अपना घर बनाया तुझे भूल गया
अपनी कामयाबी उसने देखी किसी 
के दुख क़ो ना जाना, आह हैं मेरी तू 
भी बेआसरा होगा जब कुदरत के 
कहर ने मातम दिखाना, सब खत्म हो 
जाना......

©PФФJД ЦDΞSHI

#पंछी #घरौंदा #घोंसला @sushil @Ashtvinayak कवि आलोक मिश्र "दीपक" @shalini doharey @Swati

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