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White हृदय की पगडंडियां✍🏻✍🏻✍🏻 **************************** हृदय की पगडंडियों से होकर अब कोई गुजरता ही नहीं तुम्हारी स्मृतियों से रास्ते अवरुद्ध है, इसमें कोई आता ही नहीं एक हटाऊँ तो दूसरी सामने खड़ी रहती है हिम के पर्वतों सी डटी पड़ी रहती है कभी नरम,कभी गरम कभी शीतलता प्रदान करती है तुम्हें ही सोचूं,तुम्हें ही चाहूं बस यही आज्ञा प्रदान करती है इस हृदय में अब और किसी के लिए वो स्थान ही नहीं कोई और अब आये हृदय में,अब कोई और अन्य प्रवेश द्वार भी नहीं ©Richa Dhar

#कविता #love_shayari  White  हृदय की पगडंडियां✍🏻✍🏻✍🏻
****************************


हृदय की पगडंडियों से होकर अब कोई गुजरता ही नहीं
तुम्हारी स्मृतियों से रास्ते अवरुद्ध है, इसमें कोई आता ही नहीं

एक हटाऊँ तो दूसरी सामने खड़ी रहती है 
हिम के पर्वतों सी डटी पड़ी रहती है

कभी नरम,कभी गरम कभी शीतलता प्रदान करती है
तुम्हें ही सोचूं,तुम्हें ही चाहूं बस यही आज्ञा प्रदान करती है

इस हृदय में अब और किसी के लिए वो स्थान ही नहीं
कोई और अब आये हृदय में,अब कोई और अन्य प्रवेश द्वार भी नहीं

©Richa Dhar

#love_shayari ह्रदय की पगडंडियां कविताएं

13 Love

#भक्ति #प्रकाश #ह्रदय #प्राण

162 View

White //____❤️ " हे मेरे महादेव प्रभु " ❤️____// !! मुझे आपका ये कैसा रोग लगा है " महादेव " ये तड़प जो मेरे ह्रदय में नित उठे हो !! !! मेरे इस नैनन दाह रोमो में कैसी ये पीड़ा है ऐसा लगे कि मेरे महादेव मुझसे ही रूठे हो !! !! मेरा जो रोग वो मिटाय ,उनकी ये दर्शन झलकी वैद्य वे अति ही अनूठे हो !! !! आओ " मेंरे महादेव प्रभु " पास तुम बिन कभी न ये प्राण छूटे जो !! //___❤️ जय हो भोलेनाथ ! जय हो भंडारी ❤️___// ❁ ☞ ॐ नमः शिवाय ☜ ❁ ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर143 #बेजुबानशायर #भोलेनाथ #महादेव #कविता95 #भक्ति  White 



//____❤️ " हे मेरे महादेव प्रभु " ❤️____//

!! मुझे आपका ये कैसा रोग लगा है " महादेव " 
ये तड़प जो मेरे ह्रदय में नित उठे हो !!

!! मेरे इस नैनन दाह रोमो में कैसी ये पीड़ा है 
ऐसा लगे कि मेरे महादेव मुझसे ही रूठे हो  !! 

!! मेरा जो रोग वो मिटाय ,उनकी ये दर्शन झलकी
वैद्य वे अति ही अनूठे हो !!

!! आओ " मेंरे महादेव प्रभु " पास 
तुम बिन कभी न ये प्राण छूटे जो !!


//___❤️ जय हो भोलेनाथ ! जय हो भंडारी  ❤️___//


❁ ☞ ॐ नमः शिवाय ☜ ❁

©बेजुबान शायर shivkumar

इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा , लालची स्वभाव , नास्तिक व्यवहार , असत्य ,झूठ , अपशब्द , दुष्टता, यह सब नरक के द्वार खोलते हैं और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं ©person

#Motivational  इस कलयुग में 
मनुष्य ही 
असुर हैं और आसुरी भी
मन के भाव और भावनाएं दूषित हो 
तो नकारात्मक सोच 
और विकार ग्रसित कर देती हैं 
मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य 
स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा ,
लालची स्वभाव ,
नास्तिक व्यवहार ,
असत्य ,झूठ ,
अपशब्द , दुष्टता,
यह सब नरक  के द्वार खोलते हैं 
और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं

©person

इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके

10 Love

गीता में, श्रीकृष्ण अर्जुन को अपनी ब्रह्मविद्या द्वारा जीवन के मार्ग के बारे में बोध करते हैं। काम (लोभ), क्रोध और लोभ को तीनों नरक द्वार कहा गया है। इन तीनों गुणों के द्वारा मनुष्य को अनिष्ट का अनुभव होता है और यह उसे सांसारिक बन्धनों में फंसा देते हैं। पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार। क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं ©person

#Motivational  गीता में, श्रीकृष्ण अर्जुन को अपनी ब्रह्मविद्या द्वारा जीवन के मार्ग के बारे में बोध करते हैं। काम (लोभ), क्रोध और लोभ को तीनों नरक द्वार कहा गया है। इन तीनों गुणों के द्वारा मनुष्य को अनिष्ट का अनुभव होता है और यह उसे सांसारिक बन्धनों में फंसा देते हैं। 

पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार।

क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं

©person

पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं अवगुण और अहंकार, घमंड, लालची स्वभाव ,

15 Love

#मोटिवेशनल #sad_quotes  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
मन सफलता चाहता है, ह्रदय प्रेम 
चाहता है, और आत्मा परम् शान्ति 
चाहता हैं, पर चाहने से सब नहीं 
मिल सकता, समय, तकदीर, 
कर्म भी जरूरी होता है।।

©N S Yadav GoldMine

#sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} मन सफलता चाहता है, ह्रदय प्रेम चाहता है, और आत्मा परम् शान्ति चाहता हैं, पर चाहने से सब नहीं मिल सकता

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White हृदय की पगडंडियां✍🏻✍🏻✍🏻 **************************** हृदय की पगडंडियों से होकर अब कोई गुजरता ही नहीं तुम्हारी स्मृतियों से रास्ते अवरुद्ध है, इसमें कोई आता ही नहीं एक हटाऊँ तो दूसरी सामने खड़ी रहती है हिम के पर्वतों सी डटी पड़ी रहती है कभी नरम,कभी गरम कभी शीतलता प्रदान करती है तुम्हें ही सोचूं,तुम्हें ही चाहूं बस यही आज्ञा प्रदान करती है इस हृदय में अब और किसी के लिए वो स्थान ही नहीं कोई और अब आये हृदय में,अब कोई और अन्य प्रवेश द्वार भी नहीं ©Richa Dhar

#कविता #love_shayari  White  हृदय की पगडंडियां✍🏻✍🏻✍🏻
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हृदय की पगडंडियों से होकर अब कोई गुजरता ही नहीं
तुम्हारी स्मृतियों से रास्ते अवरुद्ध है, इसमें कोई आता ही नहीं

एक हटाऊँ तो दूसरी सामने खड़ी रहती है 
हिम के पर्वतों सी डटी पड़ी रहती है

कभी नरम,कभी गरम कभी शीतलता प्रदान करती है
तुम्हें ही सोचूं,तुम्हें ही चाहूं बस यही आज्ञा प्रदान करती है

इस हृदय में अब और किसी के लिए वो स्थान ही नहीं
कोई और अब आये हृदय में,अब कोई और अन्य प्रवेश द्वार भी नहीं

©Richa Dhar

#love_shayari ह्रदय की पगडंडियां कविताएं

13 Love

#भक्ति #प्रकाश #ह्रदय #प्राण

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White //____❤️ " हे मेरे महादेव प्रभु " ❤️____// !! मुझे आपका ये कैसा रोग लगा है " महादेव " ये तड़प जो मेरे ह्रदय में नित उठे हो !! !! मेरे इस नैनन दाह रोमो में कैसी ये पीड़ा है ऐसा लगे कि मेरे महादेव मुझसे ही रूठे हो !! !! मेरा जो रोग वो मिटाय ,उनकी ये दर्शन झलकी वैद्य वे अति ही अनूठे हो !! !! आओ " मेंरे महादेव प्रभु " पास तुम बिन कभी न ये प्राण छूटे जो !! //___❤️ जय हो भोलेनाथ ! जय हो भंडारी ❤️___// ❁ ☞ ॐ नमः शिवाय ☜ ❁ ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर143 #बेजुबानशायर #भोलेनाथ #महादेव #कविता95 #भक्ति  White 



//____❤️ " हे मेरे महादेव प्रभु " ❤️____//

!! मुझे आपका ये कैसा रोग लगा है " महादेव " 
ये तड़प जो मेरे ह्रदय में नित उठे हो !!

!! मेरे इस नैनन दाह रोमो में कैसी ये पीड़ा है 
ऐसा लगे कि मेरे महादेव मुझसे ही रूठे हो  !! 

!! मेरा जो रोग वो मिटाय ,उनकी ये दर्शन झलकी
वैद्य वे अति ही अनूठे हो !!

!! आओ " मेंरे महादेव प्रभु " पास 
तुम बिन कभी न ये प्राण छूटे जो !!


//___❤️ जय हो भोलेनाथ ! जय हो भंडारी  ❤️___//


❁ ☞ ॐ नमः शिवाय ☜ ❁

©बेजुबान शायर shivkumar

इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा , लालची स्वभाव , नास्तिक व्यवहार , असत्य ,झूठ , अपशब्द , दुष्टता, यह सब नरक के द्वार खोलते हैं और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं ©person

#Motivational  इस कलयुग में 
मनुष्य ही 
असुर हैं और आसुरी भी
मन के भाव और भावनाएं दूषित हो 
तो नकारात्मक सोच 
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मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य 
स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा ,
लालची स्वभाव ,
नास्तिक व्यवहार ,
असत्य ,झूठ ,
अपशब्द , दुष्टता,
यह सब नरक  के द्वार खोलते हैं 
और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं

©person

इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके

10 Love

गीता में, श्रीकृष्ण अर्जुन को अपनी ब्रह्मविद्या द्वारा जीवन के मार्ग के बारे में बोध करते हैं। काम (लोभ), क्रोध और लोभ को तीनों नरक द्वार कहा गया है। इन तीनों गुणों के द्वारा मनुष्य को अनिष्ट का अनुभव होता है और यह उसे सांसारिक बन्धनों में फंसा देते हैं। पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार। क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं ©person

#Motivational  गीता में, श्रीकृष्ण अर्जुन को अपनी ब्रह्मविद्या द्वारा जीवन के मार्ग के बारे में बोध करते हैं। काम (लोभ), क्रोध और लोभ को तीनों नरक द्वार कहा गया है। इन तीनों गुणों के द्वारा मनुष्य को अनिष्ट का अनुभव होता है और यह उसे सांसारिक बन्धनों में फंसा देते हैं। 

पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार।

क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं

©person

पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं अवगुण और अहंकार, घमंड, लालची स्वभाव ,

15 Love

#मोटिवेशनल #sad_quotes  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
मन सफलता चाहता है, ह्रदय प्रेम 
चाहता है, और आत्मा परम् शान्ति 
चाहता हैं, पर चाहने से सब नहीं 
मिल सकता, समय, तकदीर, 
कर्म भी जरूरी होता है।।

©N S Yadav GoldMine

#sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} मन सफलता चाहता है, ह्रदय प्रेम चाहता है, और आत्मा परम् शान्ति चाहता हैं, पर चाहने से सब नहीं मिल सकता

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