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कदम-कदम पे नया इम्तहान रखती है, जिंदगी तू भी हमारा कितना ध्यान रखती है! 😊 ©Sarfaraj idrishi

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 नया इम्तहान रखती है,

जिंदगी 
तू भी हमारा 
कितना ध्यान रखती है!
😊

©Sarfaraj idrishi

खुद को पड़ता हूँ फिर छोड़ देता हूँ.. एक पन्ना जिंदगी का मैं, रोज मोड़ देता हूँ.. ©Sarfaraj idrishi

#शायरी #manzil  खुद को पड़ता हूँ 
फिर छोड़ देता हूँ..

 एक पन्ना जिंदगी का मैं, 
रोज मोड़ देता हूँ..

©Sarfaraj idrishi

#manzil @ANANNYA @anokhi singh nojoto originals hindi happy new year 2022 @Ankita Mishra sad boy

8 Love

One bad chapter does not mean your story is over.......😶 ©Yashvi Maurya

#Life_experience #Quotes #manzil  One bad chapter does not mean
your story is over.......😶

©Yashvi Maurya

ખૂબ જ કિંમતી મળ્યું છે જીવન તો એને એને મજેદાર જીવીએ પળ પળ નહિ પરંતુ લગાતાર જીવીએ...... ©RjSunitkumar

#manzil  ખૂબ જ કિંમતી મળ્યું છે જીવન તો એને
એને મજેદાર જીવીએ

પળ પળ નહિ પરંતુ 
લગાતાર જીવીએ......

©RjSunitkumar

#manzil

7 Love

Life is best not for rest Only for test so all the best.👍 ©Pranjal Srivastava

#manzil  Life is best
not for rest

Only for test
so all the best.👍

©Pranjal Srivastava

#manzil

10 Love

क्या होता है जब "रास्ते साफ़" होते हुए भी मंजिल नहीं मिलती ? इस्लाम का अर्थ है "सलामती अर्थात भलाई" मात्र कुछेक धार्मिक बातों का मान लेना या उन के अनुसार जीवनयापन करना जैसे ईमान, सलात या नमाज़, रोज़े, ॹकात और हज कर लेना ही पूर्ण इस्लाम "सिरात अल मुस्तकीम" नहीं है बल्कि सम्पूर्ण जीवन को जिहाद ( STRIVE ) करते हुए शान्ति व्यवस्था,न्याय और दूसरे इंसानों के अधिकारों को न्यायोचित ठहरा कर उनको पूरा करना ही नहीं प्रत्येक स्थिति में समृद्धि और विकास के पथ पर अपने रचियता और मालिक के बताये हुए नियमों पर अग्रसर रहकर समाज में उनका पालन करना ही इस्लाम है। ©Mohammed Shamoon

#manzil  क्या होता है जब "रास्ते साफ़" होते हुए भी मंजिल नहीं मिलती ?
इस्लाम का अर्थ है "सलामती अर्थात भलाई"
मात्र कुछेक धार्मिक बातों का मान लेना या उन के अनुसार जीवनयापन करना जैसे ईमान, सलात या नमाज़, रोज़े, ॹकात और हज कर लेना ही पूर्ण इस्लाम "सिरात अल मुस्तकीम" नहीं है बल्कि सम्पूर्ण जीवन को जिहाद ( STRIVE ) करते हुए शान्ति व्यवस्था,न्याय और दूसरे इंसानों के अधिकारों को न्यायोचित ठहरा कर उनको पूरा करना ही नहीं प्रत्येक स्थिति में समृद्धि और विकास के पथ पर अपने रचियता और मालिक के बताये हुए नियमों पर अग्रसर रहकर समाज में उनका पालन करना ही इस्लाम है।

©Mohammed Shamoon

#manzil

7 Love

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