Ajeeb si ek kasak hainDil me ek tadap haijisse b
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तू याद नहीं करता🤔 मैं रोने लग जाता हूं😥 तू याद किया कर मुझे🤗 तुझे खोने से डरता हूं ..!🫂 @तुम्हारा अहसास ©love you zindagi

 तू याद नहीं करता🤔
मैं रोने लग जाता हूं😥
तू याद किया कर मुझे🤗
तुझे खोने से डरता हूं ..!🫂

@तुम्हारा अहसास

©love you zindagi

#yad #Broken #sad #love #ahsas

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Ye kaisa season h bhai थंड के मौसम मे गरमी का आलम जारी हे 🤔🤔 ©quotes in life

#Pareshan #sardard #Insaan #season #SAD  Ye kaisa season h bhai थंड के मौसम मे
 गरमी का आलम जारी हे
🤔🤔

©quotes in life
#विचार  khud ko kisi kam me uljhye rkhna hi manshik uljhne ko mitne ki phli art hai

©RAJANI VERMA

khud ko kisi kam me uljhye rkhna hi manshik uljhne ko mitne ki phli art hai ©RAJANI VERMA

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जहाँ रिश्तों में रूहानियत होती हैं अक्सर वहाँ सच्ची चाहत होती हैं!! ©Piરાणी N@સरीन !! "Twiનकल"

#शायरी  जहाँ रिश्तों में रूहानियत होती हैं
अक्सर वहाँ सच्ची चाहत होती हैं!!

©Piરાणी N@સरीन !! "Twiનकल"

जहाँ रिश्तों में रूहानियत होती हैं अक्सर वहाँ सच्ची चाहत होती हैं!! ©Piરાणी N@સरीन !! "Twiનकल"

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एक से बढ़कर एक दलालों की दलील से। झूठे, मक्कारों से मिलती हर जलील से। सत्य बड़ा हो परेशान फिर डर जाता है। और कभी इस तरह निरादर अपना पाकर। जब तक लड़ पाता लड़ता फिर मर जाता है।। समय आजकल ठीक नही न्यायालय में भी। 'सत्यमेव जयते' पोषक विद्यालय में भी। सच को खुद को 'सच' साबित करना होता है। और अगर ना कर पाए सच खुद को साबित। उसको झूठा घोषित हो मरना होता है।। अपने - अपने स्तर पर सब सच कहते हैं। चोरी ना कर सके तो खुद को सच कहते है। सच के चोले में आकर्षक स्वांग रचाकर। नीतिपरक उपदेश और कुछ उक्ति सुनाकर। ऐसा लगता है सब झूठे सच कहते हैं।। ..............कौशल तिवारी . . ©Kaushal Kumar

#सत्यआजकल #कविता  एक  से  बढ़कर  एक  दलालों की दलील से।
झूठे,  मक्कारों   से  मिलती  हर  जलील  से।
सत्य  बड़ा  हो  परेशान  फिर  डर  जाता  है।
और  कभी  इस  तरह निरादर अपना पाकर।
जब तक लड़ पाता लड़ता फिर मर जाता है।।

समय  आजकल  ठीक नही न्यायालय में भी।
'सत्यमेव  जयते'   पोषक   विद्यालय  में  भी।
सच को खुद को 'सच' साबित करना होता है।
और अगर ना कर पाए सच खुद को साबित।
उसको   झूठा   घोषित  हो   मरना  होता  है।।
                           
अपने - अपने  स्तर  पर  सब  सच कहते हैं।
चोरी ना कर सके  तो खुद को सच कहते है।
सच  के  चोले  में  आकर्षक  स्वांग रचाकर।
नीतिपरक उपदेश और कुछ उक्ति सुनाकर।
ऐसा  लगता   है   सब  झूठे  सच  कहते  हैं।।
                                 ..............कौशल तिवारी




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©Kaushal Kumar

यकीन हमें ये..... तङप हमारे लिये नहीं.. भ्रम न जाने फिर क्यूँ पाले बैठे.... 🤔 ©Mahadev Son

 यकीन हमें ये.....
तङप हमारे लिये नहीं..

भ्रम न जाने  फिर क्यूँ
पाले बैठे.... 🤔

©Mahadev Son

भ्रम न जाने क्यूँ....

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