जो गुजर गए थे वो जमाने कहाँ से लाओगे।
पुराने ठिकानो से मिले वो खजाने कहाँ से लाओगे।।
जिंदगी नाम है दोस्ती का हर रिश्ते में जरूरी है।।
लगा पाबंदी तुम खाने में स्वाद कहाँ से लाओगे।।
मुरव्वत, दोस्ती, अपनापन, यारी ये नाम है खुशियों के।
गुजार लोगे रात सुकूँ से,बिन कैसे दिन गुजार पाओगे।।
मौसमे बारिश में तुम आग कहाँ पर जलाओगे।
हममें जो बात है वो बात कहाँ से लाओगे ।
लगा दोंगे आज तुम हर साँस पर ताले गर।
मेहखाने में जो खुलते वो चाब कहाँ से लाओगे।।
मुश्किल से मिलते कुछ इंसा इस मतलबी जमीं पर।।
रहकर अकेले तुम ,कितने साल गुजार पाओगे।
कद्र करो जो है उसको सवारने की बेशक।
मसले जीत लोगे बातों से, गर दरार -ए -रिश्ते जरूर पाओगे।।
©ravi parihar
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