#Worldteacherday शिक्षक दिवस पर मैं आज, एक बात कहना चाहूंगी,
जन्म लूं जब भी मैं शिक्षक ही बनना चाहूंगी।
मैं भी एक दिन अपने गुरुजनों की भांति,
उनके मार्ग पर चलना चाहूंगी।
नन्हे नन्हे बच्चों के , भविष्य के ख्वाब संजोना चाहूंगी,
कोरे कागज पर लिखकर , उन्हें क़िताब बनाना चाहूंगी।
"अ" से शुरू कर उनके पाठों को, ज्ञ" से ज्ञानी तक पहुंचाना चाहूंगी।
घनी अंधेरी दीवारों पर, रौशनी की मुहर लगाना चाहूंगी।
शिक्षक बनने का सुअवसर मै भी पाना चाहूंगी,
बच्चों के सफलता की नींव डालना चाहूंगी।
मैं भी अपने शिक्षकों की तरह बनकर ,
जीवन के अंधेरों की रौशनी दिखाना चाहूंगी।
बनकर उनकी प्रेरणा , उन्हें ऊंचाई तक पहुंचाना चाहूंगी
सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं, जीवन जीना सीखाना चाहूंगी
जन्म लूं , जब भी मैं शिक्षक बनना चाहूंगी।
अंकिता
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here