करवट बदल बदल के शबे हिज़्र सोचना
उसके ही बाद वस्ल की सूरत को देखना j
थोड़ा बहुत ख्याल भी क़द का नहीं रहे
तुम जब कोई सवाल मेरा मुझसे पूछना
बदलाव तुझको तुझमें दिखाई नहीं दिए
तू अब दुबारा चाक पे हरगिज न घूमना
6 Love
ख़ुद को बिखरने मत देना
कभी किसी हाल में
क्योंकि लोग गिरे हुए
मक़ान की ईट तक
ले जाते हैं
.........Ummed.........
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