स्कूल और बेंच यादें ज़िंदगी को पनाह दिया करती हैं,
ख़ुश रहने की सलाह दिया करती हैं,
जुदाई में देती है जीने की ताक़त,
यादें कितनी हसीन हुआ करती हैं।
वो अश्कों को हँसा देती है,
वो तन्हाई मिटा देती है,
राहें ग़ुम जाती हैं जब कभी,
यादें रास्ते इजाद किया करती हैं।
रविकुमार
( अंदाज़ ए बयाँ )
यादें ज़िंदगी को पनाह दिया करती हैं,
ख़ुश रहने की सलाह दिया करती हैं,
जुदाई में देती है जीने की ताक़त,
यादें कितनी हसीन हुआ करती हैं।
वो अश्कों को हँसा देती है,
वो तन्हाई मिटा देती है,
राहें ग़ुम जाती हैं जब कभी,
यादें रास्ते इजाद किया करती हैं।
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स्कूल और बेंच कभी चुपचाप चला जाता हूँ उस दौर में
जहाँ बसती हैं रंगीन यादें हमारी...
बड़ा सकूँ मिलता है वहाँ तन्हा वक़्त बिताकर
जहाँ हँसती हैं हसीन मुलाक़ातें हमारी ...
रविकुमार
कभी चुपचाप चला जाता हूँ उस दौर में
जहाँ बसती हैं रंगीन यादें हमारी...
बड़ा सकूँ मिलता है वहाँ तन्हा वक़्त बिताकर
जहाँ हँसती हैं हसीन मुलाक़ातें हमारी ...
रविकुमार
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