Diwali
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मोदी राज की दिवाली, या देव दिवाली, दीपो की रोशनी से जगमगाती, अयोध्या निराली, सात सालों में सनातन की आभा है निराली मोदी राज की दिवाली, या देव दिवाली, ©Rajesh Sharma Dadhich

#Diwali  मोदी राज की दिवाली, 
या देव दिवाली,
दीपो की रोशनी से
जगमगाती, 
अयोध्या निराली,
सात सालों में सनातन की
आभा है निराली
मोदी राज की दिवाली, 
या देव दिवाली,

©Rajesh Sharma Dadhich

#Diwali

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एक दीपक अपने आस -पास उन लोगो के घर मे जलाये | जो किसी मज़बूरी वश घर को रोशन नहीं कर पाते || आप सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें ©आशीष शुक्ला

#Quotes #Diwali  एक दीपक अपने आस -पास
उन लोगो के घर मे जलाये |

जो किसी मज़बूरी वश
 घर को रोशन नहीं कर पाते ||

आप सभी को दिवाली की
हार्दिक शुभकामनायें

©आशीष शुक्ला

#Diwali

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झिलमिलाता ज्योति पर्व है,जलाओ दीप प्रेम के। मिटा के नफरतों के तम उगाओ बीज नेह के। मन में जो भी हों गिले मन में ही करो दफन, सजाओ प्रेम मन के द्वार, प्रेम को करो नमन, प्रेम ही बसाओ मन, गुनगुनाओ गीत प्रेम के। मिटा के नफरतों के तम उगाओ बीज नेह के। खुशी खिली रहे जहां में चहरों पे हंसी रहे, लक्ष्मी प्रसन्न हों, कृपा कुबेर की रहे, सदैव मन सरल रहे, छाए न अंध जंगी मेघ के। मिटा के नफरतों के तम उगाओ बीज नेह के। राम जी सी शीलता हो राम जी के देश में, इस दिवाली को सजाओ प्रेम ज्योति वेष में, जगमगाते हों दिए, लिए उजाले प्रेम के। मिटा के नफरतों के तम उगाओ बीज नेह के। ©रिंकी कमल रघुवंशी "सुरभि"

#कविता #Diwali  झिलमिलाता ज्योति पर्व है,जलाओ दीप प्रेम के।
मिटा के नफरतों के तम उगाओ बीज नेह के।

मन में जो भी हों गिले मन में ही करो दफन,
सजाओ प्रेम मन के द्वार, प्रेम को करो नमन,
प्रेम ही बसाओ मन, गुनगुनाओ गीत प्रेम के।
मिटा के नफरतों के तम उगाओ बीज नेह के।

खुशी खिली रहे जहां में चहरों पे हंसी रहे,
लक्ष्मी प्रसन्न हों, कृपा कुबेर की रहे,
सदैव मन सरल रहे, छाए न अंध जंगी मेघ के।
मिटा के नफरतों के तम उगाओ बीज नेह के।

राम जी सी शीलता हो राम जी के देश में,
इस दिवाली को सजाओ प्रेम ज्योति वेष में,
जगमगाते हों दिए, लिए उजाले प्रेम के।
मिटा के नफरतों के तम उगाओ बीज नेह के।

©रिंकी कमल रघुवंशी "सुरभि"

#Diwali

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तमाम सबूतों एवं गवाहों को मध्य नजर रखते हुए इस पोस्ट पढ़ने वाले को Happy Dipawali विश कर के, धारा 24/10/2022 के तहत, ‌जीवन भर खुश 🤗 रहने की सजा सुनाते हैं...💯 ©#Dikku D

#happydiwali  तमाम सबूतों एवं गवाहों को
मध्य नजर रखते हुए
इस पोस्ट पढ़ने वाले को
Happy Dipawali विश कर के,
धारा 24/10/2022 के तहत,
‌जीवन भर खुश 🤗 रहने की 
सजा सुनाते हैं...💯

©#Dikku D

#happydiwali 2022#Diwali

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*🪔🪔।। दिवाळी ।।🪔🪔* 🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔 मंगल पहाटे आली ही दिवाळी, अंगणा मधली रंगलेली रांगोळी, प्राजक्त फुलांचा सुगंध दरवळी, घनश्याम सुंदरा ऐकतो भुपाळी। नभात उजळे कंदिल तारा, तोरण बांधिले घरच्या दारा, शोभिती सुंदर फुलांच्या माळा, रोमरोमात शिरला आनंद सारा। फराळाची रेलचेल चकली रताळी, अनारसे, लाडु, चिवडा भारी, उत्सव दिपज्योतीचा लावण्य दारी, उत्साह प्रेमाचा प्रकाशली दिवाळी। चेतवू मानवात ज्योत बंधुत्वाची, भावना रमली एकात्म मानवतेची, चंदनाची खुण मस्तकी उसळी, धर्म विश्वाचा ज्ञानदिप उजळी । फुलतो नात्यांचा आनंद जिव्हाळी, दिपावलीचा स्वानंद घेतो भरारी, सुगीची दिवाळी ठुमकत येत न्यारी, दुरीतांचे तिमिर हरते माझी दिवाळी। 🪔🪔🪔🪔🪔 *@✍️ अमोल तपासे, सीताबर्डी, नागपूर. भ्रमणध्वनी ९९६०६७३७८९* ©Amol Tapase

#मराठीकविता #Diwali  *🪔🪔।। दिवाळी ।।🪔🪔*
🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔
मंगल पहाटे आली ही दिवाळी,
अंगणा मधली रंगलेली रांगोळी,
प्राजक्त फुलांचा सुगंध दरवळी,
घनश्याम सुंदरा ऐकतो भुपाळी।

नभात उजळे कंदिल तारा,
तोरण बांधिले घरच्या दारा,
शोभिती सुंदर फुलांच्या माळा,
रोमरोमात शिरला आनंद सारा।

फराळाची रेलचेल चकली रताळी,
अनारसे, लाडु, चिवडा भारी,
उत्सव दिपज्योतीचा लावण्य दारी,
उत्साह प्रेमाचा प्रकाशली दिवाळी।

चेतवू मानवात ज्योत बंधुत्वाची,
भावना रमली एकात्म मानवतेची,
चंदनाची खुण मस्तकी उसळी,
धर्म विश्वाचा ज्ञानदिप उजळी ।

फुलतो नात्यांचा आनंद जिव्हाळी,
दिपावलीचा स्वानंद घेतो भरारी,
सुगीची दिवाळी ठुमकत येत न्यारी,
दुरीतांचे तिमिर हरते माझी दिवाळी।
🪔🪔🪔🪔🪔
*@✍️ अमोल तपासे, सीताबर्डी, नागपूर. 
भ्रमणध्वनी ९९६०६७३७८९*

©Amol Tapase

#Diwali

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°आली आली दिपावली° आली आली दिपावली, दारी रंगांची रांगोळी आगणदिवा आकाशी, दीपतेजांची रोषणाई पहिली वसुबारस, हळदी कुंकाचे औक्षण गोधनाची करू पूजा, ओवाळूनी निरांजन पुढे आली धनतेरस, धन्वंतरी पावो खास आयुष्यात निरामय, आरोग्याचा लाभो वास येता नरकचतुर्दशी, होता अभ्यंगाचे स्नान पापवासनांचा नाश, अहंकाराचे उच्चाटन मग येई अमावस्या, करू लक्ष्मीचे पूजन धनधान्या होवो वृध्दी, मनोमनी हे चिंतन पुढे बली प्रतिपदा, सुरू होते नववर्ष नव्या आशा नी आकांक्षा, तनमनी होई हर्ष शेवटी ती भाऊबीज, बहिणीचं अतूट नातं ओवाळीत बंधुराया, बांधते जन्मीची गाठ •देवानंद जाधव• धामणी, पुणे. 9892800137 jdevad@gmail.com ©Devanand Jadhav

#मराठीकविता #Diwali  °आली आली दिपावली° 

आली आली दिपावली, दारी रंगांची रांगोळी 
आगणदिवा आकाशी, दीपतेजांची रोषणाई 

पहिली वसुबारस, हळदी कुंकाचे औक्षण 
गोधनाची करू पूजा, ओवाळूनी निरांजन 

पुढे आली धनतेरस, धन्वंतरी पावो खास 
आयुष्यात निरामय, आरोग्याचा लाभो वास 

येता नरकचतुर्दशी, होता अभ्यंगाचे स्नान 
पापवासनांचा नाश, अहंकाराचे उच्चाटन 

मग येई अमावस्या, करू लक्ष्मीचे पूजन 
धनधान्या होवो वृध्दी, मनोमनी हे चिंतन 

पुढे बली प्रतिपदा, सुरू होते नववर्ष 
नव्या आशा नी आकांक्षा, तनमनी होई हर्ष 

शेवटी ती भाऊबीज, बहिणीचं अतूट नातं
ओवाळीत बंधुराया, बांधते जन्मीची गाठ 

•देवानंद जाधव• धामणी, पुणे. 
9892800137
jdevad@gmail.com

©Devanand Jadhav

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