vikash bhardwaj

vikash bhardwaj"बदनाम" Lives in Rewa, Madhya Pradesh, India

🎂26_jan #poetry_lover #poem_writer #story_writter follow me on insta id👉 pathakvikash_ "मेरी कलम किसी स्याही की मोहताज नही है, दर्द और प्यार ही काफी है उसे चलाने के लिए।" "लिखना चाहूँ जिसको लिख दूँ हर इन्सान की छवि हूँ मैं, कागज कलम है ताकत मेरी एक सीधा साधा कवि हूँ मै "...✍मेरी कलम से ❤ -vikash❤🙏

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ये मेहंदी ये चूड़ी ये कंगन अंगूठी मेरे प्यार की सब कहानी कहेंगे, वो माथे की बिन्दिया , वो आँखो का काजल वो कानो के झुमके, वो पैरों के पायल वो नाको की नथुनी, वो बालो का जूड़ा वो होंठो की लाली, और यौवन ही पूरा मेरे प्यार की सब निशानी बनेंगे । मेरे प्यार की सब कहानी कहेंगे ।

 ये मेहंदी ये चूड़ी ये कंगन अंगूठी 
मेरे प्यार की सब कहानी कहेंगे,

वो माथे की बिन्दिया , वो आँखो का काजल
वो कानो के झुमके, वो पैरों के पायल

वो नाको  की नथुनी, वो बालो का जूड़ा 
वो होंठो की लाली, और यौवन ही पूरा 

मेरे  प्यार की सब निशानी बनेंगे ।
मेरे प्यार की सब कहानी कहेंगे ।

ये मेहंदी ये चूड़ी ये कंगन अंगूठी मेरे प्यार की सब कहानी कहेंगे, वो माथे की बिन्दिया , वो आँखो का काजल वो कानो के झुमके, वो पैरों के पायल वो नाको की नथुनी, वो बालो का जूड़ा वो होंठो की लाली, और यौवन ही पूरा मेरे प्यार की सब निशानी बनेंगे । मेरे प्यार की सब कहानी कहेंगे ।

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Alone रिश्ते टूट ही जाते भले कितना सम्भालो तुम, हैं अपने रूठ ही जाते भले कितना मना लो तुम, ये जीवन का समंदर तुम भले ही पार कर लोगे मोहब्बत तो डूबो देगी भले कितना बचा लो तुम। ©️®️vikash✍❤

#nojotoshayari #nojotohindi #nojotoLove #nojotonews  Alone  रिश्ते टूट ही जाते भले कितना सम्भालो तुम,
हैं अपने रूठ ही जाते  भले कितना मना लो तुम,
ये जीवन का समंदर तुम भले ही पार कर लोगे
मोहब्बत तो डूबो देगी भले कितना बचा लो तुम।

©️®️vikash✍❤

जो अपनी जिद मे ही अड़ा करते हैं, धमाका उनके लिए कुछ बड़ा करते हैं, ये दुनिया है, यहाँ होता नही हासिल यूँ ही सब कुछ मंजिले उनकों ही मिलती हैं जो तूफानो से लडा करते हैं। ©️®️vikash✍❤

#nojoto_poetry #nojoto_hindi #MyPoetry #spark  जो अपनी जिद मे ही अड़ा करते हैं,
धमाका उनके लिए कुछ बड़ा  करते हैं,

ये दुनिया है, यहाँ  होता नही हासिल यूँ ही सब कुछ
मंजिले उनकों  ही मिलती हैं जो तूफानो से लडा करते  हैं।

©️®️vikash✍❤

लगे देखकर उसको मानो ज्यों प्राची नभ की उषा किरणे उर्मिल अलके बनकर उसके कपोल में डोल रही हैं, मधुप मधुर गुंजार सदृस प्रिय मुख से वो बोल रही, मेरे युगल दृगों से मिलकर उसकी पलको का उत्थान पतन, वो स्मित उन अधरों में उसके कर्ण स्पर्शित तिरछे नयन शशि खण्ड सा आनन उसका श्याम पट लिपटा बदन उसकी ये स्मृतियाँ, कपाट मेरे हृदय का खोल रही हैं श्रांत पथिक मै ,मेरे मन में आशा की किरणे घोल रही है। ©️®️vikash❤

#nojotopoetry #nojotolines #nojotoLove #nojotonews #OpenPoetry  लगे देखकर उसको मानो 
 ज्यों प्राची नभ की उषा किरणे 
 उर्मिल अलके बनकर 
 उसके कपोल में डोल रही हैं,

मधुप मधुर गुंजार सदृस
प्रिय मुख से वो बोल रही, 

मेरे  युगल दृगों  से मिलकर 
उसकी पलको का उत्थान पतन,

वो स्मित उन  अधरों  में  उसके 
कर्ण स्पर्शित तिरछे नयन

शशि खण्ड सा आनन उसका
श्याम पट लिपटा बदन 

उसकी ये स्मृतियाँ, कपाट 
मेरे हृदय का खोल रही हैं 
 
श्रांत पथिक मै ,मेरे मन में  
आशा की किरणे घोल रही है।

©️®️vikash❤

जिसका माथ तिलक करता स्वयं आसमान लोहित होकर, जिस धरा जन्म लेते स्वयं पुरषोत्तम मोहित होकर, नतमस्तक हो सम्पूर्ण जगत भी जिसके गुण का गान करे, पली गर्भ मे संस्कृति जिसके, जगती भी सम्मान करे, है धन्य मही ये जहा जन्म ले बुद्ध ने जीवन का उपदेस दिया है धन्य धरा ये जिसने दुनिया को सुख शान्ति का संदेश दिया शत शत नमन इस धन्य राष्ट्र को जिसने शून्य का दान दिया शत कोटि नमन उन वीरो को भी जिसने इसको है महान किया। 🇮🇳🇮🇳🇮🇳 ©️®️vikash❤

#independenceday2020 #nojotoshayari #nojotopoetry #nojotohindi #nojotoLove  जिसका माथ तिलक करता स्वयं आसमान लोहित होकर,
जिस धरा जन्म लेते स्वयं पुरषोत्तम मोहित होकर,

नतमस्तक हो सम्पूर्ण जगत भी जिसके गुण  का गान करे,
पली गर्भ मे संस्कृति जिसके, जगती भी सम्मान करे,

है धन्य मही ये जहा जन्म ले बुद्ध ने जीवन का उपदेस दिया 
है धन्य धरा ये जिसने दुनिया को सुख शान्ति का संदेश दिया

शत शत नमन इस धन्य राष्ट्र को जिसने शून्य का दान दिया
शत कोटि नमन उन वीरो को भी जिसने इसको है महान किया।

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©️®️vikash❤

हिम शैल श्रृंग शिखर जिसके , चरण मे अम्बुध अपार उर सदय जिसका ,पूजता जिसको सारा संसार अंक में जिसके अयुत-लक्ष, रत्न हैं भरे पड़े प्रान्तर मे जिसके खड़े वृक्ष अर्बुद सम हरे भरे । नील नभ गर्जित स्वयं हो जयकार जिसका करे हो विघ्न कोई भी बड़ा, देव आकर खुद हरे ऐसे पूजित प्रान्त में ले जन्म कवि भाग्य निश्चय ही बढ़े जिसकी भूमि लहू से सिंचित करते आये वीर बड़े।। 🇮🇳🇮🇳🇮🇳 ©️®️vikash❤

#IndependenceDay #nojotoshayari #nojotopoetry #nojotohindi #NojotoFilms  हिम शैल श्रृंग शिखर जिसके , चरण  मे अम्बुध  अपार
उर सदय जिसका ,पूजता जिसको सारा संसार

अंक में  जिसके अयुत-लक्ष, रत्न हैं  भरे  पड़े 
प्रान्तर मे जिसके खड़े वृक्ष अर्बुद सम हरे भरे ।

नील नभ गर्जित स्वयं हो जयकार जिसका करे
हो विघ्न कोई भी बड़ा, देव आकर खुद हरे 

ऐसे पूजित प्रान्त में ले जन्म कवि भाग्य निश्चय ही बढ़े
जिसकी भूमि लहू से सिंचित करते आये वीर बड़े।।

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