Archana sharma

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White बहन लगा टीका भाई को, करती है यह वन्दन। फूले फले हमेशा, मेरे भैया का घर आंगन। नहीं ऐसा संभव है होता, कि रहें सदा हम साथ। दूर चली जाती है बहना, सजकर,संग बारात। ससुराल में जाकर भी, कहाँ भूलती पीहर। आँखों में बसता है सदा वो प्यारा आँगन, घर। हर व्रत त्यौहार में मायके की याद है करती याद कर पल बचपन के, सुख की सांसे भरती। ©Archana sharma

#कविता #sad_quotes  White बहन लगा टीका भाई को, 
 करती है यह वन्दन। 
 फूले फले हमेशा,
 मेरे भैया का घर आंगन।
 नहीं ऐसा संभव है होता, 
 कि रहें सदा हम साथ।
 दूर चली जाती है बहना,
 सजकर,संग बारात।
 ससुराल में जाकर भी,
 कहाँ भूलती पीहर। 
 आँखों में बसता है सदा 
 वो प्यारा आँगन, घर।
 हर व्रत त्यौहार में 
 मायके की याद है करती
  याद कर पल बचपन के,
 सुख की सांसे भरती।

©Archana sharma

#sad_quotes

9 Love

जिन्दगी की उदासी को दिल से न लगाइये। कभी गम ,कभी खुशी मिलकर मनाइए। जीवन दौड़ में कभी यदि रह गए हो पीछे मन को अपने न मायूस बनाइए। न छुप कोने में आंसू तुम बहाना बस हौसला मन अपने जागाइए। जीत जाओगे तुम जीवन की जंग उम्मीद का छोटा दीया तो जलाइए। ©Archana sharma

#कविता #Light  जिन्दगी की उदासी को
दिल से न लगाइये।
कभी गम ,कभी खुशी
मिलकर मनाइए।

जीवन दौड़ में कभी
 यदि रह गए हो पीछे
 मन को अपने
 न मायूस बनाइए।

न छुप कोने में
आंसू तुम बहाना
बस हौसला मन 
अपने जागाइए।

जीत जाओगे तुम
जीवन की जंग
उम्मीद का छोटा
दीया तो जलाइए।

©Archana sharma

#Light

16 Love

बसती थी खुशियों जिन घरों मे कभी वह मकान बह गया। घरों में सजा बेशकीमती समान बह गया। बह गई आशाएं, उम्मीदें भी बह गई सूनी आंखों में बस बहता आंसू रह गया। ©Archana sharma

#विचार #KhulaAasman  बसती थी खुशियों
जिन घरों मे कभी
वह मकान बह गया।
 घरों में सजा
 बेशकीमती समान
  बह गया।
  बह गई आशाएं,
   उम्मीदें भी बह गई
   सूनी आंखों में बस
    बहता आंसू रह गया।

©Archana sharma

#KhulaAasman

15 Love

#विचार  बसती थी खुशियों
जिन घरों मे कभी
वह मकान बह गया।
 घरों में सजा
 बेशकीमती समान
  बह गया।
  बह गई आशाएं,
   उम्मीदें भी बह गई
   सूनी आंखों में बस
    बहता आंसू रह गया।

©Archana sharma

बसती थी खुशियों जिन घरों मे कभी वह मकान बह गया। घरों में सजा बेशकीमती समान बह गया। बह गई आशाएं, उम्मीदें भी बह गई सूनी आंखों में बस बहता आंसू रह गया। ©Archana sharma

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कुछ कमी तुझमें कुछ कमी मुझमें भी फिर कैसा इतराना? कुछ करो तुम कुछ करें हम भी बस मिल कर हाथ बढाना। परोपकार ही है सेवा बात सभी है जाने। पर सच्ची सीधी बातें कहाँ कोई हैं माने। करके थोड़ा दान कभी नहीं इतराना। बहते आंखों के आसूं पोंछ कभी तुम देखो। मन की पीडा लोगों के मन झांक कभी तुम देखो ठहर कभी दो पल संग उनके भी बीताना। ©Archana sharma

#विचार #kinaara  कुछ कमी तुझमें
कुछ कमी मुझमें भी
फिर कैसा इतराना?
कुछ करो तुम
 कुछ करें हम भी
बस मिल कर
 हाथ बढाना।

परोपकार ही है सेवा
बात सभी है जाने।
पर सच्ची सीधी बातें 
कहाँ कोई हैं माने।
 करके थोड़ा दान
 कभी नहीं इतराना।

बहते आंखों के आसूं 
पोंछ कभी तुम देखो।
मन की पीडा लोगों के
मन झांक कभी तुम देखो
ठहर कभी दो पल
संग उनके भी बीताना।

©Archana sharma

#kinaara

17 Love

न कोस अंधेरे को तलाश रोशनी की किया कीजिए। देख अंधेरा मन को न बैचेन किया कीजिए। दस्तक देगें उजाले तुझे इंतजार वक्त का बस किया कीजिए। न होता हासिल जो चाहोगे तुम होड हरपल जीवन से न किया कीजिए। पास होनी है गर ये जीवन परीक्षा नकल न गैरों की किया कीजिए। जीवन इम्तिहान है बडा ही कठिन कोशिश कर इसे पास किया कीजिए। ©Archana sharma

#विचार #chaandsifarish  न कोस अंधेरे को
तलाश रोशनी की
 किया कीजिए।
 
 देख अंधेरा 
 मन को न बैचेन
किया कीजिए।

दस्तक देगें 
उजाले तुझे
इंतजार  वक्त का 
बस किया कीजिए।

न होता हासिल
जो चाहोगे तुम
होड हरपल 
जीवन से 
न किया कीजिए।

पास होनी है गर
 ये जीवन परीक्षा 
नकल न गैरों की
 किया कीजिए।

  जीवन इम्तिहान है 
  बडा ही कठिन
  कोशिश कर इसे
  पास किया कीजिए।

©Archana sharma
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