ARUN KUMAR

ARUN KUMAR

ना अनपढ़ रहे ना काबिल हुए,ए-जिंदगी तेरे स्कूल खामखा शामिल हुए। don't copy shayari .

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(रात को फ़ोन) दिन का थका था , घर जाकर सो गया, फ़ोन आया रात को उसका , औऱ उठाकर सो गया, अगली सुबह जब वो मिले राह में , तो बोले तबियत का क्या हाल हैं, अभी भी हम ही हैं दिल में , या किसी औऱ का ख्याल हैं, अरुण राजपूत की कलम से -----/ ©ARUN KUMAR

#Fire  (रात को फ़ोन)

दिन का थका था , 
घर जाकर सो गया,
फ़ोन आया रात को उसका ,
 औऱ उठाकर सो गया,
अगली सुबह जब वो मिले राह में ,
तो बोले तबियत का क्या हाल हैं,
अभी भी हम ही हैं दिल में ,
 या किसी औऱ का ख्याल हैं,

अरुण राजपूत की कलम से -----/

©ARUN KUMAR

रात को फ़ोन। #Fire

12 Love

(लगाब का डर) अब यूँ ही वक्त बेकार नही करता, हर शख्स पर अब ऐतबार नही करता, ख्वाहिश तो बहुत हैं दिल में, पर हर किसी से प्यार का इजहार नही करता, औऱ इस दिल में सिर्फ तुम हो आफरीन, में हर किसी से जिस्म का व्यापार नही करता। ग़लतफ़हमी हैं लोगो की हम उनकी बात सुनते हैं वक्त आने पर तरीके से उनका हिसाब करते हैं अरुण राजपूत की कलम से-----// ©ARUN KUMAR

#walkingalone  (लगाब का डर)

अब यूँ ही वक्त बेकार नही करता,
हर शख्स पर अब ऐतबार नही करता,
ख्वाहिश तो बहुत हैं  दिल में,
पर हर किसी से प्यार का इजहार नही करता,
औऱ इस दिल में सिर्फ तुम हो आफरीन,
में हर किसी से जिस्म का व्यापार नही करता।
ग़लतफ़हमी हैं लोगो की हम उनकी बात सुनते हैं
वक्त आने पर तरीके से उनका हिसाब करते हैं

अरुण राजपूत की कलम से-----//

©ARUN KUMAR

लगाब का डर। #walkingalone

11 Love

गांव अब गांव नही रहे ,शाहर हो गए।। वक्त के साथ-साथ कितने हेरफेर हो गए ।। यू ही गुजर रही हैं जिंदगी कुछ मोड़ तो आये, जो बीत गए बचपन के पल काश वो लौट आये।। silent word not tel any shyari & any poem. अरुण राजपूत की कलम से/// ©ARUN KUMAR

#evening  गांव अब गांव नही रहे ,शाहर हो गए।।
वक्त के साथ-साथ कितने हेरफेर हो गए ।।
यू ही गुजर रही हैं जिंदगी कुछ मोड़ तो आये,
जो बीत गए बचपन के पल काश वो लौट आये।।
silent word not tel any shyari & any poem.

अरुण राजपूत की कलम से///

©ARUN KUMAR

I miss childhood #evening

9 Love

हर सख्श नही चल सकता , आपके हिसाब से , थोड़ा आप भी बदल जाओ , वक़्त के हसाब से, औऱ कुछ पल के लिए, नजरिया को बदलो, जनाब आईना नही , अपनी सख्शियत को बदलो। अरुण राजपूत की कलम से---// ©ARUN KUMAR

#शायरी #Luminance  हर सख्श नही चल सकता ,
 आपके हिसाब से ,
थोड़ा आप भी बदल जाओ ,
 वक़्त के हसाब से,
औऱ कुछ पल के लिए, 
नजरिया को बदलो,
 जनाब  आईना नही ,
 अपनी सख्शियत को बदलो।

अरुण राजपूत की कलम से---//

©ARUN KUMAR

#Luminance

8 Love

सर्दियां आई हैं थोड़ा , धूप का मजा तो लीजिये, सूरज निकलने से पहले थोड़ी , गर्मा- गरम चाय तो पीजिए, औऱ जो बेसब्री से कर रहे हैं, इंतजार तुम्हारा उनसे , एक मुलाक़ात तो कीजिये, औऱ खोकर हसीन जुल्फों, की छांव में अपने इश्क़ का, इजहार तो कीजिए ।। अरुण राजपूत की कलम से ----// ©ARUN KUMAR

#शायरी #4linepoetry  सर्दियां आई हैं थोड़ा ,
 धूप का मजा तो  लीजिये,
सूरज निकलने से पहले थोड़ी ,
गर्मा- गरम चाय तो पीजिए,
औऱ जो बेसब्री से कर रहे हैं,
 इंतजार तुम्हारा उनसे ,
एक मुलाक़ात तो कीजिये,
औऱ खोकर  हसीन जुल्फों,
की छांव में अपने इश्क़ का,
इजहार तो कीजिए ।।

अरुण राजपूत की कलम से ----//

©ARUN KUMAR

मौसम #4linepoetry

5 Love

क्यो लिखकर अल्फ़ाज़ कोरे कागज पर, श्याही बेकार करता हैं क्यो मांगकर मदद किसी गैर से, खुद को उसका तलबगार करता हैं, औऱ क्यों बेच देते हैं ईमान चंद सिक्को के लिए, कभी ये भी सोचा करो की कोई हैं, जो पाप औऱ पुण्य का भी हिसाब रखता हैं। अरुण राजपूत की कलम से----//// ©ARUN KUMAR

#शायरी #Lifelight  क्यो लिखकर अल्फ़ाज़ कोरे कागज पर,
 श्याही  बेकार करता हैं
क्यो मांगकर मदद किसी गैर से,
 खुद को उसका तलबगार करता हैं,
औऱ क्यों बेच देते हैं ईमान चंद सिक्को के लिए,
कभी ये भी सोचा करो की कोई हैं,
जो पाप औऱ पुण्य का भी हिसाब रखता  हैं।

अरुण राजपूत की कलम से----////

©ARUN KUMAR

बस यूंही #Lifelight

9 Love

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