Shrikant_Poetry

Shrikant_Poetry Lives in Raya, Uttar Pradesh, India

मेरा लहजा मेरा रुतबा मेरा हर राज लफ्जों में गूंगी जो हो चुकी है जिंदगी आवाज लफ्जों में ॥ Instagram:- @poetry_shrikant Profile Link:- https://www.instagram.com/poetry_shrikant?r=nametag

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कुछ भी हो दिल में मगर इजहार करना चाहिए जो सीखना हो जीना तो हर 'वार' मरना चाहिए जिसको एहसास भी ना हो अगर कि है दर्द क्या तो उससे कहो कि उसको प्यार करना चाहिए ।। ©Shrikant_Poetry

#फॉलो #कवि  कुछ भी हो दिल में मगर इजहार करना चाहिए

जो सीखना हो जीना तो हर 'वार' मरना चाहिए

जिसको एहसास भी ना हो अगर कि है दर्द क्या

तो उससे कहो कि उसको प्यार करना चाहिए ।।

©Shrikant_Poetry

प्रेम किया है तुमने ग़र तो राम वास है और कहां सात समंदर से भी गहरा कोई समंदर और कहां डूबने वाला जीवन पाये तट दर्शक भी डूबना चाहे श्याम चाहो चुनो प्रेम राह को पथ ऐसा कोई और कहां ॥ हृदयवाणी।श्रीकांत पचहरा

#प्रेम #WrittenByMe #Comment #follow #Shayar  प्रेम किया है तुमने ग़र तो राम वास है और कहां
सात समंदर से भी गहरा कोई समंदर और कहां
डूबने वाला जीवन पाये तट दर्शक भी डूबना चाहे
श्याम चाहो चुनो प्रेम राह को पथ ऐसा कोई और कहां ॥
                                                        हृदयवाणी।श्रीकांत पचहरा

तेरा हुस्न अनोखा दुनिया से सब अलंकार मर्यादा है कोई रस ना न्याय कर सकता है वो फीका है सब सादा है लिख रखा कितनों ने तुम पर फिर भी सब कुछ बाकी है देखूं चाँद को देखता जाऊँ पूरा है फिर चाहे आधा है ॥ हृदयवाणी।श्रीकांत पचहरा

#हुस्न_ए_बहार #WrittenByMe #Shayar #Chand  तेरा हुस्न अनोखा दुनिया से सब अलंकार मर्यादा है
कोई रस ना न्याय कर सकता है वो फीका है सब सादा है
लिख रखा कितनों ने तुम पर फिर भी सब कुछ बाकी है
देखूं चाँद को देखता जाऊँ पूरा है फिर चाहे आधा है ॥
                                                         हृदयवाणी।श्रीकांत पचहरा

लोग कई थे खड़े कतार में पर तुमसा कोई रहनुमा नहीं था हां यूं तो खेले और गए कई पर तुमसा कोई सुना नहीं था कामयाबी खिताब श्रेय रुतबा अजी छोड़ो सब बौनी बातें हैं तुम्हारे कद को जो कैद करले, ढूंढा पर ऐसा आईना बना नहीं था॥ हृदयवाणी।श्रीकांत पचहरा

#DhoniRetirement #WrittenByMe #MissyouMahi #dhoniretire #MSDhoni  लोग कई थे खड़े कतार में पर तुमसा कोई रहनुमा नहीं था
हां यूं तो खेले और गए कई पर तुमसा कोई सुना नहीं था 
कामयाबी खिताब श्रेय रुतबा अजी छोड़ो सब बौनी बातें हैं 
तुम्हारे कद को जो कैद करले, ढूंढा पर ऐसा आईना बना नहीं था॥
                                                                  हृदयवाणी।श्रीकांत पचहरा

तेरी कीर्ति यश गौरव से मैं जग को विदित कराता हूं जो इंकलाब कभी जन्मा था मैं उसको फिर दोहराता हूं ऐ भारतवासी सब धर्म सुनो तुम शीश झुका जयकार करो है उच्च धर्म जय भारत बोलो बस मैं इतना ही समझाता हूं ॥ जय हिंद🇮🇳🇮🇳 हृदयवाणी। श्रीकांत पचहरा

#स्वतंत्रता_दिवस🇮🇳 #भारतमाताकीजय #मेराभारतमहान #जयहिंदुस्तान #WrittenByMe  तेरी कीर्ति यश गौरव से मैं जग को विदित कराता हूं
जो इंकलाब कभी जन्मा था मैं उसको फिर दोहराता हूं
ऐ भारतवासी सब धर्म सुनो तुम शीश झुका जयकार करो
है उच्च धर्म जय भारत बोलो बस मैं इतना ही समझाता हूं ॥
जय हिंद🇮🇳🇮🇳
                                                             हृदयवाणी। श्रीकांत पचहरा

मां यशुधा का नटखट कान्हा नंद बाबा का लाला है श्याम रंग में दुनिया ढ़ल गई ऐसा ये मतवाला है तन काला मन श्वेत नीर सा मुख सब लोक समाये हैं चौदह भुवन बिहारी है पर गाय चराता ग्वाला है॥ हृदयवाणी।श्रीकांत पचहरा

#Janamashtmi2020 #WrittenByMe #murliwala #Shayar #poem  मां यशुधा का नटखट कान्हा नंद बाबा का लाला है
श्याम रंग में दुनिया ढ़ल गई ऐसा ये मतवाला है
तन काला मन श्वेत नीर सा मुख सब लोक समाये हैं
चौदह भुवन बिहारी है पर गाय चराता ग्वाला है॥
                                                               हृदयवाणी।श्रीकांत पचहरा
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