English
पहाड़ी ठेरे हम❤️ जो दूरियों में भी कायम रहा वो इश्क़ ही कुछ और है, खो से गये हम तेरे जाने के बाद खुद ही खुद को खुद में तलाश रहे हैं,
ROHAN और AADHYA, कहते हैं प्यार कहीं भी और कभी भी हो सकता है ऐसा ही कुछ हुआ रोहन के साथ रोहन जिसे पहली बार देख कर ही अपना दिल हार गया,, रोहन जो दिल्ली में रहता है और एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है और फिलहाल में ही अभी दिल्ली में शिफ्ट हुआ है और एक किराये के फ्लैट में रहता है और वो एक हाई लेवल सोसायटी भी है रोहन शिफ्ट तो हो गया है पर अभी उसे बहुत सारे समान को सही तरीके से लगाना है और इसमें अभी टाइम तो लगना ही है और फिर अभी तो रोहन की न्यू जॉइनिंग है उसके आफिस में और उसे कल आफिस भी जाना है रोहन का कल पहला दिन है ऑफिस में और वो नहीं चाहता है कि वो ऑफिस के लिए देर हो जाये तो रोहन सुबह उठने के लिए जल्दी सो गया अगली सुबह रोहन जल्दी उठा और तैयार हो कर आफिस के लिए निकल गया और शाम को रोहन बहुत थका हारा आफिस से घर आया और अपने कमरे को देख कर बहुत परेशान हुआ क्योंकि अभी तक उसने समान को सही जगह शिफ्ट नहीं किया था तो उसने पहले वो सब बिखरा हुआ समान सही जगह लगाया और रोहन बहुत थक गया था रोहन आराम के लिए अपनी बालकनी में बैठकर चाय के साथ मौसम का आंनद ले रहा था और मौसम भी बहुत सुहाना हो रहा था जैसे कि तेज बारिश होने वाली हो रोहन इस बारिश वाले मौसम का आनंद ले रहा था कि तभी रोहन के सामने वाले घर की खिड़की खुली और उस खिड़की से कुछ आवाज आ रही थी और वो किसी लड़की की आवाज थी रोहन उस खिड़की को ही देख रहा था क्योंकि उस खिड़की के पीछे एक बेहद चेहरा था जिसे रोहन बस देखता ही रहा और कुछ इस कदर खो गया कि उसको खबर ही नहीं रही कि बारिश कब होने लगी और वो खिड़की कब बंद हुई जब तक रोहन ख्यालों से बाहर आया तब तक खिड़की बंद हो गयी और रोहन भी बालकनी से कमरे में आ गया और बारिश तेज होने लगी थी, ©ROHAN BISHT
ROHAN BISHT
10 Love
77 View
27 View
जिंदगी की कहानी में उलझे हैं इतने किरदारों में जिस कदर घिरा हुआ है आसमान रात को तारों में, आज सब निकल गये खुद ही खुद से कहीं दूर एक जमाना था जब गुजरती हर शाम मेरी यारों में, अब आता ही नहीं कोई ख्वाब नींद में मुझे कभी हर ख्वाहिश पूरी होती थी इशारों में, अब तो बस यूँ ही हो जाती है शाम बेगानी कभी सारा दिन निकलता था झूमती बहारों में, हम खुश हो लेते बैठ साथ जो कभी दोस्तों के अब मुझे मिलता नहीं वो सुकून इन नाजारों में, ©ROHAN BISHT
15 Love
rjsbdhdhjdjdbdbdkdjdbejdkd d f f d d d d f f f f d f t t r r t t t r t t ©ROHAN BISHT
11 Love
तुमने सुने किस्से जो किताबों और कहानी में, घर को छोड़ जाते हैं वो भरी जवानी में, वो देते हैं शहादत और जीते हैं शान में देश की सुरक्षा करते भारतीय जवान ये आँख जो उठायेगा तो आँखें ये नोचेंगे मारने से पहले कुछ भी ना ये सोचेंगे दुश्मन हैं नामर्द ये धोखे से हैं मारते मेरे देश के जवान तो घर में घुस के फाड़ते, भूल बैठे दुश्मन ये अपनी औकात जो याद कराओ इन्हें उरी का अटैक वो, मारा उन्हें घर में जाके देश के जवानों ने रूह भी काँपती है उनकी आर्मी के नाम से, ©ROHAN BISHT
9 Love
You are not a Member of Nojoto with email
or already have account Login Here
Will restore all stories present before deactivation. It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Download App
Stories | Poetry | Experiences | Opinion
कहानियाँ | कविताएँ | अनुभव | राय
Continue with
Download the Nojoto Appto write & record your stories!
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here