YashMehta

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Dil se Ashiq, Kalam se Shayar

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An Old Wound An old wound That wakes up in night In certain parts of my body Throughout the day It travels long and long Through every part of my body Then it wakes up in night In certain parts of my body An old wound It carry emotions with itself Emotions like whores Standing in the dark places of city Stand in the darkness of my body Exposing their big breasts Emotions try to destroy the mind They ask to be grabbed and fondled To nail into an old wound ©YashMehta

#Dark  An Old Wound

An old wound
That wakes up in night 
In certain parts of my body

Throughout the day
It travels long and long
Through every part of my body

Then it wakes up in night
In certain parts of my body
An old wound

It carry emotions with itself
Emotions like whores 
Standing in the dark places of city
Stand in the darkness of my body

Exposing their big breasts
Emotions try to destroy the mind
They ask to be grabbed and fondled
To nail into an old wound

©YashMehta

AN OLD WOUND #Dark

10 Love

मेरी हंसी के पीछे दर्द की एक लंबी दास्तान रही हैं न कभी वो अपने समझे न कभी वो समझे जिन्हें अपना समझा मैंने एक शहर हैं जिसे मैं समझा की वो तो हैं मेरा वो शहर इतने सालों दूर रख कर फिर यही कहता हैं कि बता इस शहर में हैं कौन तेरा जो तूने मुझे अपना समझ लिया ©YashMehta

#कविता #AloneInCity  मेरी हंसी के पीछे दर्द की एक लंबी दास्तान रही हैं
न कभी वो अपने समझे
न कभी वो समझे जिन्हें अपना समझा मैंने
एक शहर हैं जिसे मैं समझा की वो तो हैं मेरा
वो शहर इतने सालों दूर रख कर फिर यही कहता हैं
कि बता इस शहर में हैं कौन तेरा
जो तूने मुझे अपना समझ लिया

©YashMehta

Ek sham tere naam

Ek sham tere naam

Saturday, 30 October | 08:00 pm

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कभी इश्क़ के किसी छोर तो चल ऐ जानशीं मेरे संग कोई शाम आये अंबर पर ओढ़ कर तेरे काजल का रंग किस किताब से ढूंढ कर लिखूँ तेरे मेरे रिश्ते का नाम मैं तेरे लिए हुआ बावला, तू किसी और के लिए बदनाम ©YashMehta

#Morning  कभी इश्क़ के किसी छोर तो चल ऐ जानशीं मेरे संग 
कोई शाम आये अंबर पर ओढ़ कर तेरे काजल का रंग
किस किताब से ढूंढ कर लिखूँ तेरे मेरे रिश्ते का नाम
मैं तेरे लिए हुआ बावला, तू किसी और के लिए बदनाम

©YashMehta

#Morning

7 Love

इश्क़ में पास आकर भी तुमने जो दूरी रखी फिर मैंने सिर्फ तुम्हारे जिस्म की हवस रखी मैंने कभी ये अरमान कंदिलो में नहीं जलाये खुले आसमां के नीचे हवाओं में धुयें उड़वाये कोई रकम ना थी तेरी याद जो संभाले रखता ये कभी न पूछ लेना क्यूँ मैं यूँ ना फिर लिखता मेरा जो हैं पहाड़ अपने ही तरीके से तोड़ दिया करवटों को अपने इन कागज़ों में निचोड़ दिया ©YashMehta

#Winter  इश्क़ में पास आकर भी तुमने जो दूरी रखी
फिर मैंने सिर्फ तुम्हारे जिस्म की हवस रखी
मैंने कभी ये अरमान कंदिलो में नहीं जलाये
खुले आसमां के नीचे हवाओं में धुयें उड़वाये

कोई रकम ना थी तेरी याद जो संभाले रखता
ये कभी न पूछ लेना क्यूँ मैं यूँ ना फिर लिखता
मेरा जो हैं पहाड़ अपने ही तरीके से तोड़ दिया
करवटों को अपने इन कागज़ों में निचोड़ दिया

©YashMehta

#Winter

10 Love

पहले पैग से तेरी याद आयी दूसरे पैग से तेरा सुरूर चढ़ा तीसरे पैग ने तेरी पायल बजाई चौथे पैग सीधा मुंह में नीट पड़ा पाँचवे के बाद सिर्फ तू ही तू दिखी छटे पर बोतल तोड़ ये कविता लिखी ©YashMehta

 पहले पैग से तेरी याद आयी
दूसरे पैग से तेरा सुरूर चढ़ा
तीसरे पैग ने तेरी पायल बजाई
चौथे पैग सीधा मुंह में नीट पड़ा
पाँचवे के बाद सिर्फ तू ही तू दिखी
छटे पर बोतल तोड़ ये कविता लिखी

©YashMehta

पहले पैग से तेरी याद आयी दूसरे पैग से तेरा सुरूर चढ़ा तीसरे पैग ने तेरी पायल बजाई चौथे पैग सीधा मुंह में नीट पड़ा पाँचवे के बाद सिर्फ तू ही तू दिखी छटे पर बोतल तोड़ ये कविता लिखी ©YashMehta

10 Love

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