Gunjan Upadhyay

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शिकायत है मुझसे सभी को.. अब मैं कुछ बदल सी गई हूँ.. कहते हैं कि कुछ खोई खोई रहती हूँ.. साथ होते हुए भी साथ नहीं होती हूँ.. पूछते हैं आखिर कहाँ रहती हूँ.. अब नादानों को क्या बताऊँ.. कि, मैं तो अब तुम्हारी सोच में रहती हूँ..

#wordsfromtheheart #lovewithinus #writingclub #lovequotes #missingyou  शिकायत है मुझसे सभी को.. 
अब मैं कुछ बदल सी गई हूँ.. 
कहते हैं कि कुछ खोई खोई रहती हूँ.. 
साथ होते हुए भी साथ नहीं होती हूँ.. 
पूछते हैं आखिर कहाँ रहती हूँ.. 
अब नादानों को क्या बताऊँ..  कि,
मैं तो अब तुम्हारी सोच में रहती हूँ..

ज़िदंगी तेरे खेल अजब है..  हर दिन के लिए सबक गज़ब है..  आज भी जल्दी जल्दी जाना था..  उसपे mobile घर भूल जाना,  Oh God, क्या ये मेरे साथ ही होना था..  चलो छोडो अब driving पे ध्यान देते हैं.. उफ्फ़..!! अब इस traffic jam में भी लोग क्यूँ झगड़ते हैं..  अरे तुम्हें जो करना है करते रहो..  पर मुझे तो please जाने दो..  अभी माथे पे सिलवट लिए सोच ही रही थी, कि एक ईंट जाने कहाँ से car की wind screen पे आके गिरी..  Oh noo.. ये क्या हुआ..!! शीशा car का चूर हुआ..  डबडबाई मेरी आँखें, हैरान और परेशान..  सोचा जाने कैसा मनहूस आज का दिन था..  अब तक हुआ क्या कम था, जो ये भी होना था..  पहले ही late थी अब नुकसान भी होना था....

#poetrylovers #yebhihonatha #writingclub #TrafficJam  ज़िदंगी तेरे खेल अजब है.. 
हर दिन के लिए सबक गज़ब है.. 
आज भी जल्दी जल्दी जाना था.. 
उसपे mobile घर भूल जाना, 
Oh God, क्या ये मेरे साथ ही होना था.. 
चलो छोडो अब driving पे ध्यान देते हैं..
उफ्फ़..!! अब इस traffic jam में भी लोग क्यूँ झगड़ते हैं.. 
अरे तुम्हें जो करना है करते रहो.. 
पर मुझे तो please जाने दो.. 
अभी माथे पे सिलवट लिए सोच ही रही थी, 
कि एक ईंट जाने कहाँ से car की wind screen पे आके गिरी.. 
Oh noo.. ये क्या हुआ..!! शीशा car का चूर हुआ.. 
डबडबाई मेरी आँखें, हैरान और परेशान.. 
सोचा जाने कैसा मनहूस आज का दिन था.. 
अब तक हुआ क्या कम था, जो ये भी होना था.. 
पहले ही late थी अब नुकसान भी होना था....

मैं धरा तू अम्बर है.. यूँ तो कोई हक़ नहीं तेरा मुझपर.. फिर भी जाने क्यू तेरे आँसू मेरा आँचल भिगो देते हैं.. फिर भी जाने क्यू खिल उठती हूँ मैं, जब बरसता है तू खुश होकर... फिर भी जाने क्यू सहम जाती हूँ मैं, जब गरजता है तू ज़ोरों से.. यूँ तो कोई मेल नहीं तेरा मेरा.. पर ऐसा कोई छोर नहीं मेरा, जहाँ से होता नहीं दीदार तेरा.. वाह रे खुदाया तेरी कुदरत.. कभी मिलते नहीं पर साथ चलते हैं दोनों, बंधे हैं एक बेनाम से रिश्ते में दोनों... रहते हैं इसी ख्वाहिश में दोनों की, मिलेंगे किसी मोड पे कभी तो हम दोनों... पाऊँ तुझे ये ख्वाहिश नहीं मेरी.. बरसता रहे तेरे प्रेम का सावन मुझपर, बस, इतनी सी है हसरत मेरी... तू अम्बर मैं धरा तेरी..

#wordsfromtheheart #writingcommunity #poetrylovers #togetherness #writingclub  मैं धरा तू अम्बर है..
यूँ तो कोई हक़ नहीं तेरा मुझपर..
फिर भी जाने क्यू तेरे आँसू मेरा आँचल भिगो देते हैं..
फिर भी जाने क्यू खिल उठती हूँ मैं, जब बरसता है तू खुश होकर...
फिर भी जाने क्यू सहम जाती हूँ मैं, जब गरजता है तू ज़ोरों से..
यूँ तो कोई मेल नहीं तेरा मेरा..
पर ऐसा कोई छोर नहीं मेरा,
जहाँ से होता नहीं दीदार तेरा..
वाह रे खुदाया तेरी कुदरत..
कभी मिलते नहीं पर साथ चलते हैं दोनों,
बंधे हैं एक बेनाम से रिश्ते में दोनों...
रहते हैं इसी ख्वाहिश में दोनों की,
मिलेंगे किसी मोड पे कभी तो हम दोनों...
पाऊँ तुझे ये ख्वाहिश नहीं मेरी..
बरसता रहे तेरे प्रेम का सावन मुझपर,
बस, इतनी सी है हसरत मेरी...
तू  अम्बर मैं धरा तेरी..

कैसी ये उधेड़बुन है,  कैसी उलझन है..  सुलझाने लगूं मैं जितना,  थोड़ा और उलझ जाती है.. कभी ये डोर खींची तो कभी वो डोर..  पर मिला न कभी कोई ओर छोर..  कभी दिल ने कुछ एहसास बुने, तो कभी दिमाग ने कुछ ख्वाब उधेड़े.. कुछ सही-गलत, तो कुछ परम्पराओं के थे घेरे.. जाने कितने ही सवालों कि डोरीयाँ है..  जाने कितनी ही अनसुलझी सी पहेलियाँ है..  हर सुबह एक नई सी कोशिश रहती है..  सुलझा सकूं मैं एक भी डोर,  यही फिर एक नई सी उधेड़बुन होती है.... 

#wordsfromtheheart #lovewithinus #writingclub #lovequotes #lovepoetry  कैसी ये उधेड़बुन है, 
कैसी उलझन है.. 
सुलझाने लगूं मैं जितना, 
थोड़ा और उलझ जाती है..
कभी ये डोर खींची तो कभी वो डोर.. 
पर मिला न कभी कोई ओर छोर.. 
कभी दिल ने कुछ एहसास बुने,
तो कभी दिमाग ने कुछ ख्वाब उधेड़े..
कुछ सही-गलत, तो कुछ परम्पराओं के थे घेरे..
जाने कितने ही सवालों कि डोरीयाँ है.. 
जाने कितनी ही अनसुलझी सी पहेलियाँ है.. 
हर सुबह एक नई सी कोशिश रहती है.. 
सुलझा सकूं मैं एक भी डोर, 
यही फिर एक नई सी उधेड़बुन होती है.... 

वो पूछते हैं मुझसे - प्यार करती हो कितना..? मैंने कहा - रात करती है प्यार अपने चाँद से जितना, उसके होने से रात चाँदनी कहलाती है.. उसके न होने से रात अमावस हो जाती है.. करती हूँ तुमसे मैं प्यार इतना.. कि होने से तेरे रौशन है मेरे दिन रात.. और जो तू नहीं तो जीवन है मेरा जैसे - स्याह काली रात...

#wordsfromtheheart #writingcommunity #poetrylovers #togetherness #writingclub  वो पूछते हैं मुझसे - प्यार करती हो कितना..?
मैंने कहा - रात करती है प्यार अपने चाँद से जितना,
उसके होने से रात चाँदनी कहलाती है.. 
उसके न होने से रात अमावस हो जाती है.. 
करती हूँ तुमसे मैं प्यार इतना.. 
कि होने से तेरे रौशन है मेरे दिन रात..
और जो तू नहीं तो जीवन है मेरा जैसे - स्याह काली रात...

चाँद! तुम सो रहे हो... बहुत हंसीन लग रहे हो... इस ठंडी रात के आगोश में,   क्या ख़्वाब कोइ बुन रहे हो...? सुनो..जागो, और इक बात बताओ.. मेरे पिया का ऑखों देखा हाल सुनाओ...  क्या वो भी अब तक जाग रहे हैं ? मुझको तुम में ढूंढ रहे हैं ? क्या मेरी तरह ही जल रहे हैं..?  तुमसे बातें कर रहे हैं..? ख़ुशनसीब हैं ये रात.. जो अपने चाँद को लेके साथ...  बरसा रही है चाँदनी...  और दिखा रही है ख्वाब... चाँद तुम सो रहे हो..  बहुत हंसी लग रहे हो...

#wordsfromtheheart #togetherness #writingclub #lovequotes #lovepoetry  चाँद! तुम सो रहे हो...
बहुत हंसीन लग रहे हो...
इस ठंडी रात के आगोश में,  
क्या ख़्वाब कोइ बुन रहे हो...?
सुनो..जागो, और इक बात बताओ..
मेरे पिया का ऑखों देखा हाल सुनाओ... 
क्या वो भी अब तक जाग रहे हैं ?
मुझको तुम में ढूंढ रहे हैं ?
क्या मेरी तरह ही जल रहे हैं..? 
तुमसे बातें कर रहे हैं..?
ख़ुशनसीब हैं ये रात..
जो अपने चाँद को लेके साथ... 
बरसा रही है चाँदनी... 
और दिखा रही है ख्वाब...
चाँद तुम सो रहे हो.. 
बहुत हंसी लग रहे हो...
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