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New तमसा नदी कहाँ है Status, Photo, Video

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White बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है रहते-रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं। मुनव्वर राना ©Anant Nag Chandan

 White बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है 
रहते-रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं।
मुनव्वर राना

©Anant Nag Chandan

बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है रहते-रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं। मुनव्वर राना

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#Sad_Statusअजीब  White अजीब दास्ताँ है ये, कहाँ शुरू, कहाँ ख़तम 
 ये मंज़िलें हैं कौन सी, न वो समझ सके, न हम

©Javed Raza

#Sad_Statusअजीब दास्ताँ है ये, कहाँ शुरू, कहाँ ख़तम ये मंज़िलें हैं कौन सी, न वो समझ सके, न हम

2,187 View

White क़दम बाद में रक्खें पहले निज कदमों के निशाँ रखें आग अगर होना है तो पहले ख़ुद में धुआँ रखें बाक़ी सब तो ठीक है लेकिन केवल एक ही उलझन है― आँखों में यदि तुम्हें रखें तो नीद और सपने कहाँ रखें? ©Ghumnam Gautam

#ghumnamgautam #कहाँ #sad_shayari #Quotes  White क़दम बाद में रक्खें पहले निज कदमों के निशाँ रखें
आग अगर होना है तो पहले ख़ुद में धुआँ रखें
बाक़ी सब तो ठीक है लेकिन केवल एक ही उलझन है―
आँखों में यदि तुम्हें रखें तो नीद और सपने कहाँ रखें?

©Ghumnam Gautam
#जाएँ  White 
जाएँ तो जाएँ कहाँ, नहीं कहीं भी ठौर।
कोई नहिं अपना यहां, है स्वार्थ का दौर।।

 जाएँ तो जाएँ कहाँ, सीधे सच्चे लोग।
शैतानों के बीच रह, कष्ट रहे हैं भोग।।

जाएँ तो जाएं कहाँ, लेकर मन की बात।
कड़वी होती है बड़ी, सीधी सच्ची बात।।

धीरज होना चाहिए, बदलेंगे हालात।
जाएँ तो जाएँ कहां, सब देते आघात।।

जाएँ तो जाएँ कहाँ, अपने घर को छोड़।
रूठ गये हमसे सभी,चल रहे मुंह मोड़।।

बैठे हैं चुपचाप हम, आई किसकी याद।
जाएँ तो जाएँ कहाँ, सुने कौन फरियाद।।

स्वरचित -निलम अग्रवाला, खड़गपुर

©Nilam Agarwalla

#जाएँ तो जाएँ कहाँ

90 View

#कलमसत्यकी #Life_Experiences #शायरी  मिटाना मुश्किल है मुझे,
हम तुम्हे हर दौर मे मिलेंगे,
कहाँ छुपोगे ,कहाँ तक बच पाओगे मुझसे,
जहाँ बनाओगे ठिकाना ,
उस ठौर पर मिलेंगे।
#कलमसत्यकी

#Life_Experiences sic मिटाना मुश्किल है मुझे, हम तुम्हे हर दौर मे मिलेंगे, कहाँ छुपोगे ,कहाँ तक बच पाओगे मुझसे, जहाँ बनाओगे ठिकाना , उस ठौर

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Black ‘घर’ सा बनकर आना... हर कोई यहां नदी सा है जहां कोई हमेशा के लिए ठहर नही सकता ... मगर जो हमेशा स्थिर रह सके तुम मेरे लिए एक घर जैसे बन जाना! आज साथ हैं पर कल का पता नही ये बहती हुई किसी नदी के समान ही हैं... मगर तुम आना तो कुछ इस तरह कोई ‘घर’ सा बन कर आना.... मैं सुकून की तलाश में कहीं जाना चाहूं और तुम ‘घर’ की तरह मुझे याद आना! ©Pallavi Mamgain

#कविता #नदी #Thinking #घर  Black 
                  ‘घर’ सा बनकर आना...


हर कोई यहां नदी सा है
जहां कोई हमेशा के लिए ठहर नही सकता ...
मगर जो हमेशा स्थिर रह सके
तुम मेरे लिए एक घर जैसे  बन जाना!

आज साथ हैं पर कल का पता नही
ये बहती हुई किसी नदी के समान ही हैं...
मगर तुम आना तो कुछ इस तरह 
कोई ‘घर’ सा बन कर आना....
मैं सुकून की तलाश में कहीं जाना चाहूं
और तुम ‘घर’ की तरह  मुझे याद आना!

©Pallavi Mamgain

तुम ‘नदी’ नही , ‘घर’ सा बनकर आना poetry, love , ghar, nadi #Thinking #घर #नदी प्रेम कविता हिंदी कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता कविता

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White बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है रहते-रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं। मुनव्वर राना ©Anant Nag Chandan

 White बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है 
रहते-रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं।
मुनव्वर राना

©Anant Nag Chandan

बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है रहते-रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं। मुनव्वर राना

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#Sad_Statusअजीब  White अजीब दास्ताँ है ये, कहाँ शुरू, कहाँ ख़तम 
 ये मंज़िलें हैं कौन सी, न वो समझ सके, न हम

©Javed Raza

#Sad_Statusअजीब दास्ताँ है ये, कहाँ शुरू, कहाँ ख़तम ये मंज़िलें हैं कौन सी, न वो समझ सके, न हम

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White क़दम बाद में रक्खें पहले निज कदमों के निशाँ रखें आग अगर होना है तो पहले ख़ुद में धुआँ रखें बाक़ी सब तो ठीक है लेकिन केवल एक ही उलझन है― आँखों में यदि तुम्हें रखें तो नीद और सपने कहाँ रखें? ©Ghumnam Gautam

#ghumnamgautam #कहाँ #sad_shayari #Quotes  White क़दम बाद में रक्खें पहले निज कदमों के निशाँ रखें
आग अगर होना है तो पहले ख़ुद में धुआँ रखें
बाक़ी सब तो ठीक है लेकिन केवल एक ही उलझन है―
आँखों में यदि तुम्हें रखें तो नीद और सपने कहाँ रखें?

©Ghumnam Gautam
#जाएँ  White 
जाएँ तो जाएँ कहाँ, नहीं कहीं भी ठौर।
कोई नहिं अपना यहां, है स्वार्थ का दौर।।

 जाएँ तो जाएँ कहाँ, सीधे सच्चे लोग।
शैतानों के बीच रह, कष्ट रहे हैं भोग।।

जाएँ तो जाएं कहाँ, लेकर मन की बात।
कड़वी होती है बड़ी, सीधी सच्ची बात।।

धीरज होना चाहिए, बदलेंगे हालात।
जाएँ तो जाएँ कहां, सब देते आघात।।

जाएँ तो जाएँ कहाँ, अपने घर को छोड़।
रूठ गये हमसे सभी,चल रहे मुंह मोड़।।

बैठे हैं चुपचाप हम, आई किसकी याद।
जाएँ तो जाएँ कहाँ, सुने कौन फरियाद।।

स्वरचित -निलम अग्रवाला, खड़गपुर

©Nilam Agarwalla

#जाएँ तो जाएँ कहाँ

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#कलमसत्यकी #Life_Experiences #शायरी  मिटाना मुश्किल है मुझे,
हम तुम्हे हर दौर मे मिलेंगे,
कहाँ छुपोगे ,कहाँ तक बच पाओगे मुझसे,
जहाँ बनाओगे ठिकाना ,
उस ठौर पर मिलेंगे।
#कलमसत्यकी

#Life_Experiences sic मिटाना मुश्किल है मुझे, हम तुम्हे हर दौर मे मिलेंगे, कहाँ छुपोगे ,कहाँ तक बच पाओगे मुझसे, जहाँ बनाओगे ठिकाना , उस ठौर

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Black ‘घर’ सा बनकर आना... हर कोई यहां नदी सा है जहां कोई हमेशा के लिए ठहर नही सकता ... मगर जो हमेशा स्थिर रह सके तुम मेरे लिए एक घर जैसे बन जाना! आज साथ हैं पर कल का पता नही ये बहती हुई किसी नदी के समान ही हैं... मगर तुम आना तो कुछ इस तरह कोई ‘घर’ सा बन कर आना.... मैं सुकून की तलाश में कहीं जाना चाहूं और तुम ‘घर’ की तरह मुझे याद आना! ©Pallavi Mamgain

#कविता #नदी #Thinking #घर  Black 
                  ‘घर’ सा बनकर आना...


हर कोई यहां नदी सा है
जहां कोई हमेशा के लिए ठहर नही सकता ...
मगर जो हमेशा स्थिर रह सके
तुम मेरे लिए एक घर जैसे  बन जाना!

आज साथ हैं पर कल का पता नही
ये बहती हुई किसी नदी के समान ही हैं...
मगर तुम आना तो कुछ इस तरह 
कोई ‘घर’ सा बन कर आना....
मैं सुकून की तलाश में कहीं जाना चाहूं
और तुम ‘घर’ की तरह  मुझे याद आना!

©Pallavi Mamgain

तुम ‘नदी’ नही , ‘घर’ सा बनकर आना poetry, love , ghar, nadi #Thinking #घर #नदी प्रेम कविता हिंदी कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता कविता

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