Childhood
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Dear Childhood कहां गए वो दिन जीवन के बीत गए वो पल बचपन के नानी की सारी वो कहानियां बचपन की सारी वो शैतानियां कहां गया मां का वो खाना आंचल का उनके प्यार सुहाना कहां गया वो मेला यारो जादूगर का खेला यारों आगे यारों दिन यौवन के। बीत गए वो पल बचपन के।। मां के आगे बहाने बनाना बहाने बनाकर स्कूल न जाना बीच क्लास में खाना खाना काम ना हो तो कापी भूल जाना अपने मुखड़े को हर दिन सवारना चांद के टुकड़े को प्रतिदिन निहाराना भूल गए वो किस्से लड़कपन के। बीत गए वो पल बचपन के।। छोटी सी बातों पे नाराज होना मेरे रूठने पे वो मां का मनाना बचपन के खेल वो गिल्ली और डंडा कहां खो गया खेलों का एजेंडा यारों का साथ वो हरदम निभाना सावन की बारिश में साथ ही नहाना चुभते हैं अब दिन सावन के। बीत गए वो पल बचपन के।। अब तो बोझ है जिम्मेदारी का पैसों का दुनियादारी का ना जाने फिर कब बचपन जी पाएंगे उभर आए जख्मों को सी पाएंगे उभर आए हैं घाव पुराने दर्पण के। शायद ना लौटे अब पल बचपन के।। रुद्र प्रताप सिंह ©Rudra Pratap Singh

#कविता #bachpan  Dear Childhood 
कहां गए वो दिन जीवन के
बीत गए वो पल बचपन के
नानी की सारी वो कहानियां
बचपन की सारी वो शैतानियां
कहां गया मां का वो खाना
आंचल का उनके प्यार सुहाना
कहां गया वो मेला यारो
जादूगर का खेला  यारों
आगे यारों दिन यौवन के।
बीत गए वो पल बचपन के।।
मां के आगे बहाने बनाना
बहाने बनाकर स्कूल न जाना
बीच क्लास में खाना खाना
काम ना हो तो कापी भूल जाना
अपने मुखड़े को हर दिन सवारना
चांद के टुकड़े को प्रतिदिन निहाराना
भूल गए वो किस्से लड़कपन के।
बीत गए वो पल बचपन के।।
छोटी सी बातों पे नाराज होना
मेरे रूठने पे वो मां का मनाना
बचपन के खेल वो गिल्ली और डंडा
कहां खो गया खेलों का एजेंडा
यारों का साथ वो हरदम निभाना
सावन की बारिश में साथ ही नहाना
चुभते हैं अब दिन सावन के।
बीत गए वो  पल बचपन के।।
अब तो बोझ है जिम्मेदारी का
पैसों का दुनियादारी का
ना जाने फिर कब बचपन जी पाएंगे
उभर आए जख्मों को सी पाएंगे
उभर आए हैं घाव पुराने दर्पण के।
शायद ना लौटे अब पल बचपन के।।
              रुद्र प्रताप सिंह

©Rudra Pratap Singh

#bachpan

11 Love

#शायरी #Childhood #bachpan #Trading #Khyaal #Hindi  Dear Childhood संभाल कर रखो बचपना अपना...
कही जमाने की सियायत इसे
छीन ना ले...

©Deepak Dilwala

Dear Childhood किस कदर उम्मीदें बोझ बन जाती है, हवाओ संग बहने दो परिंदे छोटे है अभी ©deshank sharma

#bachpan #deshank  Dear Childhood किस कदर उम्मीदें बोझ बन जाती है,
हवाओ संग बहने दो परिंदे छोटे है अभी

©deshank sharma

बचपन को मारे ना इस कदर, ख्वाब खुदका बोझ बच्चा सम्हले #deshank #bachpan

9 Love

Dear Childhood जिंदगी जीने की जब तैयारी न थी, बचपन मे जब समझदारी न थी। गिरते संभलते मिट्टी तक खा लेते थे, पापा कहते हैं होशियारी न थी। पर अब भी वो बचपन रहता तो अच्छा रहता, हम बच्चे ही रहते तो अच्छा रहता। उल्टे चप्पल जब पाव में पहन लेते थे, घुटनों के बल जब अंगना मे चल लेते थे। माँ जब डाटती कुछ समझ में न आता था, भूख प्यास लगने पर रोके बताता था। अब भी सब कुछ इशारों में ही कहता तो अच्छा रहता, हम बच्चे ही रहते तो अच्छा रहता। ...कुमार आदित्य... . ©Kumar Aditya

#शायरी #bachpan  Dear Childhood जिंदगी जीने की जब तैयारी न थी, 
बचपन मे जब समझदारी न थी। 
गिरते संभलते मिट्टी तक खा लेते थे, 
पापा कहते हैं होशियारी न थी। 
पर अब भी वो बचपन रहता तो अच्छा रहता, 
हम बच्चे ही रहते तो अच्छा रहता। 

उल्टे चप्पल जब पाव में पहन लेते थे, 
घुटनों के बल जब अंगना मे चल लेते थे। 
माँ जब डाटती कुछ समझ में न आता था, 
भूख प्यास लगने पर रोके बताता था।
अब भी सब कुछ इशारों में ही कहता तो अच्छा रहता, 
हम बच्चे ही रहते तो अच्छा रहता।
...कुमार आदित्य...





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©Kumar Aditya

#bachpan

11 Love

Dear Childhood मेरा बचपन वो हसता खेलता मेरा बचपन कुछ पाने को मचलता मेरा बचपन वो खुशियों से भरा मेरा बचपन अपनी ही जिद पे अड़ा मेरा बचपन बस युही लड़ता झगड़ता मेरा बचपन किताबों मे उलझता मेरा बचपन कभी बिगड़ता बनता मेरा बचपन रंगों से उमंगों से भरा मेरा बचपन पतंगों सा उड़ता वो मेरा बचपन मुस्कराहट बिखेरता वो मेरा बचपन पापा के कंधों पर उड़ान भरता मेरा बचपन मां के आंचल मे खिलता मेरा बचपन बारिश मे नहाता मेरा बचपन खेल खेल मे हार जीत जाता मेरा बचपन कुछ नया सिखाता मेरा बचपन मेरे अपनो को भी भाता मेरा बचपन दिवाली मे दिये जलाता मेरा बचपन होली मे रंग लगाता मेरा बचपन पहले से ज्यादा याद आता मेरा बचपन पहले से ज्यादा याद आता मेरा बचपन,,, अमित सिंह ©Amit Singh

#bachpan #poem  Dear Childhood मेरा बचपन 

वो हसता खेलता मेरा बचपन
कुछ पाने को मचलता मेरा बचपन
वो खुशियों से भरा मेरा बचपन
अपनी ही जिद पे अड़ा मेरा बचपन
बस युही लड़ता झगड़ता मेरा बचपन 
किताबों मे उलझता मेरा बचपन
कभी बिगड़ता बनता मेरा बचपन 
रंगों से उमंगों से भरा मेरा बचपन 
पतंगों सा उड़ता वो मेरा बचपन 
मुस्कराहट बिखेरता वो मेरा बचपन
पापा के कंधों पर उड़ान भरता मेरा बचपन 
मां के आंचल मे खिलता मेरा बचपन 
बारिश मे नहाता मेरा बचपन 
खेल खेल मे हार जीत जाता मेरा बचपन 
कुछ नया सिखाता मेरा बचपन
मेरे अपनो को भी भाता मेरा बचपन
दिवाली मे दिये जलाता मेरा बचपन 
होली मे रंग लगाता मेरा बचपन
पहले से ज्यादा याद आता मेरा बचपन 
पहले से ज्यादा याद आता मेरा बचपन,,,  अमित सिंह

©Amit Singh

Mera bachpan #bachpan

9 Love

Dear Childhood Ek bachpan ka zamana tha Jisme khushiyo ka khazana tha, Na kisi ki fikar thi na koi fasna tha, Subha uth ke school jana Be-matlb ka dosto ko satana, Or bhag ke chup jana, Yaad ata hai wo bachpan ka zamana. Na kam ki fikar thi na Duniya ki Apni hi masti me magan rehna, Bhai-behn se jhagda kar ke Maa ke achal me chup jana, Wo masoom sa bachpan or Maa ka dular, Kitna khubsurat tha wo bachpan Yaad ata hai wo bachpan 😔💗 ©Dreamer Girl

#कविता #Childhood #Trending #bachpan #masti  Dear Childhood Ek bachpan ka zamana tha
Jisme khushiyo ka khazana tha,
Na kisi ki fikar thi na koi fasna tha,
Subha uth ke school jana
Be-matlb ka dosto ko satana, 
Or bhag ke chup jana,
Yaad ata hai wo bachpan ka zamana.
Na kam ki fikar thi na Duniya ki
Apni hi masti me magan rehna,
Bhai-behn se jhagda kar ke 
Maa ke achal me chup jana,
Wo masoom sa bachpan or Maa ka dular,
Kitna khubsurat tha wo bachpan
Yaad ata hai wo bachpan 😔💗

©Dreamer Girl

Bachpan ki yaadein 😔💗 #Nojoto #Childhood #masti #maa #Yaad #Trending #bachpan

8 Love

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