Alone
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tu hoke bhi kha h ab mera jo khayal hai mera wo ab kha h tera wo ek baat jo thi hamare bich wo ab kha hai hamari ©Kamal Tewari

#alone  tu hoke bhi kha h ab mera
jo khayal hai mera 

wo ab kha h tera 
wo ek baat jo thi hamare bich

wo ab kha hai hamari

©Kamal Tewari

#alone sad shayari

14 Love

#alone #SAD  जो बातें पी गया था मै
वो बातें खा गयी मुझको


😞😞😞

©Aman Singh

मी माझ्याशी भेटण्याचा योग असाच केव्हा तरी भेटावा मी एकांती असताना न कळत मला तो जाणवावा मी माराव्या अनगणित गप्पा माझ्या माझ्याशी माझ्याच हातांनी हात घेऊन सांत्वन मलाच द्यावा इतकं सुरेख तर नसतं ना आयुष्य म्हणूनच जगणं थांबल जात कोठे तरी शोध असतो अनामिक त्या सहवासाचा गंध कळतो पण जो कधी उमगत नाही! ©Vishal Pandhare

#मराठीविचार #alone  मी माझ्याशी भेटण्याचा योग असाच केव्हा तरी भेटावा
मी एकांती असताना न कळत मला तो जाणवावा
मी माराव्या अनगणित गप्पा माझ्या माझ्याशी
माझ्याच हातांनी हात घेऊन सांत्वन मलाच द्यावा

इतकं सुरेख तर नसतं ना आयुष्य
म्हणूनच जगणं थांबल जात कोठे तरी
शोध असतो अनामिक त्या सहवासाचा
गंध कळतो पण जो कधी उमगत नाही!

©Vishal Pandhare

#alone

8 Love

#विचार #alone  No Matter How Close People Are..

But Everyone Is Alone In The Journey Of Life..!!

©DRx Khan

#alone @priya" title="Bhanu Priya">@Bhanu Priya @vineetapanchal @priya @shiza @Smeera

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#alone  जब कभी आपको जीवन में कुछ 
समझ नही आ रहा हो कि क्या चल रहा है
और आप कहीं चुपचाप अकेले बैठे हो
और तब आपको भीतर से एक आवाज़ सुनाई दे 
कि तुम कभी अकेले नही हो "मैं सदा तुम्हारे साथ हूँ"...
समय के साथ तुमसे वो सारे कार्य कराए जाएंगे 
जिनके लिये तुम्हें बनाया गया है 
तब यकीन मानिए 
आपका जीवन कभी व्यर्थ नही जाएगा
इसकी "सार्थकता" निश्चित है...

©कृतांत    अनन्त नीरज...

#alone #love

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कभी मुझे बहुत पसंद था... तुम्हारे संग बैठना, पहरों तुमसे बातें करना, तुम्हारा हाथ थाम चलते-चलते, तुम्हें घर तक छोड़ कर आना, और सबसे ज्यादा पसंद था... तुम्हारे साथ गुजारे लम्हों को याद कर, अकेले में मंद-मंद मुस्कुराना। जानती हो... तुमसे बिछड़ने के बरसों बाद, आज भी जब मुस्कुराना चाहता हूं, मैं अकेले बैठ तुम संग बिताए गए, सब लम्हों को याद कर लेता हूं। डॉ दीपक कुमार 'दीप' . ©Dr Deepak Kumar Deep

#कविता #alone  कभी मुझे बहुत पसंद था...
तुम्हारे संग बैठना,
पहरों तुमसे बातें करना,
तुम्हारा हाथ थाम चलते-चलते,
तुम्हें घर तक छोड़ कर आना,
और सबसे ज्यादा पसंद था...
तुम्हारे साथ गुजारे लम्हों को याद कर,
अकेले में मंद-मंद मुस्कुराना।

जानती हो...
तुमसे बिछड़ने के बरसों बाद,
आज भी जब मुस्कुराना चाहता हूं,
मैं अकेले बैठ तुम संग बिताए गए,
सब लम्हों को याद कर लेता हूं।

डॉ दीपक कुमार 'दीप'





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©Dr Deepak Kumar Deep

#alone

15 Love

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