हैं हक मेरा भी तुम्हैं करीब सें निहारनें का,
तुम्हैं बाहों में भरकर प्यार करनें का,
सुकुन नहीं तुम बिन इक दफ़ा दहर में उतर आना,
बस इक दफ़ा ऐ चांद मेरे घर में उतर आना,
हैं हक मेरा भी तुम्हैं करीब सें निहारनें का,
तुम्हैं बाहों में भरकर प्यार करनें का,
सुकुन नहीं तुम बिन इक दफ़ा दहर में उतर आना,
बस इक दफ़ा ऐ चांद मेरे घर में उतर आना,
17 Love
जब प्यास बुझाऐ ना बुझे लाख बरसातों में,
और जब नींद भी ना आऐ तन्हा रातों में,
तब पता चलता हैं की प्यार किसें कहते हैं
जब उसकी याद चुभ रही हो इन आंखों में,
जब प्यास बुझाऐ ना बुझे लाख बरसातों में,
और जब नींद भी ना आऐ तन्हा रातों में,
तब पता चलता हैं की प्यार किसें कहते हैं
जब उसकी याद चुभ रही हो इन आंखों में,
18 Love
तुमनें तो हकीकत को अभी तक भी नहीं माना,
तुम महलों की शमा कोई मैं आंवारा सा परवाना,
तुझे छु राख होना ही तो बस तकदीर मेरी हैं,
मुझे यह दिल और यह जां हैं तेरे नाम कर जाना,
तुमनें तो हकीकत को अभी तक भी नहीं माना,
तुम महलों की शमा कोई मैं आंवारा सा परवाना,
तुझे छु राख होना ही तो बस तकदीर मेरी हैं,
मुझे यह दिल और यह जां हैं तेरे नाम कर जाना,
17 Love
सब हमनें चुना खुद ही फिर शिकायत भी क्या करना,
ईश्क में हारकर सबकुछ फिर बगावत भी क्या करना,
यह घर ना रहा घर वो अब ज़मींजद हो चुका कब का
खंडहर की दीवारों पर फिर सजावट भी क्या करना,
सब हमनें चुना खुद ही फिर शिकायत भी क्या करना,
ईश्क में हारकर सबकुछ फिर बगावत भी क्या करना,
यह घर ना रहा घर वो अब ज़मींजद हो चुका कब का
खंडहर की दीवारों पर फिर सजावट भी क्या करना,
17 Love
किस्मत खुद खुदा सें लिखवा
लाया होगा जिसें तुम चाहोगे,
मगर इंतज़ार में तो वो भी होगा अभी
की तुम आओगे, तुम आओगे,
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