ambuj mishra

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चल साथ मेरे और इस कायनात को भी लेले, जीवन है! यहां हर रोज़ ही लगेंगें दुखों के मेले, पास जो भी होता है, अपना सा लग जाता है! दूर जानें पे लगे, बदल जाता है, चार पल की जिंदगी है सबके साथ बितानी है, एक एक पल की कीमत यहीं तो चुकानी है, कुछ बुढ़ापा तो कुछ पल की ही ये जवानी है, सफ़र का अंत क्या है, सबको याद दिलानी है कि ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी कहानी है!! "अम्बुज" ©ambuj mishra

 चल साथ मेरे और इस कायनात को भी लेले,
जीवन है!
यहां हर रोज़ ही लगेंगें दुखों के मेले,
पास जो भी होता है, अपना सा लग जाता है!
दूर जानें पे लगे, बदल जाता है,
चार पल की जिंदगी है सबके साथ बितानी है,
एक एक पल की कीमत यहीं तो चुकानी है,
कुछ बुढ़ापा तो कुछ पल की ही ये जवानी है,
सफ़र का अंत क्या है,
 सबको याद दिलानी है कि
 ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी कहानी है!!
                    "अम्बुज"

©ambuj mishra

चल साथ मेरे और इस कायनात को भी लेले, जीवन है! यहां हर रोज़ ही लगेंगें दुखों के मेले, पास जो भी होता है, अपना सा लग जाता है! दूर जानें पे लगे, बदल जाता है, चार पल की जिंदगी है सबके साथ बितानी है, एक एक पल की कीमत यहीं तो चुकानी है, कुछ बुढ़ापा तो कुछ पल की ही ये जवानी है, सफ़र का अंत क्या है, सबको याद दिलानी है कि ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी कहानी है!! "अम्बुज" ©ambuj mishra

5 Love

होली बात गयी कि यूं तो मैं रंगों की गिनती भी भूल गया हूं! जब से तुम्हारे रंग में रंग गया हूं!! शायद! शायद लाल सातवें पे हो या फ़िर पहले पे, शायद बैगनी पहले पे हो या फ़िर सातवें पे, नारंगी ने पीला को छुपा लिया हो, नीला ने जामुनी तथा लाल ने बैगनी को, अगर होली खेलना किसी ने प्रारंभ किया होगा तो शायद रंगों ने ही किया होगा, क्यूंकि इन रंगो को एक साथ शायद ही देखना नसीब होता होगा, रंगों ने एक दूसरे से शायद प्रेम कर लिया हो, या फ़िर किसी ने किसी का दिल दुखा दिया हो, प्रेम में मिलने और हृदय से माफ़ी मांगने के लिए एक उत्सव इन लोगो ने चुना होगा जिसे लोग होली कहते हैं। इसमें सभी रंग एक में रंग जातें हैं, एक प्रेमी दूसरे प्रेमी से मिल जातें हैं, कोई मिल के रोता होगा तो कोई बिछड़ के, इन्हीं रंगो जैसा मैं भी तुझमें रंग जाना चाहता हूं, रंग जाना चाहता हूं सात जन्मों के लिए, रंगों की दुनिया अब कुछ ही दिनों में रंगीन हो जाएगी, कुछ क्षण खुशियां मनाएंगी, नाचेंगी, गाएंगीं अपनें प्रेमी तथा प्रेमिका को पाएंगीं। मैं भी तुम्हें पाना चाहता हूं, मैं भी तुम्हें हृदय से चाहता हूं तथा मैं भी तुम्हारे साथ होली मनाना चाहता हूं। "होली की हार्दिक शुभकामनाएं आप सभी को" "अम्बुज मिश्र" ©ambuj mishra

 होली बात गयी कि यूं तो मैं रंगों की गिनती भी भूल गया हूं!
जब से तुम्हारे रंग में रंग गया हूं!!

शायद!

शायद लाल सातवें पे हो या फ़िर पहले पे,
शायद बैगनी पहले पे हो या फ़िर सातवें पे,      
नारंगी ने पीला को छुपा लिया हो,
नीला ने जामुनी तथा 
लाल ने बैगनी को,
अगर होली खेलना किसी ने प्रारंभ किया होगा तो शायद रंगों ने ही किया होगा,
क्यूंकि इन रंगो को एक साथ शायद ही देखना नसीब होता होगा,
रंगों ने एक दूसरे से शायद प्रेम कर लिया हो,
या फ़िर किसी ने किसी का दिल दुखा दिया हो,
प्रेम में मिलने और हृदय से माफ़ी मांगने के लिए एक उत्सव इन लोगो ने चुना होगा जिसे लोग होली कहते हैं।
इसमें सभी रंग एक में रंग जातें हैं,
एक प्रेमी दूसरे प्रेमी से मिल जातें हैं,
कोई मिल के रोता होगा तो कोई बिछड़ के,
इन्हीं रंगो जैसा मैं भी तुझमें रंग जाना चाहता हूं,
रंग जाना चाहता हूं सात जन्मों के लिए,
रंगों की दुनिया अब कुछ ही दिनों में रंगीन हो जाएगी,
कुछ क्षण खुशियां मनाएंगी,
नाचेंगी, गाएंगीं अपनें प्रेमी तथा प्रेमिका को पाएंगीं।
मैं भी तुम्हें पाना चाहता हूं,
मैं भी तुम्हें हृदय से चाहता हूं तथा
मैं भी तुम्हारे साथ होली मनाना चाहता हूं।
    
"होली की हार्दिक शुभकामनाएं आप सभी को"
                  "अम्बुज मिश्र"

©ambuj mishra

होली बात गयी कि यूं तो मैं रंगों की गिनती भी भूल गया हूं! जब से तुम्हारे रंग में रंग गया हूं!! शायद! शायद लाल सातवें पे हो या फ़िर पहले पे, शायद बैगनी पहले पे हो या फ़िर सातवें पे, नारंगी ने पीला को छुपा लिया हो, नीला ने जामुनी तथा लाल ने बैगनी को, अगर होली खेलना किसी ने प्रारंभ किया होगा तो शायद रंगों ने ही किया होगा, क्यूंकि इन रंगो को एक साथ शायद ही देखना नसीब होता होगा, रंगों ने एक दूसरे से शायद प्रेम कर लिया हो, या फ़िर किसी ने किसी का दिल दुखा दिया हो, प्रेम में मिलने और हृदय से माफ़ी मांगने के लिए एक उत्सव इन लोगो ने चुना होगा जिसे लोग होली कहते हैं। इसमें सभी रंग एक में रंग जातें हैं, एक प्रेमी दूसरे प्रेमी से मिल जातें हैं, कोई मिल के रोता होगा तो कोई बिछड़ के, इन्हीं रंगो जैसा मैं भी तुझमें रंग जाना चाहता हूं, रंग जाना चाहता हूं सात जन्मों के लिए, रंगों की दुनिया अब कुछ ही दिनों में रंगीन हो जाएगी, कुछ क्षण खुशियां मनाएंगी, नाचेंगी, गाएंगीं अपनें प्रेमी तथा प्रेमिका को पाएंगीं। मैं भी तुम्हें पाना चाहता हूं, मैं भी तुम्हें हृदय से चाहता हूं तथा मैं भी तुम्हारे साथ होली मनाना चाहता हूं। "होली की हार्दिक शुभकामनाएं आप सभी को" "अम्बुज मिश्र" ©ambuj mishra

3 Love

यूं तो मैं रंगों की गिनती भी भूल गया हूं! जब से तुम्हारे रंग में रंग गया हूं!! शायद! शायद लाल सातवें पे हो या फ़िर पहले पे, शायद बैगनी पहले पे हो या फ़िर सातवें पे, नारंगी ने पीला को छुपा लिया हो, नीला ने जामुनी तथा लाल ने बैगनी को, अगर होली खेलना किसी ने प्रारंभ किया होगा तो शायद रंगों ने ही किया होगा, क्यूंकि इन रंगो को एक साथ शायद ही देखना नसीब होता होगा, रंगों ने एक दूसरे से शायद प्रेम कर लिया हो, या फ़िर किसी ने किसी का दिल दुखा दिया हो, प्रेम में मिलने और हृदय से माफ़ी मांगने के लिए एक उत्सव इन लोगो ने चुना होगा जिसे लोग होली कहते हैं। इसमें सभी रंग एक में रंग जातें हैं, एक प्रेमी दूसरे प्रेमी से मिल जातें हैं, कोई मिल के रोता होगा तो कोई बिछड़ के, इन्हीं रंगो जैसा मैं भी तुझमें रंग जाना चाहता हूं, रंग जाना चाहता हूं सात जन्मों के लिए, रंगों की दुनिया अब कुछ ही दिनों में रंगीन हो जाएगी, कुछ क्षण खुशियां मनाएंगी, नाचेंगी, गाएंगीं अपनें प्रेमी तथा प्रेमिका को पाएंगीं। मैं भी तुम्हें पाना चाहता हूं, मैं भी तुम्हें हृदय से चाहता हूं तथा मैं भी तुम्हारे साथ होली मनाना चाहता हूं। "होली की हार्दिक शुभकामनाएं आप सभी को" "अम्बुज मिश्र" ©ambuj mishra

#Holi  यूं तो मैं रंगों की गिनती भी भूल गया हूं!
जब से तुम्हारे रंग में रंग गया हूं!!

शायद!

शायद लाल सातवें पे हो या फ़िर पहले पे,
शायद बैगनी पहले पे हो या फ़िर सातवें पे,
नारंगी ने पीला को छुपा लिया हो,
नीला ने जामुनी तथा 
लाल ने बैगनी को,
अगर होली खेलना किसी ने प्रारंभ किया होगा तो शायद रंगों ने ही किया होगा,
क्यूंकि इन रंगो को एक साथ शायद ही देखना नसीब होता होगा,
रंगों ने एक दूसरे से शायद प्रेम कर लिया हो,
या फ़िर किसी ने किसी का दिल दुखा दिया हो,
प्रेम में मिलने और हृदय से माफ़ी मांगने के लिए एक उत्सव इन लोगो ने चुना होगा जिसे लोग होली कहते हैं।
इसमें सभी रंग एक में रंग जातें हैं,
एक प्रेमी दूसरे प्रेमी से मिल जातें हैं,
कोई मिल के रोता होगा तो कोई बिछड़ के,
इन्हीं रंगो जैसा मैं भी तुझमें रंग जाना चाहता हूं,
रंग जाना चाहता हूं सात जन्मों के लिए,
रंगों की दुनिया अब कुछ ही दिनों में रंगीन हो जाएगी,
कुछ क्षण खुशियां मनाएंगी,
नाचेंगी, गाएंगीं अपनें प्रेमी तथा प्रेमिका को पाएंगीं।
मैं भी तुम्हें पाना चाहता हूं,
मैं भी तुम्हें हृदय से चाहता हूं तथा
मैं भी तुम्हारे साथ होली मनाना चाहता हूं।
    
"होली की हार्दिक शुभकामनाएं आप सभी को"
                  "अम्बुज मिश्र"

©ambuj mishra

#Holi

5 Love

हां! मैं तुम्हें रोज गले लगा लेता हूं, सुबह उठते ही शाम तक तुम्हारा चेहरा यूं सामनें देख तब! मैं तुम्हें गले लगा लेता हूं, सुबह की ताज़ी धूप और शाम की सौंदर्य लालिमा जब भी मेरे तन पे पड़ती है तब! मैं तुम्हें गले लगा लेता हूं!! इस दिखावे की दुनिया में जब कोई निस्वार्थ प्रेम करता है तब! मैं तुम्हें गले लगा लेता हूं, कभी कभी जब मैं दुखित होता हूं, टूट जाता हूं और फ़िर अचानक मेरे अंदर स्फूर्ति का आना, तय है! मैं तुम्हें गले लगा लेता हूं, गर्मी की शीतल हवा हो तुम, सर्द मौसम में जो गर्मी लाए वो दवा हो तुम, नहीं हो पास हमारे फ़िर भी कोई मलाल नहीं! ख़ुद को तुम्हें सौंप दिया तभी तो अंदर सवाल नहीं!! और सुनो गले लगा लेता हूं जब इस प्रकृति में होती हो गले लगा लेता हूं जब तुम मेरे स्मृति में होती हो।। "अम्बुज मिश्र" ©ambuj mishra

#Happy_Hug_Day  हां! 
मैं तुम्हें रोज गले लगा लेता हूं,
सुबह उठते ही शाम तक तुम्हारा चेहरा यूं सामनें देख तब! 
मैं तुम्हें गले लगा लेता हूं,
सुबह की ताज़ी धूप और शाम की सौंदर्य लालिमा जब भी मेरे तन पे पड़ती है तब! 
मैं तुम्हें गले लगा लेता हूं!!
इस दिखावे की दुनिया में जब कोई निस्वार्थ प्रेम करता है तब! 
मैं तुम्हें गले लगा लेता हूं,
कभी कभी जब मैं दुखित होता हूं, टूट जाता हूं और फ़िर अचानक मेरे अंदर स्फूर्ति का आना, तय है!
मैं तुम्हें गले लगा लेता हूं,
गर्मी की शीतल हवा हो तुम,
सर्द मौसम में जो गर्मी लाए वो दवा हो तुम,
नहीं हो पास हमारे फ़िर भी कोई मलाल नहीं!
ख़ुद को तुम्हें सौंप दिया तभी तो अंदर सवाल नहीं!!

और सुनो

गले लगा लेता हूं जब इस प्रकृति में होती हो
गले लगा लेता हूं जब तुम मेरे स्मृति में होती हो।।
           "अम्बुज मिश्र"

©ambuj mishra

हां! मैं तुम्हें रोज गले लगा लेता हूं, सुबह उठते ही शाम तक तुम्हारा चेहरा यूं सामनें देख तब! मैं तुम्हें गले लगा लेता हूं, सुबह की ताज़ी धूम और शाम की सौंदर्य लालिमा जब भी मेरे शरीर पे पड़ती है तब! मैं तुम्हें गले लगा लेता हूं!! इस दिखावे की दुनिया में जब कोई निस्वार्थ प्रेम करता है तब! मैं तुम्हें गले लगा लेता हूं, कभी कभी जब मैं दुखित होता हूं, टूट जाता हूं और फ़िर अचानक मेरे अंदर स्फूर्ति का आना, तय है! मैं तुम्हें गले लगा लेता हूं, गर्मी की शीतल हवा हो तुम, सर्द मौसम में जो गर्मी लाए वो दवा हो तुम, नहीं हो पास हमारे, फ़िर भी कोई मलाल नहीं! ख़ुद को तुम्हें सौंप दिया तभी तो अंदर सवाल नहीं!! और सुनो! गले लगा लेता हूं जब तुम इस प्रकृति में होती हो। गले लगा लेता हूं जब तुम हमारे स्मृति में होती हो।। "अम्बुज मिश्र" ©ambuj mishra

#Hug  हां! 
मैं तुम्हें रोज गले लगा लेता हूं,
सुबह उठते ही शाम तक तुम्हारा चेहरा यूं सामनें देख तब! 
मैं तुम्हें गले लगा लेता हूं,
सुबह की ताज़ी धूम और शाम की सौंदर्य लालिमा जब भी मेरे शरीर पे पड़ती है तब! 
मैं तुम्हें गले लगा लेता हूं!!
इस दिखावे की दुनिया में जब कोई निस्वार्थ प्रेम करता है तब! 
मैं तुम्हें गले लगा लेता हूं,
कभी कभी जब मैं दुखित होता हूं, टूट जाता हूं और फ़िर अचानक मेरे अंदर स्फूर्ति का आना, तय है!
मैं तुम्हें गले लगा लेता हूं,
गर्मी की शीतल हवा हो तुम,
सर्द मौसम में जो गर्मी लाए वो दवा हो तुम,
नहीं हो पास हमारे, फ़िर भी कोई मलाल नहीं!
ख़ुद को तुम्हें सौंप दिया तभी तो अंदर सवाल नहीं!!

और सुनो!

गले लगा लेता हूं जब तुम इस प्रकृति में होती हो।
गले लगा लेता हूं जब तुम हमारे स्मृति में होती हो।।
           "अम्बुज मिश्र"

©ambuj mishra

#Hug

5 Love

है चाह मेरी कि तुम्हें पा लूं , फ़िर रुक जाता हूं जमानें के डर से हर क्षण उठता है तूफ़ान मेरे अन्तर्मन में, जो चाहता है तोड़ना इस परंपरा को! जो चाहता है छोड़ना सुंदर कविता के अंतरा को!! फ़िर भी तुम घबराना मत मैं इस चेतन मन को संतुलित कर लूंगा, विछोह के दर्द को मैं उन्मूलित कर लूंगा, एक टीस बनकर रह जाओगे आप जो हमेशा स्मरण कराएगी मुझे, बस जीवित रखूंगा उन सकारत्मक यादों को, फ़िर भी मैं रह लूंगा आपके बगैर क्यूंकि उन बीते हुए बातों को याद कर जो हम दोनों ने किया था, जिसमें साथ जीनें मरनें की जो कसमें खाईं थीं, पता था अंजाम क्या होगा? फ़िर भी इस रिश्ते को हम दोनों ने पूरी ईमानदारी से निभाई थी, सूर्य का ढलना मुझे कभी कभी साहस से भर देता है जो हमेशा बताता है इस जीवन के चक्र को कि एक केंद्र बिंदु है जिसपे मिलन लिखा हुआ है, जिसको महसूस मात्र मन प्रफुल्लित हो उठता है, सुबह इंतजार करता है शाम का और शाम इंतजार करता है सुबह का, इन दोनों को कभी अलग नहीं किया जा सकता है। ये एक दूसरे के पूरक हैं, एक के बिना दूसरा अधूरा है तो दूसरे के बिना पहला। एक को दूसरे के प्रति ये प्रेम देखकर आत्मीय ख़ुशी की अनुभूति होती है, पता है उन्हें भी की एकसाथ मिलना संभव नहीं है फ़िर भी! आशाएं हैं जो उनके विश्वास को नहीं तोड़ती। इन्हीं आशाओं में मैं जिनें की कोशिश करूंगा और? और उस केंद्र बिंदु को तलाशने कि हर सम्भव प्रयास करूंगा।। "अंम्बुज मिश्र" ©ambuj mishra

#InternationalEducationDay #कविता  है चाह मेरी कि तुम्हें पा लूं ,
फ़िर रुक जाता हूं जमानें के डर से
हर क्षण उठता है तूफ़ान मेरे अन्तर्मन में,
जो चाहता है तोड़ना इस 
परंपरा को!
जो चाहता है छोड़ना सुंदर कविता के 
अंतरा को!!
फ़िर भी तुम घबराना मत
मैं इस चेतन मन को संतुलित कर लूंगा,
विछोह के दर्द को मैं उन्मूलित कर लूंगा,
एक टीस बनकर रह जाओगे आप
जो हमेशा स्मरण कराएगी मुझे,
बस जीवित रखूंगा उन सकारत्मक यादों को,
फ़िर भी मैं रह लूंगा आपके बगैर क्यूंकि
उन बीते हुए बातों को याद कर जो हम दोनों ने किया था,
जिसमें साथ जीनें मरनें की जो कसमें खाईं थीं,
पता था अंजाम क्या होगा?
फ़िर भी इस रिश्ते को हम दोनों ने पूरी ईमानदारी से निभाई थी,
सूर्य का ढलना मुझे कभी कभी साहस से भर देता है जो
हमेशा बताता है इस जीवन के चक्र को कि
एक केंद्र बिंदु है जिसपे मिलन लिखा हुआ है,
जिसको महसूस मात्र मन प्रफुल्लित हो उठता है,
सुबह इंतजार करता है शाम का 
और शाम इंतजार करता है सुबह का,
इन दोनों को कभी अलग नहीं किया जा सकता है।
ये एक दूसरे के पूरक हैं,
 एक के बिना दूसरा अधूरा है तो दूसरे के बिना पहला।
एक को दूसरे के प्रति ये प्रेम देखकर आत्मीय ख़ुशी की अनुभूति होती है,
पता है उन्हें भी की एकसाथ मिलना संभव नहीं है
फ़िर भी! आशाएं हैं जो उनके विश्वास को नहीं तोड़ती।
इन्हीं आशाओं में मैं जिनें की कोशिश करूंगा और?
और उस केंद्र बिंदु को तलाशने कि हर सम्भव प्रयास करूंगा।।
                "अंम्बुज मिश्र"

©ambuj mishra

#InternationalEducationDay @Pallavi Srivastava कुछ लफ़्ज @Anshu writer Saleha ashfaq Prajwal Bhalerao

8 Love

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