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रचना दिनांक,,16,, नवम्बर 2024 वार। शनिवार समय। सुबह पांच बजे ््निज विचार ्् ्््भावचित्र ््् ्््शीर्षक ््् ्््ऐ नज़र ््््निजविचार्भावचित्र ् ्शीर्षक ् ऐ नज़र बड़े खुश नसीब है वो,, जो अपने होते नहीं देख सकते थे।।1।। जिन्हें अपना कहते थकते नहीं थे,, वो लफ्जो से आस्तीन के सांप बन गये।। देखें सपनो में खो गए ऐ नज़र,, वो लफ्जो का नूर काफ़िर बन गया।।3।। कहने को परखना तन मन नहीं,, ये पूतला माटी का नही है।।4।। ये इबादत अकीदत पेश किया गया,, मेरे हजूर नबी की खिदमत में पेश है।5। ये अल्फाज़ नगीना है नूर है,, ये साफ़ आयना मेरे ज़िगर से है।6। ये ईमान लिखूं या प्रेम की हकीकत,, ऐ नज़र इश्क में जो कुछ लिखा गया,, वो मतला तेरे ख्यालों का,, ये नूर ए नज़र रुहानी जिंदगी का।7। यूं ही पत्थरों को तराशते रहे,, किसी कि याद में जिंदगीसवार दी।8। ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ्् किसी की यादों में हम दिलों सए ©Shailendra Anand

#शायरी  रचना दिनांक,,16,, नवम्बर 2024
वार। शनिवार
समय। सुबह पांच बजे
््निज विचार ््
्््भावचित्र ्््
्््शीर्षक ्््
 ्््ऐ नज़र ््््निजविचार्भावचित्र ्
  ्शीर्षक ्
ऐ नज़र 
     बड़े खुश नसीब है वो,,
     जो अपने होते नहीं देख सकते थे।।1।।
    जिन्हें अपना कहते थकते नहीं थे,,
    वो लफ्जो से आस्तीन के सांप बन गये।।      
     देखें सपनो में खो गए ऐ नज़र,,
     वो लफ्जो का नूर काफ़िर बन गया।।3।।
     कहने को परखना तन मन नहीं,,
     ये पूतला माटी का नही है।।4।।
      ये इबादत अकीदत पेश किया गया,,
      मेरे हजूर नबी की खिदमत में पेश है।5। 
      ये अल्फाज़ नगीना है नूर है,,
      ये साफ़ आयना मेरे ज़िगर से है।6।
        ये ईमान लिखूं या प्रेम की हकीकत,,
        ऐ नज़र इश्क में जो कुछ लिखा गया,, 
         वो मतला तेरे ख्यालों का,,
         ये नूर ए नज़र रुहानी जिंदगी का।7।
          यूं ही पत्थरों को तराशते रहे,, 
         किसी कि याद में  जिंदगीसवार दी।8।
            ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ््                
            किसी की यादों में हम दिलों सए

©Shailendra Anand

शायरी दर्द ्््््कवि शैलेंद्र आनंद

9 Love

रचना दिनांक,,,15,, नवम्बर,,2024 वार,,,, शुक्रवार समय सुबह दस बजे ्््निज विचार ््् ््भावचित्र ््निज विचार ्् ्भावचित्र ् ्शीर्षक ् ््दर्द ऐं ग़म पर जमाना हंसेगा, फ़कत अश्क आंखों में हमको छुपाना पड़ा्् कहे तो जाने अंजाने में,, आंखें यूंही बदनाम हो गई ्् प्यार करने वाले खूद ही खुद से,, सवाल जवाब बन गये।।1 ।। जो प्यार नहीं करते है वो प्यार के,, मायने क्या समझेगे।।2 ।। वो बस झुठे किस्से ख्याली पुलाव,, बनाने वाले होते हैं ।।3 ।। जिन्हें किसी की मोहब्बत भरी नज़रों से,, ना था कोई वास्ता ना,ही, कोई रिश्ता नाता, बस वो ग़म ऐं द़र्द पर जिंदगी के मज़ाक उड़ाते हैं।।4 ।। वो लफ्जो का मोल अश्कों का तोल ,, और मेरे प्यारे नयनों में ढलकते अश्कों के छुपने का प्रहर।।5 ।। मेरी मुस्कान मन्द अधर पर ले उड़े होश का आनंद लें,, जो कोमल सा गुलाबी से लाल हो,प्यारी सी जीवन शैली ।।6 ।। शैलेंद्र आनंद की सज गई तस्वीर,, मेरे प्यार की रंगत इस ज़माने में।।7 ।। ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ©Shailendra Anand

#मोटिवेशनल  रचना दिनांक,,,15,, नवम्बर,,2024
वार,,,, शुक्रवार
समय  सुबह   दस  बजे 
्््निज विचार ्््
््भावचित्र ््निज विचार ््
्भावचित्र ्
्शीर्षक ्
््दर्द ऐं ग़म पर जमाना हंसेगा,
फ़कत अश्क आंखों में हमको छुपाना पड़ा््
         कहे तो जाने अंजाने में,,
आंखें यूंही बदनाम हो गई ््
प्यार करने वाले खूद ही खुद से,,
 सवाल जवाब बन गये।।1 ।।
जो प्यार नहीं करते है वो प्यार के,,
 मायने क्या समझेगे।।2 ।।
वो बस झुठे किस्से ख्याली पुलाव,,
बनाने वाले होते हैं ।।3 ।।
जिन्हें किसी की मोहब्बत भरी नज़रों से,,
ना था कोई वास्ता ना,ही, कोई रिश्ता नाता,
बस वो ग़म ऐं द़र्द पर जिंदगी के मज़ाक उड़ाते हैं।।4 ।।
वो लफ्जो का मोल अश्कों का तोल ,,
और मेरे प्यारे नयनों में ढलकते अश्कों के 
छुपने का प्रहर।।5 ।।
 मेरी मुस्कान मन्द अधर पर ले उड़े होश का आनंद लें,,
 जो कोमल सा गुलाबी से लाल हो,प्यारी सी जीवन शैली ।।6 ।।
शैलेंद्र आनंद की सज गई तस्वीर,,
 मेरे प्यार की रंगत इस ज़माने में।।7 ।।
            ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद

©Shailendra Anand

सायरी मोटिवेशन ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद

11 Love

White रचना दिनांक,,,29,,,10,,,2024 वार,,,मंगल वार समय सुबह। ,,4..30 ,,््बजे ््््निजविचार ््् ्््भावचित्र ्् ्््शीर्षक ्् ््््धनवंतरी पूजन ््् ््््छाया चित्र में दिखाया गया है धनवंतरी पूजणऔषधीय गुणान्चा जीवन में , एक आयुर्वेद में रोग उपचारधन संपत्ति का संवरक्षण में अनर्थकारी अपव्यय को रोकने वाले , सत्कर्मों का स्वरूप हीमानव जीवन की सेवा की औषधी है ््् ्््् कार्तिक कृष्ण पक्ष तिथि त्रयोदशी मंगल वासरे मंगलकारज में , कूबेर और धनकारकं धनलक्ष्मी, विद्या लक्ष्मी कर्म भाव में स्थित है।। मां लक्ष्मी धनदायी धनाध्यक्षं महादेवी पाद प्रक्षालन में, देही नमोस्तुते नमस्ते देवी धनाक्षी धनाध्क्षं धनक्षंरी अखरी नक्षत्री नवकार महालक्ष्मी पूजण मां माहेश्वरी दशा दिशा कर्म से नवीन भाव में ,, समय घड़ी विलक्षण प्रयोग विधि करहु विविध संस्कार जग में,, जगदीश्वरी मां दैवीय शक्ति महाकाली महालक्ष्मी दैवीभ्यौ नमो नमः।।, भाग्यांक में कर्म रेखा में कर्म भूमि वर्चस्व यजमान भाग्य भाव विधाता , कर्म भाव में स्थित सोच योग साधना तपस्या कर्मियों का स्वरूप ही जिंदगी का आनंद स्वरूपा भगवती चरण में आस्था निज भाव से पुजा अर्चना कर रहे हैं।। रुप में स्वरुप में विराज रही हैं मनोभाव अदभुत झलक झकाव स्वपन आत्मप्रेम ,, आत्मसाक्षात्कार भेज मंगल कारकं दिव्य दर्शन कर रहे , आपकी कृपालु दया करो महाराणी यश तेजोमय दिव्य समृद्धि संस्कार, परिवार में, वृद्धि सम्रद्धि सामुद्रिक लच्छिन लक्ष्मी जी प्रसन्न हो ,, पातालकोट पाताल निवासिनि धनधान्य प्रदायिनी।। आनंद करणी इन्द्र देव अर्चनंमाधवं गोविंदं श्रीकृष्णं नमोस्तुते नमोस्तुते नमस्ते अस्तु कर्मणा में, लक्ष्मी नारायण व्दार पाल श्रृषी मुनि संन्यासी का स्वरूप दर्शन मात्र से , कल्याण नमोस्तुते नमोस्तुते मां सरस्वती दैवीय शक्ति पूंज नमो नमः अस्ति ।। जलशायिने जलमध्ये में नयन अश्रुजल बह निकले ध्वनि स्वर पुकार नाद ऐं, क्लीं श्रीं क्लीं श्रीं चामुण्डा देवी गन्धर्व नगरी मध्यप्रदेश देवास में खुशहाली लाती है।। जगत जननी महालक्ष्मी पूजन नमोनारायण दैवीय शक्ति भक्ति भाव सहित,, नायकं आनंद दे यही मेरी कामना उत्साह उमंग हर्षोल्लास है।। ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््् 29,,,10,,,2024 ©Shailendra Anand

#भक्ति #Dhanteras  White रचना दिनांक,,,29,,,10,,,2024
वार,,,मंगल वार
समय सुबह। ,,4..30  ,,््बजे
््््निजविचार ्््
्््भावचित्र ््
्््शीर्षक ््
््््धनवंतरी पूजन ्््
््््छाया चित्र में दिखाया गया है धनवंतरी पूजणऔषधीय गुणान्चा जीवन में ,
एक आयुर्वेद में रोग उपचारधन संपत्ति का संवरक्षण में अनर्थकारी अपव्यय को रोकने वाले ,
सत्कर्मों का स्वरूप हीमानव जीवन की सेवा की औषधी है ्््
््््
कार्तिक कृष्ण पक्ष  तिथि  त्रयोदशी मंगल वासरे मंगलकारज में ,
कूबेर और धनकारकं धनलक्ष्मी, विद्या लक्ष्मी कर्म भाव में स्थित है।।
मां लक्ष्मी धनदायी धनाध्यक्षं महादेवी पाद प्रक्षालन में,
 देही नमोस्तुते नमस्ते देवी धनाक्षी धनाध्क्षं धनक्षंरी अखरी नक्षत्री 
नवकार महालक्ष्मी पूजण मां माहेश्वरी  दशा दिशा कर्म से नवीन भाव में ,,
समय घड़ी विलक्षण प्रयोग विधि करहु विविध संस्कार जग में,,
 जगदीश्वरी मां दैवीय शक्ति महाकाली महालक्ष्मी दैवीभ्यौ नमो नमः।।,
भाग्यांक में कर्म रेखा में कर्म भूमि वर्चस्व यजमान भाग्य भाव विधाता ,
कर्म भाव में स्थित सोच योग साधना तपस्या कर्मियों का स्वरूप ही जिंदगी का
 आनंद स्वरूपा भगवती चरण में आस्था निज भाव से पुजा अर्चना कर रहे हैं।।
 रुप में स्वरुप में विराज रही हैं मनोभाव अदभुत झलक झकाव स्वपन आत्मप्रेम ,,
आत्मसाक्षात्कार भेज मंगल कारकं दिव्य दर्शन कर रहे ,
आपकी कृपालु दया करो महाराणी यश तेजोमय दिव्य समृद्धि संस्कार,
 परिवार में, वृद्धि सम्रद्धि सामुद्रिक लच्छिन लक्ष्मी जी प्रसन्न हो ,,
पातालकोट पाताल निवासिनि धनधान्य प्रदायिनी।।
आनंद करणी इन्द्र देव अर्चनंमाधवं गोविंदं श्रीकृष्णं नमोस्तुते नमोस्तुते नमस्ते अस्तु कर्मणा में,
 लक्ष्मी नारायण व्दार पाल श्रृषी मुनि संन्यासी का स्वरूप दर्शन मात्र से ,
कल्याण नमोस्तुते नमोस्तुते मां सरस्वती दैवीय शक्ति पूंज नमो नमः अस्ति ।।
जलशायिने जलमध्ये में नयन अश्रुजल बह निकले ध्वनि स्वर पुकार नाद ऐं,
 क्लीं श्रीं क्लीं श्रीं चामुण्डा देवी गन्धर्व नगरी मध्यप्रदेश देवास में खुशहाली लाती है।।
 जगत जननी महालक्ष्मी पूजन नमोनारायण दैवीय शक्ति भक्ति भाव सहित,,
 नायकं आनंद दे यही मेरी कामना उत्साह उमंग हर्षोल्लास है।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््
29,,,10,,,2024

©Shailendra Anand

#Dhanteras भक्ति वीडियो कवि शैलेंद्र आनंद

11 Love

बहुत मित्र कभी नहीं होते मित्र जीवन में कम ही हो सकते है पहचान बहुतों से हो सकती है सहजता बहुतों से हो सकती है पहचान दुनिया से हो सकती है उससे कम लोगो से संबंध हो सकते है उससे और कम लोगो से मित्रता हो सकती है उससे और कम लोगो पर विश्वास हो सकता है उससे भी और कम लोगो से प्रेम हो सकता है ऐसा प्रेम स्थायी और अनंत होता है जो जीवन की किसी परिस्थिति में समाप्त नहीं होता । ©seema patidar

#Bhakti  बहुत मित्र कभी नहीं होते 
मित्र जीवन में कम ही हो सकते है
पहचान बहुतों से हो सकती है
सहजता बहुतों से हो सकती है
पहचान दुनिया से हो सकती है
उससे कम लोगो से संबंध हो सकते है
उससे और कम लोगो से मित्रता हो सकती है
उससे और कम लोगो पर विश्वास हो सकता है
उससे भी और कम लोगो से प्रेम हो सकता है
ऐसा प्रेम स्थायी और अनंत होता है
जो जीवन की किसी परिस्थिति में समाप्त नहीं होता ।

©seema patidar

आनंद पथ

12 Love

White विधि करहु विविध संस्कार जग में,, मैं लेखक कवि शैलेंद्र आनंद हूं।। स्वतंत्र आवाज़ में दबाव रहित ना ग़ुप ना समुह ना किसी संगठन का मैं गुलाम हूं।। मैं तो भारत प्रजातांत्रिक देश का कूलदीपक हूं।। ना कोई मेरा तेरा मन करे वो लफ्जो से भावना से कर्म से भाग्य विधाता सर्वग्य है।। जिसका आनंद करण जौहर में जलना रणकौशल वीरों की शान है।। अगर मगर ख्याल रखना झण्डाबदार सरकार का दायित्व नहीं है,, कलम दवात कागज पर लिखकर चित्र विचित्र बात है।। मां भगवती चरण शरण में, मैं शैलेंद्र आनंद तुम्हारा अपना मित्र सहोदर भ्राता हूं तुम्हारी आन बान शान में कसीदे पढ़े लिखे लोग पार्टी नहीं देश बडा है महान है।। मैं गांधी,सुभाष, भगतसिंह, अब्दुल हमीद,, और ,नेहरु इंदिरा गांधी की आवाज का कायल हूं।। जय हिन्द जय भारत मां भारती को सदैव तत्पर प्रमाण पत्र प्रणाम,, मेरा नाम शैलेंद्र आनंद, जवान वन्देमातरम कहना है और ,, भारत मां शब्द में प्राणपण लफ्ज़ में समा जाना है।। ्््भावचित्र निज विचार ्््््कवि शैलेंद्र आनंद https://www.facebook.com/share/p/hRnvXghQhuZCa9Y2/?mibextid=oFDknk ©Shailendra Anand

#भक्ति #Dussehra  White विधि करहु विविध संस्कार जग में,,
मैं लेखक कवि शैलेंद्र आनंद हूं।।
स्वतंत्र आवाज़ में दबाव रहित ना ग़ुप ना समुह ना किसी संगठन का मैं गुलाम हूं।।
मैं तो भारत प्रजातांत्रिक देश का कूलदीपक हूं।।
ना कोई मेरा तेरा मन करे वो लफ्जो से भावना से कर्म से भाग्य विधाता सर्वग्य है।।
जिसका आनंद करण जौहर में जलना रणकौशल वीरों की शान है।।
अगर मगर ख्याल रखना झण्डाबदार सरकार का दायित्व नहीं है,,
 कलम दवात कागज पर लिखकर चित्र विचित्र बात है।।
मां भगवती चरण शरण में,
मैं शैलेंद्र आनंद तुम्हारा अपना मित्र सहोदर भ्राता हूं तुम्हारी आन बान शान में कसीदे पढ़े लिखे लोग पार्टी नहीं देश बडा है महान है।।
मैं गांधी,सुभाष, भगतसिंह, अब्दुल हमीद,,
 और ,नेहरु इंदिरा गांधी की आवाज का कायल हूं।।
जय हिन्द जय भारत मां भारती को सदैव तत्पर प्रमाण पत्र प्रणाम,,
 मेरा नाम शैलेंद्र आनंद,
जवान वन्देमातरम कहना है और ,,
भारत मां शब्द में प्राणपण लफ्ज़ में समा जाना है।।
्््भावचित्र
 निज विचार
्््््कवि शैलेंद्र आनंद https://www.facebook.com/share/p/hRnvXghQhuZCa9Y2/?mibextid=oFDknk

©Shailendra Anand

#Dussehra देश भक्ति ्् कवि शैलेंद्र आनंद

9 Love

जज़्बातों की खाई में, फिसल गए चिकनाई में, उऋण नहीं हो पायेंगे, उम्र कटी भरपाई में, अपनापन का अंदेशा, फिसलन है इस काई में, प्रेम प्यार सब भूल गए, झूठी मान बड़ाई में, फैशन के युग में यारों, फर्क़ न चाचा ताई में, लालच लोभ बढ़े इतने, प्रेम न भाई भाई में, 'गुंजन' ये महसूस हुआ, सुख आनंद भलाई में, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज ©Shashi Bhushan Mishra

#मोटिवेशनल #सुख  जज़्बातों   की   खाई में, 
फिसल गए चिकनाई में,

उऋण  नहीं  हो  पायेंगे,
उम्र    कटी   भरपाई में,

अपनापन  का   अंदेशा, 
फिसलन है इस काई में,

प्रेम प्यार सब भूल गए,  
झूठी   मान   बड़ाई में,

फैशन  के  युग में यारों, 
फर्क़  न  चाचा ताई में,

लालच लोभ बढ़े इतने, 
प्रेम  न   भाई  भाई में,

'गुंजन' ये महसूस हुआ, 
सुख आनंद  भलाई में, 
   --शशि भूषण मिश्र
     'गुंजन' प्रयागराज

©Shashi Bhushan Mishra

#सुख आनंद भलाई में#

10 Love

रचना दिनांक,,16,, नवम्बर 2024 वार। शनिवार समय। सुबह पांच बजे ््निज विचार ्् ्््भावचित्र ््् ्््शीर्षक ््् ्््ऐ नज़र ््््निजविचार्भावचित्र ् ्शीर्षक ् ऐ नज़र बड़े खुश नसीब है वो,, जो अपने होते नहीं देख सकते थे।।1।। जिन्हें अपना कहते थकते नहीं थे,, वो लफ्जो से आस्तीन के सांप बन गये।। देखें सपनो में खो गए ऐ नज़र,, वो लफ्जो का नूर काफ़िर बन गया।।3।। कहने को परखना तन मन नहीं,, ये पूतला माटी का नही है।।4।। ये इबादत अकीदत पेश किया गया,, मेरे हजूर नबी की खिदमत में पेश है।5। ये अल्फाज़ नगीना है नूर है,, ये साफ़ आयना मेरे ज़िगर से है।6। ये ईमान लिखूं या प्रेम की हकीकत,, ऐ नज़र इश्क में जो कुछ लिखा गया,, वो मतला तेरे ख्यालों का,, ये नूर ए नज़र रुहानी जिंदगी का।7। यूं ही पत्थरों को तराशते रहे,, किसी कि याद में जिंदगीसवार दी।8। ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ्् किसी की यादों में हम दिलों सए ©Shailendra Anand

#शायरी  रचना दिनांक,,16,, नवम्बर 2024
वार। शनिवार
समय। सुबह पांच बजे
््निज विचार ््
्््भावचित्र ्््
्््शीर्षक ्््
 ्््ऐ नज़र ््््निजविचार्भावचित्र ्
  ्शीर्षक ्
ऐ नज़र 
     बड़े खुश नसीब है वो,,
     जो अपने होते नहीं देख सकते थे।।1।।
    जिन्हें अपना कहते थकते नहीं थे,,
    वो लफ्जो से आस्तीन के सांप बन गये।।      
     देखें सपनो में खो गए ऐ नज़र,,
     वो लफ्जो का नूर काफ़िर बन गया।।3।।
     कहने को परखना तन मन नहीं,,
     ये पूतला माटी का नही है।।4।।
      ये इबादत अकीदत पेश किया गया,,
      मेरे हजूर नबी की खिदमत में पेश है।5। 
      ये अल्फाज़ नगीना है नूर है,,
      ये साफ़ आयना मेरे ज़िगर से है।6।
        ये ईमान लिखूं या प्रेम की हकीकत,,
        ऐ नज़र इश्क में जो कुछ लिखा गया,, 
         वो मतला तेरे ख्यालों का,,
         ये नूर ए नज़र रुहानी जिंदगी का।7।
          यूं ही पत्थरों को तराशते रहे,, 
         किसी कि याद में  जिंदगीसवार दी।8।
            ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ््                
            किसी की यादों में हम दिलों सए

©Shailendra Anand

शायरी दर्द ्््््कवि शैलेंद्र आनंद

9 Love

रचना दिनांक,,,15,, नवम्बर,,2024 वार,,,, शुक्रवार समय सुबह दस बजे ्््निज विचार ््् ््भावचित्र ््निज विचार ्् ्भावचित्र ् ्शीर्षक ् ््दर्द ऐं ग़म पर जमाना हंसेगा, फ़कत अश्क आंखों में हमको छुपाना पड़ा्् कहे तो जाने अंजाने में,, आंखें यूंही बदनाम हो गई ्् प्यार करने वाले खूद ही खुद से,, सवाल जवाब बन गये।।1 ।। जो प्यार नहीं करते है वो प्यार के,, मायने क्या समझेगे।।2 ।। वो बस झुठे किस्से ख्याली पुलाव,, बनाने वाले होते हैं ।।3 ।। जिन्हें किसी की मोहब्बत भरी नज़रों से,, ना था कोई वास्ता ना,ही, कोई रिश्ता नाता, बस वो ग़म ऐं द़र्द पर जिंदगी के मज़ाक उड़ाते हैं।।4 ।। वो लफ्जो का मोल अश्कों का तोल ,, और मेरे प्यारे नयनों में ढलकते अश्कों के छुपने का प्रहर।।5 ।। मेरी मुस्कान मन्द अधर पर ले उड़े होश का आनंद लें,, जो कोमल सा गुलाबी से लाल हो,प्यारी सी जीवन शैली ।।6 ।। शैलेंद्र आनंद की सज गई तस्वीर,, मेरे प्यार की रंगत इस ज़माने में।।7 ।। ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ©Shailendra Anand

#मोटिवेशनल  रचना दिनांक,,,15,, नवम्बर,,2024
वार,,,, शुक्रवार
समय  सुबह   दस  बजे 
्््निज विचार ्््
््भावचित्र ््निज विचार ््
्भावचित्र ्
्शीर्षक ्
््दर्द ऐं ग़म पर जमाना हंसेगा,
फ़कत अश्क आंखों में हमको छुपाना पड़ा््
         कहे तो जाने अंजाने में,,
आंखें यूंही बदनाम हो गई ््
प्यार करने वाले खूद ही खुद से,,
 सवाल जवाब बन गये।।1 ।।
जो प्यार नहीं करते है वो प्यार के,,
 मायने क्या समझेगे।।2 ।।
वो बस झुठे किस्से ख्याली पुलाव,,
बनाने वाले होते हैं ।।3 ।।
जिन्हें किसी की मोहब्बत भरी नज़रों से,,
ना था कोई वास्ता ना,ही, कोई रिश्ता नाता,
बस वो ग़म ऐं द़र्द पर जिंदगी के मज़ाक उड़ाते हैं।।4 ।।
वो लफ्जो का मोल अश्कों का तोल ,,
और मेरे प्यारे नयनों में ढलकते अश्कों के 
छुपने का प्रहर।।5 ।।
 मेरी मुस्कान मन्द अधर पर ले उड़े होश का आनंद लें,,
 जो कोमल सा गुलाबी से लाल हो,प्यारी सी जीवन शैली ।।6 ।।
शैलेंद्र आनंद की सज गई तस्वीर,,
 मेरे प्यार की रंगत इस ज़माने में।।7 ।।
            ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद

©Shailendra Anand

सायरी मोटिवेशन ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद

11 Love

White रचना दिनांक,,,29,,,10,,,2024 वार,,,मंगल वार समय सुबह। ,,4..30 ,,््बजे ््््निजविचार ््् ्््भावचित्र ्् ्््शीर्षक ्् ््््धनवंतरी पूजन ््् ््््छाया चित्र में दिखाया गया है धनवंतरी पूजणऔषधीय गुणान्चा जीवन में , एक आयुर्वेद में रोग उपचारधन संपत्ति का संवरक्षण में अनर्थकारी अपव्यय को रोकने वाले , सत्कर्मों का स्वरूप हीमानव जीवन की सेवा की औषधी है ््् ्््् कार्तिक कृष्ण पक्ष तिथि त्रयोदशी मंगल वासरे मंगलकारज में , कूबेर और धनकारकं धनलक्ष्मी, विद्या लक्ष्मी कर्म भाव में स्थित है।। मां लक्ष्मी धनदायी धनाध्यक्षं महादेवी पाद प्रक्षालन में, देही नमोस्तुते नमस्ते देवी धनाक्षी धनाध्क्षं धनक्षंरी अखरी नक्षत्री नवकार महालक्ष्मी पूजण मां माहेश्वरी दशा दिशा कर्म से नवीन भाव में ,, समय घड़ी विलक्षण प्रयोग विधि करहु विविध संस्कार जग में,, जगदीश्वरी मां दैवीय शक्ति महाकाली महालक्ष्मी दैवीभ्यौ नमो नमः।।, भाग्यांक में कर्म रेखा में कर्म भूमि वर्चस्व यजमान भाग्य भाव विधाता , कर्म भाव में स्थित सोच योग साधना तपस्या कर्मियों का स्वरूप ही जिंदगी का आनंद स्वरूपा भगवती चरण में आस्था निज भाव से पुजा अर्चना कर रहे हैं।। रुप में स्वरुप में विराज रही हैं मनोभाव अदभुत झलक झकाव स्वपन आत्मप्रेम ,, आत्मसाक्षात्कार भेज मंगल कारकं दिव्य दर्शन कर रहे , आपकी कृपालु दया करो महाराणी यश तेजोमय दिव्य समृद्धि संस्कार, परिवार में, वृद्धि सम्रद्धि सामुद्रिक लच्छिन लक्ष्मी जी प्रसन्न हो ,, पातालकोट पाताल निवासिनि धनधान्य प्रदायिनी।। आनंद करणी इन्द्र देव अर्चनंमाधवं गोविंदं श्रीकृष्णं नमोस्तुते नमोस्तुते नमस्ते अस्तु कर्मणा में, लक्ष्मी नारायण व्दार पाल श्रृषी मुनि संन्यासी का स्वरूप दर्शन मात्र से , कल्याण नमोस्तुते नमोस्तुते मां सरस्वती दैवीय शक्ति पूंज नमो नमः अस्ति ।। जलशायिने जलमध्ये में नयन अश्रुजल बह निकले ध्वनि स्वर पुकार नाद ऐं, क्लीं श्रीं क्लीं श्रीं चामुण्डा देवी गन्धर्व नगरी मध्यप्रदेश देवास में खुशहाली लाती है।। जगत जननी महालक्ष्मी पूजन नमोनारायण दैवीय शक्ति भक्ति भाव सहित,, नायकं आनंद दे यही मेरी कामना उत्साह उमंग हर्षोल्लास है।। ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््् 29,,,10,,,2024 ©Shailendra Anand

#भक्ति #Dhanteras  White रचना दिनांक,,,29,,,10,,,2024
वार,,,मंगल वार
समय सुबह। ,,4..30  ,,््बजे
््््निजविचार ्््
्््भावचित्र ््
्््शीर्षक ््
््््धनवंतरी पूजन ्््
््््छाया चित्र में दिखाया गया है धनवंतरी पूजणऔषधीय गुणान्चा जीवन में ,
एक आयुर्वेद में रोग उपचारधन संपत्ति का संवरक्षण में अनर्थकारी अपव्यय को रोकने वाले ,
सत्कर्मों का स्वरूप हीमानव जीवन की सेवा की औषधी है ्््
््््
कार्तिक कृष्ण पक्ष  तिथि  त्रयोदशी मंगल वासरे मंगलकारज में ,
कूबेर और धनकारकं धनलक्ष्मी, विद्या लक्ष्मी कर्म भाव में स्थित है।।
मां लक्ष्मी धनदायी धनाध्यक्षं महादेवी पाद प्रक्षालन में,
 देही नमोस्तुते नमस्ते देवी धनाक्षी धनाध्क्षं धनक्षंरी अखरी नक्षत्री 
नवकार महालक्ष्मी पूजण मां माहेश्वरी  दशा दिशा कर्म से नवीन भाव में ,,
समय घड़ी विलक्षण प्रयोग विधि करहु विविध संस्कार जग में,,
 जगदीश्वरी मां दैवीय शक्ति महाकाली महालक्ष्मी दैवीभ्यौ नमो नमः।।,
भाग्यांक में कर्म रेखा में कर्म भूमि वर्चस्व यजमान भाग्य भाव विधाता ,
कर्म भाव में स्थित सोच योग साधना तपस्या कर्मियों का स्वरूप ही जिंदगी का
 आनंद स्वरूपा भगवती चरण में आस्था निज भाव से पुजा अर्चना कर रहे हैं।।
 रुप में स्वरुप में विराज रही हैं मनोभाव अदभुत झलक झकाव स्वपन आत्मप्रेम ,,
आत्मसाक्षात्कार भेज मंगल कारकं दिव्य दर्शन कर रहे ,
आपकी कृपालु दया करो महाराणी यश तेजोमय दिव्य समृद्धि संस्कार,
 परिवार में, वृद्धि सम्रद्धि सामुद्रिक लच्छिन लक्ष्मी जी प्रसन्न हो ,,
पातालकोट पाताल निवासिनि धनधान्य प्रदायिनी।।
आनंद करणी इन्द्र देव अर्चनंमाधवं गोविंदं श्रीकृष्णं नमोस्तुते नमोस्तुते नमस्ते अस्तु कर्मणा में,
 लक्ष्मी नारायण व्दार पाल श्रृषी मुनि संन्यासी का स्वरूप दर्शन मात्र से ,
कल्याण नमोस्तुते नमोस्तुते मां सरस्वती दैवीय शक्ति पूंज नमो नमः अस्ति ।।
जलशायिने जलमध्ये में नयन अश्रुजल बह निकले ध्वनि स्वर पुकार नाद ऐं,
 क्लीं श्रीं क्लीं श्रीं चामुण्डा देवी गन्धर्व नगरी मध्यप्रदेश देवास में खुशहाली लाती है।।
 जगत जननी महालक्ष्मी पूजन नमोनारायण दैवीय शक्ति भक्ति भाव सहित,,
 नायकं आनंद दे यही मेरी कामना उत्साह उमंग हर्षोल्लास है।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््
29,,,10,,,2024

©Shailendra Anand

#Dhanteras भक्ति वीडियो कवि शैलेंद्र आनंद

11 Love

बहुत मित्र कभी नहीं होते मित्र जीवन में कम ही हो सकते है पहचान बहुतों से हो सकती है सहजता बहुतों से हो सकती है पहचान दुनिया से हो सकती है उससे कम लोगो से संबंध हो सकते है उससे और कम लोगो से मित्रता हो सकती है उससे और कम लोगो पर विश्वास हो सकता है उससे भी और कम लोगो से प्रेम हो सकता है ऐसा प्रेम स्थायी और अनंत होता है जो जीवन की किसी परिस्थिति में समाप्त नहीं होता । ©seema patidar

#Bhakti  बहुत मित्र कभी नहीं होते 
मित्र जीवन में कम ही हो सकते है
पहचान बहुतों से हो सकती है
सहजता बहुतों से हो सकती है
पहचान दुनिया से हो सकती है
उससे कम लोगो से संबंध हो सकते है
उससे और कम लोगो से मित्रता हो सकती है
उससे और कम लोगो पर विश्वास हो सकता है
उससे भी और कम लोगो से प्रेम हो सकता है
ऐसा प्रेम स्थायी और अनंत होता है
जो जीवन की किसी परिस्थिति में समाप्त नहीं होता ।

©seema patidar

आनंद पथ

12 Love

White विधि करहु विविध संस्कार जग में,, मैं लेखक कवि शैलेंद्र आनंद हूं।। स्वतंत्र आवाज़ में दबाव रहित ना ग़ुप ना समुह ना किसी संगठन का मैं गुलाम हूं।। मैं तो भारत प्रजातांत्रिक देश का कूलदीपक हूं।। ना कोई मेरा तेरा मन करे वो लफ्जो से भावना से कर्म से भाग्य विधाता सर्वग्य है।। जिसका आनंद करण जौहर में जलना रणकौशल वीरों की शान है।। अगर मगर ख्याल रखना झण्डाबदार सरकार का दायित्व नहीं है,, कलम दवात कागज पर लिखकर चित्र विचित्र बात है।। मां भगवती चरण शरण में, मैं शैलेंद्र आनंद तुम्हारा अपना मित्र सहोदर भ्राता हूं तुम्हारी आन बान शान में कसीदे पढ़े लिखे लोग पार्टी नहीं देश बडा है महान है।। मैं गांधी,सुभाष, भगतसिंह, अब्दुल हमीद,, और ,नेहरु इंदिरा गांधी की आवाज का कायल हूं।। जय हिन्द जय भारत मां भारती को सदैव तत्पर प्रमाण पत्र प्रणाम,, मेरा नाम शैलेंद्र आनंद, जवान वन्देमातरम कहना है और ,, भारत मां शब्द में प्राणपण लफ्ज़ में समा जाना है।। ्््भावचित्र निज विचार ्््््कवि शैलेंद्र आनंद https://www.facebook.com/share/p/hRnvXghQhuZCa9Y2/?mibextid=oFDknk ©Shailendra Anand

#भक्ति #Dussehra  White विधि करहु विविध संस्कार जग में,,
मैं लेखक कवि शैलेंद्र आनंद हूं।।
स्वतंत्र आवाज़ में दबाव रहित ना ग़ुप ना समुह ना किसी संगठन का मैं गुलाम हूं।।
मैं तो भारत प्रजातांत्रिक देश का कूलदीपक हूं।।
ना कोई मेरा तेरा मन करे वो लफ्जो से भावना से कर्म से भाग्य विधाता सर्वग्य है।।
जिसका आनंद करण जौहर में जलना रणकौशल वीरों की शान है।।
अगर मगर ख्याल रखना झण्डाबदार सरकार का दायित्व नहीं है,,
 कलम दवात कागज पर लिखकर चित्र विचित्र बात है।।
मां भगवती चरण शरण में,
मैं शैलेंद्र आनंद तुम्हारा अपना मित्र सहोदर भ्राता हूं तुम्हारी आन बान शान में कसीदे पढ़े लिखे लोग पार्टी नहीं देश बडा है महान है।।
मैं गांधी,सुभाष, भगतसिंह, अब्दुल हमीद,,
 और ,नेहरु इंदिरा गांधी की आवाज का कायल हूं।।
जय हिन्द जय भारत मां भारती को सदैव तत्पर प्रमाण पत्र प्रणाम,,
 मेरा नाम शैलेंद्र आनंद,
जवान वन्देमातरम कहना है और ,,
भारत मां शब्द में प्राणपण लफ्ज़ में समा जाना है।।
्््भावचित्र
 निज विचार
्््््कवि शैलेंद्र आनंद https://www.facebook.com/share/p/hRnvXghQhuZCa9Y2/?mibextid=oFDknk

©Shailendra Anand

#Dussehra देश भक्ति ्् कवि शैलेंद्र आनंद

9 Love

जज़्बातों की खाई में, फिसल गए चिकनाई में, उऋण नहीं हो पायेंगे, उम्र कटी भरपाई में, अपनापन का अंदेशा, फिसलन है इस काई में, प्रेम प्यार सब भूल गए, झूठी मान बड़ाई में, फैशन के युग में यारों, फर्क़ न चाचा ताई में, लालच लोभ बढ़े इतने, प्रेम न भाई भाई में, 'गुंजन' ये महसूस हुआ, सुख आनंद भलाई में, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज ©Shashi Bhushan Mishra

#मोटिवेशनल #सुख  जज़्बातों   की   खाई में, 
फिसल गए चिकनाई में,

उऋण  नहीं  हो  पायेंगे,
उम्र    कटी   भरपाई में,

अपनापन  का   अंदेशा, 
फिसलन है इस काई में,

प्रेम प्यार सब भूल गए,  
झूठी   मान   बड़ाई में,

फैशन  के  युग में यारों, 
फर्क़  न  चाचा ताई में,

लालच लोभ बढ़े इतने, 
प्रेम  न   भाई  भाई में,

'गुंजन' ये महसूस हुआ, 
सुख आनंद  भलाई में, 
   --शशि भूषण मिश्र
     'गुंजन' प्रयागराज

©Shashi Bhushan Mishra

#सुख आनंद भलाई में#

10 Love

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