ZIndagi quotes
चर्चे करूं शरीफों की महफिल में ऐसी तुझमें कोई बात नहीं।
चार दिन की मोहब्बत में तुझे जीजू बुलवाऊ
अबे ! निकल इतनी तेरी औकात नहीं।
✍️khushi singh tomer
जूठा पैमाना मुझे मुंह से लगाना नहीं आता।
हर किसी को चाहत मुझे बनाना नहीं आता।
मेरे दोस्त तुझे भाभी बुलाएंगे यह ख्वाब ख्वाब ही रखना।
मुझे छछूंदरों को सर पर चढ़ाना नहीं आता।
✍️R.N
ZIndagi quotes
चर्चे करूं शरीफों की महफिल में ऐसी तुझमें कोई बात नहीं।
चार दिन की मोहब्बत में तुझे जीजू बुलवाऊ
अबे ! निकल इतनी तेरी औकात नहीं।
✍️khushi singh tomer
जूठा पैमाना मुझे मुंह से लगाना नहीं आता।
हर किसी को चाहत मुझे बनाना नहीं आता।
मेरे दोस्त तुझे भाभी बुलाएंगे यह ख्वाब ख्वाब ही रखना।
मुझे छछूंदरों को सर पर चढ़ाना नहीं आता।
✍️R.N
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ZIndagi quotes वक्त भी क्या है समजने वाले भी नहीं समझ पाते क्यों की ये एक सा होकर भी सबके लिए अलग होता है
शिवम् प्रजापति ✍️✍️✍️✍️
ZIndagi quotes वक्त भी क्या है समजने वाले भी नहीं समझ पाते क्यों की ये एक सा होकर भी सबके लिए अलग होता है
शिवम् प्रजापति ✍️✍️✍️✍️
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ZIndagi quotes इन मौसमों से क्या गिला है जब बिन बारिश के आँखें बरसती हैं
चरागों के जलने जैसी आग मेरे दिल में जब जला करती है
अब तो बर्फ के मौसम में भी मुझे वसंत पंचमी लगती है
जब तुम्हें बुखार होता है तब हमें भी हराहरत और सर्दी सी लगती है
ZIndagi quotes इन मौसमों से क्या गिला है जब बिन बारिश के आँखें बरसती हैं
चरागों के जलने जैसी आग मेरे दिल में जब जला करती है
अब तो बर्फ के मौसम में भी मुझे वसंत पंचमी लगती है
जब तुम्हें बुखार होता है तब हमें भी हराहरत और सर्दी सी लगती है
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ZIndagi quotes मेरे अंदर एक बुरी आदत है,
मै सबको अच्छा समझा लेता हु....
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