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#जय_श्री_नारायण #संजोगिनी #neverendingoverthinking #ज़िन्दगी #नीना_झा #Currency  भारत... एक माता 

पढ़ी कई पुस्तकें विद्यालय में,
मग़र कहीं वो जवाब मिला नहीं,
अच्छों के साथ बुरा और बुरे के साथ होता अच्छा क्यों?

विश्विद्यालय में भी उच्च स्तर की पुस्तकें रटी, 
मग़र एक वो बात नहीं अब तक कहीं लिखी देखी,

नर और नारी एक ही प्रजाति हैं,
तो ऊँच-नीच का मुद्दा उठा ही क्यों?
जब बराबर हैं दोनों,
तो समानता का अधिकार पाने का संघर्ष
नारी के हिस्से क्यों?

कई किताबों में दिलचस्पी जगी,
पढ़ा कुछ इतिहास फ़्राँसिस भी,
मग़र दुर्दशा हर सम्त नारी की हुई,
फ़िर भला कैसे मिले उन्नति किसी देश को!

और आज भी एक यही बात समझ नहीं आयी,
जननी के पल पल चीरहरण के बावजूद,
'भारत', एक माता कहलाई!कैसे और क्यों?

नीना झा
#संजोगिनी

©Neena Jha

#Currency #neverendingoverthinking #नीना_झा #जय_श्री_नारायण #संजोगिनी जय माँ शारदे 🙏 सादर प्रणाम मंच 🙏 विषय... भारत... एक माता पढ़ी कई पुस्तकें विद्यालय में,

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ज़ख़्म ताज़े थे, तो दर्द भी मीठा था, ज़ख़्म जो निशां बने, तो दर्द निशां खो बैठा। भूक जब मासूम थी, तो हम सोने की चिड़िया थे, भूक जो गुमराह हुई, मैं नफ़रत के बीज बो बैठा। रविकुमार ©Ravi Kumar Panchwal

#शायरी #Currency  ज़ख़्म ताज़े थे, तो दर्द भी मीठा था,
ज़ख़्म जो निशां बने, तो दर्द निशां खो बैठा।
भूक जब मासूम थी, तो हम सोने की चिड़िया थे,
भूक जो गुमराह हुई, मैं नफ़रत के बीज बो बैठा।
रविकुमार

©Ravi Kumar Panchwal

#Currency

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#कुर्सी #चुनाव #विचार #झगडा #Currency  घर का झगड़ा सड़कों पर
खंजर चल रहे इक दूजे पर
आरोप प्रत्यारोप के बेलगाम
कहीं कुनबा ना हो अब बर्बाद.

©Balwant Mehta

लोकतंत्र अब बस नाम का ही रह गया ! सत्ता के समक्ष हर कोई नतमस्तक हुआ !! जनता की गाढ़ी कमाई सत्ता हड़प बैठी है ! जनता की बचत हड़पने की तैयारी की है !! घर की रक़म नोट बंदी में बैंकों में पहुँचा दी ! बड़े घरानों को कर्ज़ दे बैंकें ही डूबा दी !! कोई आज कोई कल हाथ खड़े कर देगा ! पाँच लाख से अधिक जमा पे ठेंगा ही दिखा देगा !! पाँच लाख में ना शिक्षा पूरी होगी न ही चिकित्सा ! यानि खुद्दारी से जी पाने का ख़तम ही हो जायेगा किस्सा !! हे राम... - आवेश हिंदुस्तानी 01.03.2023 ©Ashok Mangal

#कविता #JanMannKiBaat #AaveshVaani #Currency  लोकतंत्र अब बस नाम का ही रह गया !
सत्ता के समक्ष हर कोई नतमस्तक हुआ !!

जनता की गाढ़ी कमाई सत्ता हड़प बैठी है !
जनता की बचत हड़पने की तैयारी की है !!

घर की रक़म नोट बंदी में बैंकों में पहुँचा दी !
बड़े घरानों को कर्ज़ दे बैंकें ही डूबा दी !!

कोई आज कोई कल हाथ खड़े कर देगा !
पाँच लाख से अधिक जमा पे ठेंगा ही दिखा देगा !!

पाँच लाख में ना शिक्षा पूरी होगी न ही चिकित्सा !
यानि खुद्दारी से जी पाने का ख़तम ही हो जायेगा किस्सा !!

हे राम...

- आवेश हिंदुस्तानी 01.03.2023

©Ashok Mangal
#ਸ਼ਾਇਰੀ  ਆਖਣ ਨੂੰ ਤਾਂ
ਹੱਥਾਂ ਦੀ ਮੈਲ ਹੈ ਪੈਸਾ
ਪਰ
ਮਨ 'ਤੇ ਮੈਲ ਜਮਾਉਂਦਾ ਹੈ
ਪੈਸਾ

©Maninder Kaur Bedi

ਪੈਸਾ

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#सस्पेंस #MSHINDUSTANI  आदमी बिकने लगा जबसे चंद पैसों मैं
किसी के ईमान का कोई ठिकाना नहीं रहा

©MS_HINDUSTANI

#MSHINDUSTANI Dhyaan mira @Yogita Agarwal @Mamta kumari Dayal "दीप, Goswami.. @isha rajput

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